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#धमाका_धर्म: ईश्वर का व्रत ही संतों और उनके आश्रितों की रक्षा करना होता है: वासुदेव नंदिनी भार्गव

शुक्रवार, 12 जुलाई 2024

/ by Vipin Shukla Mama
* सिंहनिवास में महारास एवं गोवर्धन पर्वत की पूजा हुई
शिवपुरी। ग्राम सिंहनिवास स्थित ताल वाले वड़े हनुमान जी के मंदिर पर चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आज पंचम दिवस था जिसमे भगवान की लीलाओं का वर्णन हुआ।  खेल अधिकारी श्री हरि सिंह रावत ने परिवार समाज एवं ग्राम वासियों के साथ गोवर्धन पर्वत की पूजा की।
आज इस विशेष आयोजन में समस्त धर्म प्रेमी वंधुओ ने नाच गाकर भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में भाव विभोर होकर सबकी रक्षा करने का संकल्प लिया।
कथा वाचक वालयोगी पं वासुदेव नंदिनी भार्गव ने कहा कि गोवर्धन लीला ज्ञान और भक्ति को वढाती है, ज्ञान और भक्ति वाली लीला ही गोवर्धन लीला है। मनुष्य को परमात्मा का सहारा अंतिम समय तक नहीं छोड़ना चाहिए।
पूज्य और पूजने वाले जव एक हो जाते हैं तव रास का फल मिलता है। इसी कारण से रासलीला गोवर्धन लीला के तुरंत वाद आती है। परमात्मा से एकत्व हो जाता है तव रास लीला आती है। गोवर्धन लीला में सारा वृज कृष्ण मैं तन्मय हो चुका था अतः यही रास लीला है।
पांचवें दिन की श्री मद भागवत कथा में भारी भीड़ उमड़ी और कथा प्रेमियों ने आनंद के साथ कथा का रसपान एवं कृष्ण लीलाओं का आनंद लिया।












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