नामीबिया से आठ चीते सितंबर 2022 में भारत लाए गए थे। फिर दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते पिछले साल फरवरी में लाए गए थे। कुछ चीतों को शुरू में जंगल में छोड़ दिया गया था, लेकिन पिछले वर्ष अगस्त में तीन चीतों की सेप्टीसीमिया इन्फेक्शन के कारण मौत हो गई थी। भारत आने के बाद से सात वयस्क चीतों (तीन मादा और चार नर) की मौत हो चुकी है।
अभी जंगल में एक ही चीता
अभी केवल एक चीता ही जंगल में स्वतंत्र रूप से घूम रहा है। अधिकारियों का कहना है कि उसे देख पाना और पकड़ना कठिन है। अधिकारियों के मुताबिक, फिलहाल सभी 25 चीते स्वस्थ हैं। इसमें 13 वयस्क और 12 शावक शामिल हैं। भारत में 17 शावकों का जन्म हुआ है जिनमें 12 जीवित बचे हैं।

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