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धमाका खास खबर: विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर विशेष, "स्वस्थ तन ही जीवन का धन, सुरक्षित भोजन बेहतर स्वास्थ्य की गारंटी"

गुरुवार, 6 जून 2024

/ by Vipin Shukla Mama
*डॉ. केशव पाण्डेय
*रोटी, कपड़ा और मकान मानव की बुनियादी जरूरत हैं। इससे ज्यादा महत्वपूर्ण है भोजन की गुणवत्ता और उसकी सुनिश्चितता। खाद्य जनित जोखिमों को रोकने, पता लगाने और प्रबंधित करने में मदद करने के लिए ध्यान आकर्षित किया जा सके इसके लिए भारतीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियाँ आम जनता को सुरक्षित भोजन के महत्व के बारे में पर्याप्त जानकारी प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। क्योंकि खाद्य सुरक्षा- स्वास्थ्य सुरक्षा, आर्थिक लाभ और व्यापार, वैश्विक अर्थव्यवस्था, कृषि और खाद्य उत्पाद, सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व के साथ पर्यावरणीय संरक्षण में महत्वूर्ण भूमिका निभाती है। साथ ही पर्यटन और सतत् विकास में योगदान देती है। इसका मुख्य उद्देश्य खाद्य सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना और खाद्य जनित रोगों पर नियंत्रण के उपायों को प्रोत्साहित करना हैं। विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर जानते हैं इसका इतिहास, थीम और महत्व।*  
  7 जून को देश के साथ ही दुनिया भर में विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जाता है।संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने खाद्य सुरक्षा के महत्व और सभी के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने खाद्य जनित खतरों को रोकने व पता लगाने और प्रबंधित करने की आवश्यकता को उजागर करने के लिए इस दिन की स्थापना की। 
इसके इतिहास की बात करें तो, यूएन ने अपनी दो एजेंसियों खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को दुनिया भर में खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के प्रयासों का नेतृत्व करने का दायित्व सौंपा है। डब्ल्यूएचओ ने संयुक्त राष्ट्र के एफएओ के सहयोग से 7 जून 2019 को पहले खाद्य सुरक्षा दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। 20 दिसंबर 2018 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 7 जून को “सुरक्षित भोजन के असंख्य लाभों का जश्न मनाने“ के दिन के रूप में चिह्नित करने का प्रस्ताव लाया गया था। विश्व स्वास्थ्य सभा ने 3 अगस्त, 2020 को एक प्रस्ताव पारित कर 7 जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस घोषित किया।
यह दिवस इस बात को सुनिश्चित करने के प्रयासों को बढ़ावा देने का एक अवसर है कि मनुष्य का भोजन सुरक्षित हो। क्योंकि इस दिवस का मुख्य उद्देश्य दूषित भोजन से जुड़े संभावित जोखिमों और बीमारी को रोकने के लिए प्रभावी खाद्य सुरक्षा उपायों की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाना और आने वाली चुनौतियों पर विचार करना है। जिसमें सुरक्षित भोजन तक पहुँच की कमी, गरीबी और संघर्ष शामिल हैं।
खाद्य सुरक्षा मानव अधिकार के साथ ही सभी को सुरक्षित और पौष्टिक भोजन का उपभोग करने का अधिकार भी है। यह जानना महत्वपूर्ण है कि कौन से खाद्य पदार्थ सुरक्षित हैं और हमारे स्वास्थ्य को नुकसान नहीं पहुँचाते हैं। देश में एक प्रसिद्ध कहावत है कि “स्वास्थ्य ही धन है।“ सुरक्षित भोजन अच्छे स्वास्थ्य की सबसे महत्वपूर्ण गारंटी है। असुरक्षित खाद्य पदार्थ विभिन्न बीमारियों का कारण बनते हैं और स्वास्थ्य को खराब करते हैं। जिसमें बिगड़ा हुआ विकास, सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी, संक्रामक या गैर-संक्रामक रोग और मानसिक बीमारी शामिल हैं। 
