इस साल 26 अगस्त को है, जन्माष्टमी के दिन पूजा के लिए 45 मिनट का शुभ मुहूर्त है. जन्माष्टमी का मुहूर्त रात 12:01 बजे से 12:45 बजे तक है. यह उस दिन का निशिता मुहूर्त है.
(श्री मंशापूर्ण ज्योतिष 9993462153)
प्रति वर्ष जन्माष्टमी भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में अर्द्धरात्रि को मथुरा में हुआ था. इस दिन कृष्ण भक्त भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव पूरी श्रद्धा भक्ति से व्रत, पूजा नियम, संयम में रहकर पूरी आस्था से मनाते है ।
जन्माष्टमी का पावन पर्व सोमवार को है या फिर मंगलवार को , तारीख के आधार पर जन्माष्टमी 26 अगस्त को है या फिर 27 अगस्त को? यह सवाल इसलिए है क्योंकि रोहिणी नक्षत्र दोनों दिन है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म द्वापर युग में भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. रोहिणी नक्षत्र सोमवार और मंगलवार दोनों दिन है. ऐसे में इस साल जन्माष्टमी का पावन पर्व किस दिन मनाना सही रहेगा?
इस साल जन्माष्टमी की पूजा के लिए 45 मिनिट का शुभ महूर्त है ।
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में रात्रि के समय में अष्टमी तिथि में हुआ था. पंचांग के अनुसार, इस साल 26 अगस्त सोमवार को तड़के 3 बजकर 39 मिनट पर भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि का शुभारंभ हो रहा है. यह तिथि अगले दिन 27 अगस्त मंगलवार को तड़के 2 बजकर 19 मिनट पर खत्म हो रही है. उदयातिथि के आधार पर अष्टमी तिथि 26 अगस्त सोमवार को है
वहीं रोहिणी नक्षत्र का प्रारंभ 26 अगस्त को दोपहर 03:55 बजे हो रहा है और उसका समापन 27 अगस्त को दोपहर 03:38 बजे होगा. अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र संयोग में रात्रि पूजा का मुहूर्त 26 अगस्त को ही सही होगा।
क्योंकि 27 अगस्त को रोहिणी दोपहर 03:38 बजे खत्म हो जाएगी. ऐसे में जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त सोमवार को मनाना उचित है. गृहस्थ जन 26 अगस्त को जन्माष्टमी की पूजा और व्रत, रखेंगे और रात में बाल गोपाल श्रीकृष्ण जी का जन्मोत्सव मनाएंगे. इस साल भगवान श्रीकृष्ण का 5251वाँ जन्मोत्सव मनाया जाएगा.
सर्वार्थ सिद्धि योग में जन्माष्टमी 2024
इस साल की जन्माष्टमी सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जाएगी. जन्माष्टमी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर में 3 बजकर 55 मिनट से शुरू होकर 27 अगस्त को सुबह 5 बजकर 57 मिनट तक रहेगा.
जन्माष्टमी व्रत के पारण के लिए 3 समय है.
1. पहला पारण समय
यदि आप धर्म शास्त्रों की बात करें तो उसके अनुसार, जन्माष्टमी का पारण रोहिणी नक्षत्र की समाप्ति के बाद करना चाहिए. 27 अगस्त को रोहिणी नक्षत्र का समापन दोपहर में 03:38 बजे होगा. इस आधार पर जन्माष्टमी पारण का समय 03:38 बजे के बाद है.
जन्माष्टमी का दूसरा पारण का समय एक वैकल्पिक व्यवस्था के तहत है, जिसमें पूजा, विसर्जन के बाद जब अगला सूर्योदय होता है तो पारण करते हैं. ऐसे में जन्माष्टमी के अगले दिन का सूर्योदय 27 अगस्त को सुबह 05:57 बजे होगा. तो जन्माष्टमी का पारण आप 05:57 बजे से कर सकते हैं.
डॉ विकासदीप शर्मा
श्री मंशापूर्ण ज्योतिष 9993462153
जन्माष्टमी का यह पारण समय जन सामान्य में प्रचलित है, जिसमें लोग जन्माष्टमी की पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण करके पारण कर लेते हैं. इस आधार पर जन्माष्टमी के पारण का समय देर रात 12:45 बजे के बाद कर सकते है।

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