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धमाका_बड़ी_खबर: लद्दाख की श्योक नदी में अचानक जल स्तर बढ़ने से टैंक टी-72 पर सवार भारतीय सेना के 5 जवान शहीद

शनिवार, 29 जून 2024

/ by Vipin Shukla Mama
लद्दाख। लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी इलाके में बड़ा हादसा हो गया है. देर रात करीब 3 बजे अभ्यास के दौरान नदी पार करते समय अचानक नदी का जलस्तर बढ़ गया जिसमें टैंक टी-72 पर सवार सेना के जवान फंस गए. इस हादसे में सेना के पांच जवान शहीद हो गए हैं, एक जवान को बचाने में सफलता  मिली है. इनकी पहचान रिसालदार एमआर के रेड्डी, दफादार भूपेंद्र नेगी, लांस दफादार अकदुम तैयबम, हवलदार ए खान और नागराज पी के रूप में हुई है. आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि ये टैंक प्रशिक्षण मिशन पर था. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया पर ये जानकारी दी. बताया जा रहा है कि दुर्घनाग्रस्‍त टैंक टी-72 है. यह घटना लेह से 148 किलोमीटर दूर मंदिर मोड़ के पास देर रात करीब एक बजे अभ्यास के दौरान हुई.
सेना ने बताया कैसे हुआ हादसा 
लेह में सेना के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) ने एक बयान में कहा, "28 जून, 2024 की रात एक सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास के बाद, पूर्वी लद्दाख के सासेर ब्रांगसा के पास श्योक नदी में अचानक जल स्तर बढ़ने के कारण सेना का एक टैंक फंस गया. बचाव दल घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन तेज बहाव और अधिक जल स्तर के कारण बचाव अभियान सफल नहीं हो सका और टैंक के चालक दल के सदस्यों की जान चली गई. भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख में अभियानगत तैनाती के दौरान पांच बहादुर जवानों की मौत की घटना पर खेद व्यक्त करती है."
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना...
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख टैंक हादसे पर कहा, "लद्दाख में एक नदी के पार टैंक ले जाते समय एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में हमारे पांच बहादुर भारतीय सेना के जवानों की जान जाने पर गहरा दुख हुआ. हम राष्ट्र के प्रति अपने वीर सैनिकों की अनुकरणीय सेवा को कभी नहीं भूलेंगे. शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदना. दुख की इस घड़ी में देश उनके साथ मजबूती से खड़ा है."
लद्दाख क्षेत्र में ये हादसा तब हुआ, जब उस नदी में जलस्‍तर अचानक बढ़ गया, जिससे टैंक गुजर रहे थे. आधिकारिक सूत्रों ने लद्दाख क्षेत्र के लेह शहर से आईएएनएस को बताया कि शुक्रवार को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास दौलत बेग ओडे इलाके में टैंक युद्ध का अभ्यास चल रहा था. भारतीय सेना के जवानों के साथ ये हादसा चीन के साथ लगने वाली सीमा यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास हुआ है. दौलत बेग ओल्डी कारकोरम रेंज में स्थित है, जहां सेना का बेस मौजूद है.
इस युद्ध अभ्यास के दौरान टैंकों द्वारा जिस जलधारा को पार किया जा रहा था, ऊंचाई वाले इलाकों में बादल फटने के कारण अचानक उसमें बाढ़ आ गई. सूत्रों ने कहा, "एक टैंक अचानक आई बाढ़ में फंस गया, जिसमें 5 सैनिक शहीद हो गए." सूत्रों ने बताया कि इस हादसे में मारे गए जवानों में एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर शामिल हैं.
भारतीय सेना का टी-72 टैंक
भारतीय सेना का टी-72 टैंक बेहद दमदार होता है. 'अजय' के नाम से पुकारे जाने वाले टी-72 टैंक का वजन 41 हजार किलोग्राम है. इसकी ऊंचाई 2,190 एमएम है चौड़ाई 3,460 एमएम. टी-72 टैंक सड़क पर आसानी से अधिकतम 60 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम है. 'अजेय' में 125 एमएम की तोप होती है, जिसकी मारक क्षमता 4,500 मीटर की दूरी तक है.बता दें कि T-72 टैंक में तीन लोगों की बैठने की क्षमता होती है. इस टैंक पर कमांडर, एक गनर और एक ड्राइवर होता है. लेकिन बताया जा रहा हैं की प्रैक्टिस के दौरान इस टैंक में 5 जवान सवार थे. ये टैंक 16.4 फीट गहरी नदियों को पार करने की क्षमता रखता है. अगर टैंक का इंजन पानी के भीतर बंद हो जाता है, तो इसे 6 सेकंड के भीतर फिर से चालू करना होता है. ऐसा नहीं करने पर कम दबाव होने के कारण T-72 के इंजन में पानी भर जाता है.
राहुल गांधी ने दी श्रद्धांजलि
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, 'लद्दाख में टैंक के नदी पार करने के सैन्य अभ्यास के दौरान हुए हादसे में भारतीय सेना के पांच जवानों की शहादत का समाचार अत्यंत दुखद है. सभी शहीद जवानों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं. दुख की इस घड़ी में हम उनके साथ खड़े हैं. उनका समर्पण, सेवा और बलिदान देश सदा याद रखेगा.
कहां है दौलत बेग ओल्डी, जहां हुआ हादसा
दौलत बेग ओल्डी उत्तरी लद्दाख में कराकोरम रेंज के बीच में स्थित एक पारंपरिक शिविर स्थल और वर्तमान सैन्य अड्डा है. यह लद्दाख और तारिम बेसिन के बीच ऐतिहासिक व्यापार मार्ग पर है. कराकोरम दर्रे से पहले यह अंतिम शिविर स्थल है. कहा जाता है कि इसका नाम सुल्तान सईद खान (दौलत बेग) के नाम पर रखा गया है. सईद खान की लद्दाख और कश्मीर पर आक्रमण से लौटते समय यहीं मृत्यु हो गई थी. चीनी नियंत्रित अक्साई चिन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पूर्व में पाँच मील की दूरी पर है.
सीमा विवाद को लेकर भारत चीन के बीच रहता हैं तनाव
सीमा विवाद को लेकर लद्दाख में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच मई 2020 से तनाव चल रहा है. इसका समाधान अभी तक नहीं हो पाया है. इस साल जनवरी में सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा था कि भारतीय सेना उत्तरी सीमा पर चीन के साथ किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है.
जनरल पांडे ने कहा था- हमने LAC पर अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं. सेना प्रमुख ने कहा था कि लद्दाख में स्थिति स्थिर लेकिन संवेदनशील है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में कहा था कि तीसरे कार्यकाल में NDA सरकार का ध्यान LAC पर चीन के साथ लंबित मुद्दों को हल करने पर होगा.
लद्दाख में पिछले साल 9 जवान शहीद हुए थे लद्दाख में पिछले साल सेना की एक गाड़ी 60 फीट खाई में गिर गई थी. हादसे में 9 जवानों की मौत हो गई थी. सेना के इस काफिले में पांच गाड़ियां शामिल थीं. जिसमें 34 जवान सवार थे. इस हादसे में एक जवान घायल भी हुआ था. ड्राइवर के नियंत्रण खोने से ट्रक खाई में जा गिरा था.















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