Varanasi वाराणसी। "9 साल के बालक प्रभात को वाराणसी जोन का ADG बनाकर वर्दी वालों ने देश वासियों के दिल जीत लिए" हमारा दावा है की ये खबर आपके दिल को छू लेगी। दरअसल Varanasi वाराणसी उत्तर प्रदेश में एक 9 साल के बालक को 1 दिन के लिए वाराणसी जोन का एडीजी ADG बनाया गया। इस नन्हे पुलिस महानिदेशक को देखकर हर कोई हैरान रह गया। पुलिस के बड़े अधिकारियों से लेकर छोटे अधिकारियों ने इस नन्हे अधिकारी को सैल्यूट किया, हाथ मिलाया। जब ये दौर चला तो उस बालक के चेहरे की खुशी देखते ही बन रही थी। अब आपके मन में भी सवाल होगा कि आखिर वाराणसी जोन का एडीजे एक 9 साल के बच्चे को क्यों बनाया गया? दरअसल 1 दिन के लिए बनाए गए 9 साल के एडीजी का नाम प्रभात रंजन है। प्रभात, प्रतापगढ़ के तेकुना का रहने वाला है। बता दें कि प्रभात कैंसर से पीड़ित है और उसका सपना है कि वह बड़ा होकर आईपीएस अधिकारी बनेगा और देश की सेवा करेगा। जब ये बात किसी तरह स्थानीय पुलिस अधिकारियों को पता लगी तो उन्होंने इंसानियत के साथ संवेदनशीलता दिखाते हुए
प्रभात को मंगलवार यानी 25 जून 2024 के दिन एक दिन के लिए वाराणसी का अतिरिक्त पुलिश महानिदेशक बनाया गया। प्रभात के पिता का नाम रंजीत दास और माता का नाम संजु देवी है। कैंसर से पीड़ित प्रभात का इलाज महामना कैंसर अस्पताल में चल रहा है, जहां वह जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा है। (देखिए वीडियो)चल रहा प्रभात का इलाज
जानकारी के अनुसार, प्रभात को कैंसर होने का पता परिवार को पिछले साल नवंबर में ही लगा। अब उसके ब्रेन ट्यूमर का इलाज महामना कैंसर अस्पताल वाराणसी में चल रहा है। पिछले दिनों एक संस्था अस्पताल में बच्चों से मुलाकात करने पहुंची थी। वहां संस्था ने प्रभात से भी मुलाकात की। कैंसर से पीड़ित और उससे लड़ाई लड़ रहे प्रभात ने संस्था के सदस्यों से कहा था कि वह आगे जाकर आईपीएस अधिकारी बनना चाहता है और देश की सेवा करना चाहता है।
तब पुलिस अधिकारियों ने इच्छा की पूरी
बता दें कि प्रभात का इलाज डॉक्टरों द्वारा लगातार किया जा रहा है। मगर अभी भी उसकी कैंसर से जंग जारी है। ये जंग दिनों दिन मुश्किल होती जा रही है। इसी बीच बच्चे के बारे में वाराणसी एडीजे को जानकारी मिली। पुलिस अधिकारी को पता चला कि प्रभात आईपीएस अधिकारी बनना चाहता है।
ऐसे में पुलिस अधिकारी ने प्रभात की इच्छा पूरी करने की ठान ली। पुलिस अधिकारियों ने कैंसर से पीड़ित 9 साल के प्रभात को एक दिन का एडीजे बनाने का फैसला ले लिया। पुलिस अधिकारियों ने भी प्रभात के लिए वर्दी सिलवाई और प्रभात को दफ्तर बुलाकर उसे पूरे सम्मान के साथ सशस्त्र बल का चार्ज दे दिया गया। इस दौरान पुलिस के सभी वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद रहे और सभी ने प्रभात को सैल्यूट करके उससे हाथ भी मिलाया।
जिप्सी में बैठकर किया निरीक्षण
बता दें कि प्रभात ने बकायदा जिप्सी में बैठकर निरीक्षण किया और पुलिसकर्मियों की सलामी ली। 9 साल के प्रभात के चेहरे पर इस दौरान काफी खुशी थी। उसे लग रहा था कि वह अपना सपना जी रहा है। कैंसर से जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे मासूम प्रभात को देखकर पुलिसकर्मी भी भावुक नजर आए।

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