शिवपुरी। शासकीय श्रीमंत माधवराव सिंधिया स्नातक महाविद्यालय कोलारस, शिवपुरी में अतिथि विद्वान वाणिज्य विषय के पद पर कार्यरत डॉ. रामजी दास राठौर ने मध्य प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री मोहन यादव जी से पत्र के माध्यम से उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत अतिथि विद्वानों द्वारा आकस्मिक अवकाश प्रयुक्त न करने की स्थिति में नगद भुगतान करने की मांग की है। मुख्यमंत्री मोहन यादव जी को लिखे गए पत्र के बारे में जानकारी देते हुए डॉ रामजी दास राठौर ने बताया कि
मध्य प्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अतिथि विद्वानों को CL (आकस्मिक अवकाश) स्वीकृत की गई है लेकिन मेरे द्वारा आकस्मिक अवकाश एवं ऐच्छिक अवकाश का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं किया गया है। मेरी ही तरह मध्य प्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग में विभिन्न महाविद्यालयों में कार्य कर रहे अन्य अतिथि विद्वान भी मध्य प्रदेश शासन के द्वारा प्रदत्त आकस्मिक अवकाश एवं ऐच्छिक अवकाश का प्रयोग ना करते हुए अपने सभी संबंधित कार्य सामान्य अवकाश के दिनों में ही पूर्ण कर लेते हैं तथा संबंधित महाविद्यालय में अपनी उपस्थिति बेहतर रखते हुए मध्य प्रदेश शासन के द्वारा दिए गए निर्देशों एवं महाविद्यालय से प्राप्त कार्यों का संपादन करते रहते हैं। जिस तरह अर्जित अवकाश का नगदीकरण शासकीय कर्मचारियों को किया जाता है, उसी तरह मध्य प्रदेश शासन के उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत उन अतिथि विद्वानों को शैक्षिक सत्र की अंत में ना लिए गए आकस्मिक अवकाश एवं ऐच्छिक अवकाश का नगदीकरण करके यदि उन्हें बोनस के रूप में दिया जाता है तो ऐसी स्थिति में संबंधित अतिथि विद्वानों में कार्य के प्रति लग्न एवं उत्साह का संचार होगा तथा इस व्यवस्था को देखते हुए अन्य व्यक्ति भी संस्थाओं के प्रति और बेहतर लगन से कार्य करने के लिए प्रेरित होंगे। इस संबंध में नीतिगत निर्णय के आधार पर यदि अतिथि विद्वानों को आकस्मिक अवकाश एवं ऐच्छिक अवकाश के नगदीकरण का लाभ दिया जाता है तो यह उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अतिथि विद्वानों की हित में किया गया एक सार्थक आर्थिक प्रयास होगा।

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