नगर पालिका शिवपुरी द्वारा बड़ोदी स्थित लैंडफिल ग्राउंड पर नियम विरुद्ध तरीके से कचरा डाला जा रहा है जहाँ न तो कचरा को अलग-अलग किया जाता और न ही प्रबंधन की कोई व्यवस्था है जिसके परिणामस्वरूप वहाँ कचरे में मीथेन गैस बन जाने से कचरे में आग लगी रहती है और बहुत बदबू आती हैI यही नहीं वहाँ आसपास के पूरे इलाके में पन्नी प्लास्टिक बिखरा हुआ है जो कि हवा से दूर-दूर तक फैला पड़ा हैIबदबू, धुआ, मच्छर-मक्खी, पन्नी-प्लास्टिक से पीड़ित सीआरपीएफ के जवान
बदबू, धुआ, मच्छर-मक्खी, पन्नी-प्लास्टिक से पीड़ित सीआरपीएफ के जवान एवं अन्य परिवारों द्वारा वर्ष 2019 से सीएमओ एवं अन्य अधिकारियों को अनेक पत्र लिखे गए लेकिन आज दिनांक तक उस पर कोई भी ठोस कार्यवाही नहीं की गईI ऐसे ही जेल अधीक्षक द्वारा वर्ष 2017 से पत्र लिखे जा रहे हैं लेकिन वो आज भी बदबू-गंदगी में रहने को मजबूर हैंI
सीआरपीएफ के आईजी द्वारा सीएमओ एवं अन्य अधिकारियों को अनेक पत्रों के माध्यम से बताया गया कि कैसे 700 से अधिक जवान जिनकी ट्रेनिंग आतंकवाद से लड़ने को हो रही है लेकिन वो सारे जवान को स्वच्छ हवा तक नसीब नही हो पा रही हैI
कचरे में जब बारिश का पानी जाता है तब भूजल में केमिकल आदि जाने से पूरा भूजल ख़राब हो सकता है और यही नहीं कचरे के कारण आसपास लोगों को श्वास एवं पेट से सम्बंधित बीमारियाँ बहुत ज्यादा हो रही हैंI
इस गंभीर विषय को लेकर जिले के युवा और जनहित के बिंदुओं पर सदैव सजग अधिवक्ता अभय जैन एवं आदित्य श्रीवास्ताव द्वारा इस मुद्दे को उठाया गया एवं एक लम्बी तैयारी के बाद एनजीटी में याचिका दायर की गईI जिसके परिणाम आना शुरू हो गए हैं।
एनजीटी द्वारा मामले का संज्ञान लेते हुए तत्काल नगर पालिका, प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड, कलेक्टर शिवपुरी आदि को नोटिस जारी किये गए हैं।
साथ ही एनजीटी द्वारा कलेक्टर, सीआरपीएफ के अधिकारी, जेल अधीक्षक एवं प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड की समिति का गठन किया गया हैं जो की छह हफ्ते के अंदर वर्तमान स्थिति की रिपोर्ट तैयार करके देंगेI अगली तारीख 22 अगस्त को नियत की गई हैIन जाने कितने सपने दिखा चुके नपा अधिकारी
नपा के वर्तमान और निवर्तमान अधिकारी जन प्रतिनिधि अपनी झोलिया भरकर निकल लेते हैं और बदले में ट्रेचिंग ग्राउंड पर कचरा निस्तारण के लिए आधुनिक प्लांट की सिर्फ बातें होकर रह जाती हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का शिवपुरी में कार्यालय न होकर गुना में हैं जिसके अभाव में जिले में एक ये ही नहीं बल्कि खदान, प्लांट, गिट्टी प्लांट, सड़क निर्माण आदि में लोग धूल फाकते रहते हैं।

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