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#धमाका_अच्छी_खबर: कूनो, बारिश थमते ही अक्टूबर से जंगल में छोड़े जायेंगे चीते

रविवार, 25 अगस्त 2024

/ by Vipin Shukla Mama
Sheopur श्योपुर। Kuno कूनो नेशनल पार्क के बाड़े ने कैद अफ्रीकन चीते बारिश थमते ही अक्टूबर से एक एक कर जंगल में छोड़े जायेंगे। इस क्रम में न सिर्फ विदेशी चीते बल्कि भारत की भूमि पर जन्मे चीते शावक भी खुले में दौड़ लगा सकेंगे। इसके लिए पार्क के भीतर घास के लम्बे मैदान भी बनाए जाने की खबर हैं। समिति की शुक्रवार को हुई बैठक में तय किया गया कि मध्य भारत से मानसून की वापसी के बाद अफ्रीकी चीतों और भारत में जन्मे उनके शावकों को चरणबद्ध तरीके से जंगल में छोड़ा जाएगा। मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, मानसून आमतौर पर अक्तूबर पहले सप्ताह तक मध्य प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों से वापस चला जाता है। केंद्र की चीता परियोजना संचालन समिति ने उन्हें जंगल में खुला छोड़ने का फैसला किया है। समिति की शुक्रवार को हुई बैठक में तय किया गया कि मध्य भारत से मानसून की वापसी के बाद अफ्रीकी चीतों और भारत में जन्मे उनके शावकों को चरणबद्ध तरीके से जंगल में छोड़ा जाएगा। समिति के सदस्यों और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के अधिकारियों ने कूनो का दौरा किया और चीतों को छोड़ने के संदर्भ में चर्चा की। बारिश का दौर समाप्त होने के बाद वयस्क चीतों को जंगल में छोड़ा जाएगा, जबकि शावकों और मादा चीताओं को दिसंबर के बाद छोड़ा जाएगा। 
नामीबिया से आठ चीते सितंबर 2022 में भारत लाए गए थे। फिर दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते पिछले साल फरवरी में लाए गए थे। कुछ चीतों को शुरू में जंगल में छोड़ दिया गया था, लेकिन पिछले वर्ष अगस्त में तीन चीतों की सेप्टीसीमिया इन्फेक्शन के कारण मौत हो गई थी। भारत आने के बाद से सात वयस्क चीतों (तीन मादा और चार नर) की मौत हो चुकी है।
अभी जंगल में एक ही चीता
अभी केवल एक चीता ही जंगल में स्वतंत्र रूप से घूम रहा है। अधिकारियों का कहना है कि उसे देख पाना और पकड़ना कठिन है। अधिकारियों के मुताबिक, फिलहाल सभी 25 चीते स्वस्थ हैं। इसमें 13 वयस्क और 12 शावक शामिल हैं। भारत में 17 शावकों का जन्म हुआ है जिनमें 12 जीवित बचे हैं।













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