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#धमाका_बड़ी_खबर: प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह महासंघ ने पोषण आहार व्यवस्था को लेकर ज्ञापन सौंपा

बुधवार, 10 जुलाई 2024

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह महासंघ (म.प्र.) मध्यान्ह भोजन सांझा चूल्हा, रसोईया संघ जिला इकाई शिवपुरी के बेनर तले बुधवार को सीएम के नाम का ज्ञापन कलेक्टर शिवपुरी को सौंपा गया। जिसमें आंगनबाडी केन्द्रों पर पोषण आहार व्यवस्था महिला स्व सहायता समूहों से छीनकर इस काम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को लगाए जाने से महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा गरीब बी.पी.एल. कार्डधारी महिलाओं के
विरूद्ध किये गये आदेश पर पुनर्विचार कर न्याय करने की मांग की गई हैं। ज्ञापन को विस्तार देते हुए लिखा की महिला एवं बाल विकास विभाग ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत सभी संभागों की एक-एक परियोजना की सभी आंगनबाड़ियों पर पोषण आहार बनाने और खिलाने का काम
वहां पूर्व से गठित महिला स्व सहायता समूह से छीनकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को देने की योजना बनाई है। इसकी सूचना सामाचार पत्रों से मिल रही है। श्रीमान जी प्रांतीय महिला समूह संघ महिला बाल विकास विभाग द्वारा जारी आदेश का विरोध करता है। इस संबंध में श्रीमान जी का ध्यान निम्न बिंदुओं के माध्यम से अवगत करा रहे हैं। महोदय हमारी मांगे निम्नानुसार हैं -
1. इस व्यवस्था पर पुनर्विचार किया जाए क्योंकि 2007 से पहले आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, तदर्थ समिति के माध्यम से पोषण आहार बनाकर बच्चों को खिलाती थी तब कार्यकर्ताओं पर सेक्टर सुपरवाइजरों तथा सीडीपीओ के माध्यम से इस योजना में फर्जीबाडा करने के आरोप खूब लगते थे, जिससे कुपोषण भी चरम पर पहुंच गया था। 2007 के बाद महिला स्व सहायता समूहों को जब से पोषण आहार की व्यवस्था सोपी है तब से मध्य प्रदेश में कुपोषण ग्राफ तेजी से गिरा है।
2. आंगनबाड़ियों पर कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं से पोषण आहार बनाने, खिलाने की जिम्मेदारी देने से आईसीडीएस की वह गतिविधियां प्रभावित होगी जिसकी उम्मीद सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से लगाए हुए हैं।
3. अगर गरीब बी.पी.एल. कार्डधारी महिला स्व सहायता समूहों से आंगनबाड़ी के पोषण आहार का काम छीना गया तो लाखों की संख्या में मध्य प्रदेश में महिला स्व सहायता समूह से जुडे परिवार बेरोजगार हो जाएंगे, जिससे सरकार की छवि महिला विरोधी और प्रदेश की जनता को बेरोजगारी में धकेलने वाली बन जाएगी।
4. अतः श्रीमान जी से निवेदन है कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा लिए गए महिला विरोधी निर्णय पर रोक लगाई जाकर यथावत रखे जाने की कृपा करें।
नोटः- अगर निर्णय पर पुनर्विचार नहीं किया गया तो पूरे प्रदेश में प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह महासंघ से जुड़ी 12 लाख महिलाएं समूह संघ के बैनर तले महा हड़ताल पर बैठगी व मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगी। जिसकी संपूर्ण जबाबदेही मध्य प्रदेश शासन की होगी।












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