शिवपुरी। बच्चे के संपूर्ण विकास के लिए उचित पोषण का ध्यान रखना बहुत आवश्यक माना जाता है। अध्ययनों से स्पष्ट होता है नवजात के लिए मां का दूध शरीर के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्वों की जरूरतों को पूरा करने में सबसे उपयुक्त होता है। प्रसव के बाद का पहला गाढ़ा पीला दूध बच्चे की सेहत के लिए अमृत के समान होता है। आज महिला बाल विकास विभाग एवम शक्ति शाली महिला संगठन द्वारा संयुक्त रुप से विश्व स्तनपान सप्ताह के आगाज पर जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन बाण गंगा स्थित परिसर में आयोजित हुआ जिसमे देवेंद्र कुमार सुंदरियाल डीपीओ महिला बाल विकास कहते हैं, बच्चे के शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के विकास के लिए सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है कि उसे पर्याप्त मात्रा में स्तनपान कराया जाए। अधिक जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक रवि गोयल ने बताया कि स्तनपान से होने वाले फायदे और इसको बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर साल एक से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है। मुख्य वक्ता डीपीओ का कहना है कि जन्म के छह माह तक नवजात को रोजाना स्तनपान कराना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। स्तनपान से बच्चे की सेहत पर क्या असर होता है इसको जानने के शोधकर्ताओं ने अध्ययन किया जिसमें पाया गया कि मां के दूध में मौजूद सूक्ष्म पोषक तत्व नवजात शिशुओं के मस्तिष्क के विकास पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। परियोजना अधिकारी श्रीमती नीलम पटेरिया ने इस अवसर पर कहा की स्तनपान से मस्तिष्क का होता है विकास उन्होंने कहा की स्तनपान के बच्चे की सेहत पर होने वाले प्रभावों को समझने का प्रयास किया। जिसमें पाया गया कि बचपन के दौरान स्तनपान से प्राप्त सूक्ष्म पोषक तत्व उम्र बढ़ने के साथ मस्तिष्क को होने वाली समस्याओं के जोखिम को कम करने में मददगार हो सकते हैं। जिन बच्चों को नियमित रूप से स्तनपान कराया गया उनका बौद्धिक विकास और कार्यक्षमता, उन बच्चों की तुलना में कहीं अधिक थी जिनको मां का दूध नहीं मिला था। प्रोग्राम में महिला बाल विकास विभाग की शशि शिवहरे ने कहा की स्तनपान के शुरुआती महीनों के दौरान मां के दूध में मौजूद माइक्रोन्यूट्रिएंट, मायो-इनोसिटॉल विकासशील मस्तिष्क में मदद करता है। ये मस्तिष्क में सिनेप्स या न्यूरॉन्स के बीच संबंध को बेहतर करने में मदद करता है। नतीजतन भविष्य में न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के जोखिमों को कम करने में विशेष लाभ मिल सकता है। कार्यशाला में आगनवाड़ी कार्यकर्ता बीनू सेंगर ने कहा सूक्ष्म पोषक तत्वों का मस्तिष्क पर कितना गहरा प्रभाव पड़ता है। यह भी आश्चर्यजनक है कि मां का दूध कितना जटिल और समृद्ध होता है, जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि शिशु के मस्तिष्क के विकास के विभिन्न चरणों में मदद के लिए बच्चे को मां का दूध दिया जाना बहुत आवश्यक है। कार्यशाला में आगनवाड़ी कार्यकर्ताओ के साथ शिवपुरी शहरी की सुपरवाइजर अंगूरी बाथम, निवेदिता मिश्रा, मधु यादव, दीप्ति श्रीवास्तव के साथ शक्ति शाली महिला संगठन की टीम ने भाग लिया।

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