"Switzerland's Martin" along with "Germany's Ulrike" took seven rounds in Shivpuri on Guru Purnima.
शिवपुरी। शिवपुरी शहर में गुरुपूर्णिमा पर यूं तो अनेक आयोजन हुए लेकिन एक खास विवाह ने सभी का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर डाला। ये अवसर था जब "स्विट्जरलैंड के मार्टिन" ने "जर्मनी की उलरिके" के साथ "गुरु पूर्णिमा पर शिवपुरी में सात फेरे ले डाले"। ये आयोजन आध्यात्मिक गुरु डॉ रघुवीर सिंह गौर के सानिध्य में संपन्न हुआ। इस शादी में बड़ी हस्तियां मौजूद रहीं। मार्टिन शेरवानी में थे जबकि उलरिके लहंगा पहन कर भारतीय दूल्हा-दुल्हन बने थे।इस शादी की बारात निकली फिर बाद में वरमाला हुई। भारतीय परम्परा के अनुसार वैदिक मंत्रों के साथ विवाह सम्पन्न हुआ। इस शादी में करीब आधा दर्जन विदेशी मेहमान भी शामिल हुए। शादी के बाद मार्टिन ने कहा कि वह गुरु जी के आशीर्वाद और सानिध्य में शादी करना चाहते थे। उनकी यह मुराद पूरी हुई हैं।स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख में रहने वाले मार्टिन आमवस्टन (45) पेशे से लीगल ऑडिट में कंप्लायंस ऑफिसर हैं। उन्होंने बताया कि वह आध्यात्मिक संत गुरुजी डॉ. रघुवीर सिंह गौर के संपर्क में 5 साल पहले सोशल साइट्स के माध्यम से आए थे। शुरुआत में उन्होंने ध्यान के संबंध में उनसे ऑनलाइन मदद ली।उनके स्लोगन 'सेवकाई में प्रभुताई' शब्द का अर्थ जाना तो पता चला कि हमने अपने जीवन के 45 साल यूं ही गंवा दिए। इसके बाद गुरु जी के सानिध्य में अध्यात्म की दुनिया से जुड़ गए। इसके बाद मैं गुरुजी के दर्शन करने के लिए भारत आने लगा। यहां आकर मुझे मानसिक शांति मिलती है।विदेशी दूल्हा भारतीय बाराती, जमकर नाचे
स्विट्जरलैंड के मार्टिन की बारात निकली तो मार्टिन शेरवानी पहनकर सर पर साफा बांध बग्गी पर सवार हुए। मार्टिन की बारात में दो विदेशी महिलाएं थी। लेकिन करीब एक सैकडा बाराती भारतीय बाराती थे। जिनके द्वारा बारात में फिल्मी गीतों पर जमकर डांस किया गया। यह बारात कुछ अलग ही लग रही थी। जिसमें विदेशी दूल्हा और भारतीय बाराती देखने को मिले। इधर, उलरिके ने भी लंहगा पहने हुआ था। उन्होंने मार्टिन के नाम हाथों में मेंहदी रचाई हुई थी। बाकायदा भारतीय पद्धति के अनुसार उलरिके मंच पर वरमाला के लिए पहुंची। उनके साथ भारतीय महिलाएं रहीं। जहां मंच पर वैदिक मंत्रों के साथ वरमाला हुई। इस मौके सभी धर्मों के गुरुओं ने पहुंचकर मार्टिन और उलरिके को अपना आशीर्वाद दिया।
मार्टिन और उलरिके की शादी में पूर्व राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त सहित पूर्व विधायक और कई चर्चित हस्तियां मौजूद रहीं। बता दें मार्टिन और उलरिके 23 जुलाई तक शिवपुरी में रहने के बाद दोनों दिल्ली में दो दिन रुकेंगे इसके बाद स्विटजरलैंड रवाना हो जाएंगे। मार्टिन और उलरिके ने चर्चा के दौरान बताया कि हम नहीं जानते मुहूर्त क्या होता है, सिर्फ इतना जानते हैं कि अपने गुरु के समक्ष लिया गया वचन और क्रिया हमेशा फलदाई होती है इसलिए हमने गुरु पूर्णिमा का दिन विवाह के लिए चुना और अपने गुरुजी के साथ साथ सर्वधर्म गुरुओं से आशीष लेकर हमने दांपत्य बंधन में बंधना स्वीकार किया। नव दंपती ने यह भी बताया कि विदेश में शादी होती तो है, लेकिन एक पार्टनरशिप की तरह होती है।
