महाराष्ट्र। पुणे जिले के लोनावला के झरने में अंसारी परिवार तेज वहाब में बह गया जिससे उनकी मौत हो गई। पुणे के हडपसर के पांच लोग झरने के पानी के बहाव में बह गए, जिनमें तीन की मौत की पुष्टि हो चुकी हैं और दो की तलाश जारी है। रविवार को हुए इस ह्रदय विदारक हादसे को लेकर एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अंसारी परिवार के सदस्य भुशी बांध के निकट स्थित झरना देखने गए थे लेकिन क्षेत्र में भारी बारिश के कारण जलप्रवाह बढ़ गया और वे बह गए। इस घटना के बाद बचाव दल ने 36 वर्षीय महिला और दो नाबालिग लड़कियों के शव बरामद किए थे। पुलिस के अनुसार, अन्य दो लापता बच्चों अदनान सबहत अंसारी (4) और मारिया अकील अंसारी (9) की तलाश जारी है। घटना का एक वीडियो भी सामने आया है,जिसमें लोगों का एक समूह इस क्षेत्र में भारी बारिश के कारण आए पानी के तेज बहाव में बहता दिखाई दे रहा है। पुलिस के अनुसार, यह परिवार पुणे के हडपसर क्षेत्र के सैयद नगर का रहने वाला था। परिवार के 16-17 सदस्य रविवार को पिकनिक मनाने गए थे। उन्होंने लोनावला के निकट एक सुंदर स्थान पर जाने के लिए किराए पर निजी बस ली थी। एक रिश्तेदार ने बताया कि रविवार को परिवार के 15 से अधिक सदस्यों ने पिकनिक मनाने के लिए लोनावला जाने के वास्ते बस किराए पर ली थी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि रविवार को 50,000 से अधिक लोग घूमने के लिए लोनावला पहुंचे। लोनावला पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया, ‘वन्यजीव रक्षक मावल, शिव दुर्ग ट्रेकर्स संगठन और नौसेना के गोताखोरों के बचाव दल ने सोमवार की सुबह दोनों बच्चों की तलाश के लिए फिर से अभियान शुरू किया।’ बरसात के मौसम में लोनावला, खंडाला इलाके में आने वाले पर्यटक से अनजान जगहों पर न जाने की अपील की गई है। पुलिस ने अपील की है कि लोग अपनी और अपने परिवार की जान जोखिम में न डालें। लोनावाला पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सुहास जगताप ने पर्यटकों से भुशी बांध क्षेत्र, झील, टाटा बांध, तुंगारली बांध, राजमाची पॉइंट में पुलिस प्रशासन के साथ सहयोग करने की अपील की है।
याद आया MP का सुल्तानगड़ जल प्रपात हादसा
आपको याद होगा कुछ साल पहले 15 अगस्त के दिन अवकाश के चलते शिवपुरी से 50 किमी दूर स्थित ग्वालियर सीमा वाले सुल्तानगड़ जल प्रपात पर बड़ी संख्या में पर्यटक पिकनिक मनाने आए थे। सब कुछ ठीक था लोग झरने के शांत पानी में नहा रहे थे की अचानक पानी बढ़ा कुछ लोग संभले और बाहर निकल आए लेकिन करीब दस लोग एकाएक बढ़े पानी में निकल नहीं पाए और करीब पचास फीट की ऊंचाई से एक एक कर नीचे जा गिरे। जिनकी मौत हो गई। इधर करीब चालीस लोग पानी के बीच ऊंची क्षेत्र पर फसकर रह गए, पानी लगातार बढ़ता जा रहा था वे लोग घबराए हुए थे। आपको बता दें की इसी बीच धमाका के चीफ एडिटर विपिन शुक्ला भी अपने मित्र और परिवार जनों के साथ मौके पर मोजूद थे। जैसे ही हादसा पेश आया और लोगों को फसा देखा तो उन्होंने राहत के लिए ग्वालियर के तत्कालीन एसपी नवनीत भसीन एवम शिवपुरी एसपी राजेश हिंगडकर जी को सूचना दी। दोनों अधिकारी तत्परता से मौके पर पहुंचे। बड़े बड़े नेता भी मौके पर आए। पूरी रात रेस्क्यू जारी रहा। चालिस लोग पानी उतरने के चलते सुरक्षित रहे।
मानसून जब तक, दूर रहें झील, झरने, नदियों से
मानसून जब तक रहे कभी भूलकर भी डेम के गेटों के पास, नदी, झील, झरने पर भूलकर भी नहाने नहीं जाएं। होता ये हैं की पानी के रास्ते में दूर कहीं बारिश हो जाए तो अचानक पानी बढ़ जाता हैं जबकि आप जिस जगह नहाते हैं वहां हो सकता धूप भी निकली हो। इसलिए ये मौसम खतरनाक होता हैं। इसी अलावा आजकल डेम नदियों पर बनाए जाने से जब डेम भर जाए तब गेट से पानी छोड़ देने से भी जल स्तर बढ़ जाता हैं क्योंकि डेम दूर होता हैं और हम तक सायरन या चेतावनी नहीं आ पाती। इसलिए भूलकर भी झरने, झील से दूर रहें।

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