Bhopal भोपाल। "नपाध्यक्ष के खिलाफ 3 साल में" "अविश्वास" का "प्रस्ताव आज कैबिनेट में आएगा"। बुधवार को मंत्रालय में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक होने वाली हैं। इसमें प्रस्ताव आएगा कि नगर पालिका और परिषदों में अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने की अवधि 2 साल की बजाय 3 साल हो। हाल ही में सरकार ने मप्र नगर पालिका अधिनियम की धारा 43 /क में ससंशोधन का प्रस्ताव तैयार किया है। इसका उद्देश्य था कि अलग-अलग पालिकाओं- परिषदों में अविश्वास का सामना कर रहे अध्यक्षों और उपाध्यक्षों को राहत मिले।
अब तक प्रावधान है कि 2 साल के बाद अध्यक्षों और उपाध्यक्षों के खिलाफ पार्षद अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं। इस अवधि को 3 साल करने का प्रस्ताव बुधवार को कैबिनेट में पेश होगा। इसके अलावा कुछ सिंचाई परियोजनाओं का मामला भी कैबिनेट में सहमति के लिए आएगा।
तीन चौथाई पार्षद जरूरी हों, इस पर सहमति नहीं
अविश्वास प्रस्ताव की अवधि के अलावा यह प्रस्ताव भी बना था कि अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए न्यूनतम तीन चौथाई पार्षद आवश्यक हों। वर्तमान में दो तिहाई पार्षद भी मिलकर भी अविश्वास प्रस्ताव ला सकतें हैं।
महिला सशक्तिकरण योजनाओं के लिए हब
सरकार महिलाओं से जुड़ी तमाम योजनाओं को एक जगह से बेहतर तरीके से संचालित करने के लिए वीमेन एम्पावरमेंट हब बनाने पर विचार कर रही है। इसका प्रस्ताव भी कैबिनेट में आएगा। हब का मुख्य कार्यालय महिला बाल विकास संचालनालय में होगा और जिलों में भी कार्यालय होंगे। वर्किंग वीमेन हॉस्टल, वन स्टॉप सेंटर, मातृत्व वंदना योजना सहित तमाम योजनाएं एक यूनिट के अंदर आ जाएंगी। कुछ नए पद भी बनेंगे।

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