उन्होंने बताया कि जहां सौदे में मुनाफा हुआ तो साथ-साथ और विचारों में अलगाव तो रास्तों में बदलाव हो जाता हैं। लेकिन भारत में ऐसा नहीं है। यहां शादी यानी जीवनसाथी का एक दूसरे के लिए समर्पण। फिर चाहे सुख हो या दुख, धूप हो या छांव हर परिस्थिति में एक दूसरे के साथ निभाने की परंपरा। बस इसी परंपरा को विश्व आध्यात्मिक संस्थान के प्रमुख डॉ रघुवीर सिंह गौर से 5 साल पहले जाना और तय कर लिया कि जब भी शादी होगी गुरुजी के आशीर्वाद से ही उन्हीं के सानिध्य में होगी। इस संकल्प के साथ भारतीय संस्कारों के साथ एक दूसरे का हाथ थाम लिया है।विश्व आध्यात्मिक संस्थान के प्रमुख डॉ रघुवीर सिंह गौर से 5 साल पहले जाना और तय कर लिया कि जब भी शादी होगी गुरुजी के आशीर्वाद से ही उन्हीं के सानिध्य में होगी। इस संकल्प के साथ भारतीय संस्कारों के साथ एक दूसरे का हाथ थाम लिया है।मार्टिन ने बताया कि टूर के दौरान मेरी मुलाकात स्पेन में उलरिके (48) से हुई। वह जर्मनी के म्यूनिख शहर की रहने वाली हैं। पेशे से नर्स हैं और नामी हॉस्पिटल में पदस्थ हैं। हम दोनों जब मिले तो हमारे विचार एक से थे। विचारों ने मेल खाया तो दोस्ती बढ़ गई। फोन पर बातें शुरू हो गईं। बातचीत धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। मार्टिन का कहना हैं कि वह गुरु जी के आशीर्वाद और सानिध्य में शादी करना चाहते थे। उनकी यह मुराद पूरी हुई हैं।
मार्टिन ने बताया कि वह आध्यात्मिक संत गुरुजी डॉ रघुवीर सिंह गौर के संपर्क में सोशल साइट्स के माध्यम से आए जिसमें हमें जब सेवकाई में प्रभुताई शब्द का अर्थ जाना तो पता चला कि हमने अपने जीवन के 45 साल यूं ही गंवा दिए। इसलिए अक्सर मैं भारत गुरुजी के दर्शनार्थ आता हूं जहां आकर मुझे मानसिक शांति मिलती है। वह अब तक तीन बार और उलरिके दो बार भारत गुरू जी के पास आ चुके हैं। विश्व आध्यात्मिक संस्थान शिवपुरी के प्रमुख डॉ रघुवीर सिंह गौर ने कहा कि एक धर्मगुरु के समक्ष तो अक्सर शादी विवाह और फेरे होते हैं। लेकिन शिवपुरी में पहली बार सभी धर्म गुरुओं के समक्ष अंग्रेज दंपतियों ने सुखद जीवन का आशीर्वाद लिया।
हमारे सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति की अब विदेश में भी चर्चा ही नहीं, चर्या भी होने लगी है। उन्होंने बताया कि कोरोना काल से पहले एटलांटा के रहने वाले डेविड और मियामी के फ्लोरिडा की रहने वाली महिला ने भारत आकर भारतीय संस्कृति से शादी की थी। वे भारतीय संस्कृति से इराक जैसे देश मे भी 26 जोड़ों की शादी करा चुके हैं।

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