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दुनिया भर में हर साल 10 में से एक व्यक्ति खाद्य जनित बीमारियों से प्रभावित होता है। हर साल 600 मिलियन लोग विभिन्न खाद्य जनित बीमारियों के शिकार होते हैं। इनमें 5 साल से कम उम्र के बच्चों को ज्यादा ख़तरा होता है। निर्धन बस्तियों में दूषित भोजन के सेवन के कारण बीमारियाँ होने का ख़तरा ज़्यादा होता है। 
बात करते हैं कि आखिर क्या है खाद्य सुरक्षा? खाद्य सुरक्षा का अर्थ है खाद्य पदार्थों में सुरक्षित, स्वीकार्य स्तर के खतरों का अभाव जो मानव के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। खाद्य जनित खतरे रासायनिक या भौतिक प्रकृति के हो सकते हैं और अक्सर साधारण आंखों से दिखाई नहीं देते हैं।
इसी उद्देश्य से वर्ष 2024 में ’खाद्य सुरक्षा : "सुरक्षित भोजन बेहतर स्वास्थ्य “ थीम रखी गई है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार यह थीम खाद्य सुरक्षा घटनाओं के लिए तैयार रहने के महत्व को रेखांकित करता है, चाहे वह कितनी भी हल्की या गंभीर क्यों न हों।
इसी दृष्टिकोण से विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस का महत्व और बढ़ जाता है। यह उपभोक्ताओं को खाद्य सुरक्षा के बारे में शिक्षित करने और उन्हें खाद्य जनित बीमारियों को रोकने के लिए सावधानी बरतने के लिए प्रोत्साहित करने का अवसर भी प्रदान करता है। खाद्य सुरक्षा के महत्व को कुछ बिंदुओं के माध्यम से ऐसे समझा जा सकता है।
स्वास्थ्य सुरक्षा : सुरक्षित और स्वच्छ खाद्य पदार्थ लोगों को बीमारियों से बचाते हैं। 
आर्थिक लाभ : खाद्य सुरक्षा व्यवस्था पर भारी खर्च होता है। इसे सुनिश्चित करने से चिकित्सा खर्चों में कमी आती है। आर्थिक स्थिरता बनी रहती है।
व्यापार और वैश्विक अर्थव्यवस्था : खाद्य सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने से खाद्य उत्पादों का वैश्विक व्यापार बढ़ता है, और निर्यात प्रोत्साहित होता है।
कृषि और खाद्य उत्पादन : सुरक्षित खाद्य उत्पादन तकनीक अपनाने से कृषि में सुधार होता है, खाद्य आपूर्ति की विश्वसनीयता बढ़ती है।
सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व : सुरक्षित खाद्य उपलब्ध कराने से समाज समृद्ध होता है.
पर्यावरणीय संरक्षण : सुरक्षित और स्वच्छ खाद्य उत्पादन प्रणालियाँ पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाती हैं और संसाधनों का बेहतर उपयोग करती हैं।
“माइक जोहान्स“ ने कहा था कि हमें भी यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करने होंगे कि खाद्य सुरक्षा हमेशा सर्वोपरि रहे। उद्योग के साथ यथा संभव आक्रामक तरीके से काम करेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हम खाद्य सुरक्षा के मुद्दों पर ध्यान दे रहे हैं। वहीं हिप्पेक्रेट्स ने कहा था कि अपने भोजन को अपनी दवा बनाओ और अपनी दवा को अपना भोजन बनाओ। 
ऐसे में जरूरी हो जाता है कि खाद्य उद्योग के प्रत्येक सदस्य को खेत से लेकर खाने की थाली तक एक ऐसी संस्कृति बनानी होगी जहां खाद्य सुरक्षा और पोषण सर्वोपरि हो। तभी हम गर्व के साथ कह सकेंगे कि “स्वस्थ तन ही सर्वोत्तम धन“ है।

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