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धमाका खास खबर: खेलों के साथ संस्कार की कोशिश, "वृद्ध आश्रम पहुंचे एनसी अकादमी के बच्चे, बुजुर्गों की सेवाकर लिया उनका आशीर्वाद"

रविवार, 2 जून 2024

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। बच्चे कोरी किताब होते हैं, उस पर जो, जैसा लिख दिया जाए वैसे ही बच्चे उसे आत्मसात कर लेते हैं। अगर देखरेख न की जाए, अच्छे संस्कार न दिए जाएं तो फिर वे आगे चलकर एक बेहतरीन इंसान नहीं बन पाते। इसके लिए माता पिता के साथ जरूरी हो जाता हैं वे जिस स्कूल में जाते हैं, या कोचिंग, खेल अकादमी इन सबकी जिमेदारी बनती हैं की बच्चों में अच्छे संस्कार डालें। शहर की एक ऐसी ही खेल अकादमी हैं एनसी अकादमी जिसे निखिल चोकसे बीते कई साल से संचालित कर रहे हैं। उनकी अकादमी के कई होनहार राष्ट्रीय स्तर पर परचम लहरा चुके हैं। निखिल न सिर्फ खेल बल्कि अन्य रोचक गतिविधियों से खुद जुड़े रहते हैं और बच्चों को भी जोड़े रहते हैं। इसी क्रम में बीते रोज एनसी अकैडमी शिवपुरी क्लब के बैडमिंटन एवं टेबल टेनिस के सभी नन्हे मुन्ने खिलाड़ियों को वृद्धाश्रम ले जाया गया। उद्देश्य था बुजुर्ग कैसे रहते हैं, क्या करते हैं, उनकी दिनचर्या कैसी हैं, आदि। बच्चे आश्रम पहुंचे और वृद्ध जनों के बीच पहुंचकर सेवा का संकल्प लिया एवं बुजुर्गों से आशीर्वाद प्राप्त किया।
प्रशिक्षक निखिल चौकसे बच्चों को खेल की बारीकियो के साथ-साथ दे रहे हैं बुजुर्गों को सम्मान एवं संस्कार का भी प्रशिक्षण
निखिल से जब धमाका न्यूज ने बातचीत की तो उनका कहना हैं...
1-  हमने प्रयास किया है कि सर्वप्रथम अपने माता-पिता का धन्यवाद दो जिन्होंने इतना खूबसूरत जीवन आपको दिया है। चाहे कोई भी आपकी इच्छा हो उसमें आपको बेहतर शिक्षा, सुविधा, कोचिंग एवं खेल प्रशिक्षण सुविधाएं दिलाने के लिए हमेशा माता-पिता प्रयासरत रहते हैं। 
हमने अकादमी के सभी नोनिहालों से यह अपील की है कि वह सर्वप्रथम अपने माता-पिता को धन्यवाद दे जिन्होंने उनके लिए बहुत मेहनत करके इस खूबसूरत जीवन को बच्चों के लिए बुना है।
2- हमने प्रयास किया है बच्चों से कि वह अपने दादा-दादी के साथ दिनभर में जरूर कुछ समय व्यतीत करें। कारण हैं की आज कल के इस भाग दौड़ भरे जीवन में इस ऑनलाइन युग में बच्चे इतने व्यस्त हो गए हैं कि वह अपने दादा दादी के साथ कम समय व्यतीत कर पाते हैं।
उन्होंने कहा है कि जैसे आपके प्रथम दोस्त आपके दादा-दादी हैं वैसे ही आपके दादा-दादी के महत्वपूर्ण दोस्त आप बच्चे ही होते हैं।
3 -हमने प्रयास किया है कि सभी बच्चे यदि कोई जरूरतमंद व्यक्ति मिलता है तो उसे पैसे देने की वजाएउसे कुछ खाने पीने की चीज दिलवा दे। प्रयास हो की बुजुर्ग, लाचार हो तो हस्ष्टपुष्ट को नहीं।














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