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धमाका न्यूज: विश्व स्किल सेल एनीमिया, जागृति अभियान में दो सौ महिलाओ को किया जागरूक

गुरुवार, 20 जून 2024

/ by Vipin Shukla Mama
* आदिवासी इलाकों में स्किल सेल रोग बड़ा खतरा, बचपन में ही दिखने लगते हैं : सीलक्षण करन लाक्ष्याकार सामाजिक कार्यकर्ता 
शिवपुरी।सिकल सेल रोग वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ता हुआ देखा जा रहा है, ये रक्त को प्रभावित करने वाली बीमारी है। इस रोग के कारण रक्त कोशिकाओं के भीतर हीमोग्लोबिन का स्तर प्रभावित होने लगता है। सिकल सेल रोग (एससीडी) सबसे आम वंशानुगत रक्त विकार है। रक्त वाहिकाओं में हीमोग्लोबिन की मात्रा महत्वपूर्ण है, इसी की मदद से आपके पूरे शरीर में ऑक्सीजन का संचार होता है। एससीडी के शिकार लोगों को कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम हो सकता है।सिकल सेल रोग के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से 19 जून को विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस मनाया जाता है। इसी उपलक्ष्य में शक्ति शाली महिला संगठन द्वारा जिला प्रशासन के साथ मिलकर पांच गांव जिनमे मुड़ेरी, गहलोनी, बिलारा, सुरवाया एवम मझेरा में स्किल सेल एनीमिया जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमे। शक्ति शाली महिला संगठन के नोडल ऑफिसर करण    लाक्ष्याकार ने समुदाय को बताया की इसकी जानकारी होना सभी के लिए बहुत जरूरी है।एससीडी के कारण रक्त कोशिका के आकार अर्धचंद्राकार में बदल जाता है और ये कोशिकाओं को कठोर बना देता है। इसके अतिरिक्त, सिकल के आकार की कोशिकाएं सामान्य आकार की लाल रक्त कोशिकाओं की तरह लंबे समय तक नहीं टिक पाती हैं, जिससे रोगी में लाल रक्त कोशिकाओं की निरंतर कमी बनी रहती है। उन्होंने सबसे पहलेधमाका न्यूज: विश्व स्किल सेल एनीमिया, जागृति अभियान में दो सौ महिलाओ को किया जागरूक करने 
एनीमिया और सिकल सेल एनीमिया में क्या अंतर है? ये समुदाय से पूछा तो कोई उत्तर नही मिला।सिकल सेल रोग कई अलग-अलग प्रकार के सिकल सेल विकारों के लिए प्रयोग किया जाने वाला अंब्रेला टर्म है। एससीडी की गंभीर स्थिति को सिकल सेल एनीमिया के रूप में जाना जाता है। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि सिकल सेल रोग लगभग एक लाख अमेरिकियों को प्रभावित करता है। भारत में भी इस रोग का जोखिम अधिक देखा जा रहा है। ग्राम मजहेरा में साहब सिंह ने कहा की भारत के ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में जिन स्वास्थ्य समस्याओं का बोझ सबसे अधिक देखा जाता रहा है, सिकल सेल एनीमिया की समस्या उनमें शीर्ष पर है। सिकल सेल रोग के बढ़ते जोखिमों को देखते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023 भाषण के दौरान साल 2047 तक इस रोग को भारत से जड़ से खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया था। जुलाई 2023 में मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में आयोजित एक कार्यक्रम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन 2047 की शुरुआत की थी। नितिन सेन ने कहा की सिकल सेल रोग का मुख्य कारण एचबीबी जीन में होने वाला आनुवंशिक उत्परिवर्तन है। यही जीन हीमोग्लोबिन के एक बड़े हिस्सा को बनाने के लिए जिम्मेदार है। माता-पिता से कुछ बच्चों को आनुवांशिक रूप से यह रोग मिल सकता है। सिकल सेल रोग के लक्षण 5 से 6 महीने की उम्र में दिखने लगते हैं। एससीडी के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग होते हैं। सिकल सेल रोग आपके शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित कर सकता है। अंत में विनोद गिरी ने सिकल सेल रोग से बचाव और उपचार पर ग्रामीणों को बताया की  सिकल सेल रोग को रोका नहीं जा सकता क्योंकि यह एक आनुवंशिक स्थिति है। यदि आप गर्भवती हैं आनुवंशिक परीक्षण के माध्यम से इसके खतरे का पता लगाने में मदद मिल सकती है। जिन बच्चों में इस रोग का निदान किया जाता है उन्हें उपचार के तौर पर दवाओं के साथ ब्लड ट्रांसफ्यूजन,बोन मैरो ट्रांसप्लांट और जीन थेरेपी की जरूरत हो सकती है। संस्था ने इस अवसर पर 200 से अधिक  महिलाओ को जागरूक किया इस कार्य में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवम आशा कार्यकर्ता ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया साथ में स्कूल के शिक्षक गणों का विशेष सहयोग रहा।














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