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बालश्रम, बाल हिंसा एवं बाल विवाह रोकथाम विषय पर जागरूकता कार्यक्रम

गुरुवार, 13 जून 2024

/ by Vipin Shukla Mama

*बाल श्रम बच्चों के विकास का सबसे बड़ी बाधा *मजदूरी में लगे बच्चे नशे की गिरफ्त में आ जाते है और शोषण के शिकार भी होते है
करेरा। बाल श्रम बच्चों को सिर्फ शिक्षा से ही बंचित नहीं करता, बल्कि वे विकास के सभी अवसरों से बंचित रह जाते है। मजदूरी करने वाले बच्चे नशे की गिरफ्त में आकर गलत रास्तों की ओर चले जाते है। बाल मजदूरों का शारीरिक और मानसिक शोषण भी बड़ी संख्या में होता है। यह बात परियोजना अधिकारी रविरमन परासर ने कही।
बीते रोज विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर महिला एवं बाल विकास तथा ममता एचएमआईसी द्वारा संयुक्त रूप से बालश्रम, बाल हिंसा एवं बाल विवाह रोकथाम विषय पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें बाल श्रम उन्मूलन के संबंध में उपस्थित सुपरवाइजरों एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को बाल श्रम के दुष्प्रभाव बताते हुए रोकथाम के लिए प्रोत्साहित किया गया। ममता संस्था की जिला समन्वयक कल्पना रायजादा ने बाल श्रम निषेध कानून में हुए संसोधन की जानकारी देते हुए बताया कि 14 वर्ष तक के बच्चों को किसी भी स्थिति में नियोजित नहीं किया जा सकता। 14 वर्ष से 18 वर्ष के बच्चों से शर्तों के अधीन काम लिया जा सकता है,किंतु उसके नियोजन की जानकारी श्रम विभाग को देना आवश्यक होगा। बच्चों से स्कूल समय और शाम 7 बजे से सुबह के 8 बजे के बीच काम नहीं लिया जा सकता।
दुकानदारों को स्टीकर लगाकर जागरूक किया कार्यक्रम में पर्यवेक्षकों को बाल संरक्षण संबंधी पुस्तकों का वितरण भी किया गया।
कार्यक्रम के अंत में कैलाश सत्यार्थी फाऊंडेशन की ओर से गिर्राज धाकड़ द्वारा बाजार में दुकानदारों को बाल श्रम
रोकने हेतु प्रेरित करते हुए बाल श्रम रोकने हेतु स्टीकर लगाने के साथ उन्हें शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम में सुपरवाइजर विनीता पाठक, राज प्रभा मौर्य, प्रतिभा सेंगर , सलमा देवी बैरागी, ज्योति तिवारी, भारती शर्मा, ममता सिंह एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं उपस्थित रहीं।















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