Responsive Ad Slot

Latest

latest

#धमाका_बड़ी_खबर: न्यू पेंशन स्कीम (NPS) की जगह अब केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS), 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा, राज्यों ने अपनाई तो 90 लाख को फायदा, केंद्र सरकार यूनिफाइड पेंशन स्कीम की मंजूर, 1 अप्रैल से लागू होगी

रविवार, 25 अगस्त 2024

/ by Vipin Shukla Mama
Delhi दिल्ली। केंद्र सरकार न्यू पेंशन स्कीम (NPS) की जगह अब केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लेकर आई है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार, 24 अगस्त को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी दी गई। UPS एक अप्रैल 2025 से लागू होगी।
UPS से 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होगा। कर्मचारियों के पास UPS या NPS में से कोई भी पेंशन स्कीम चुनने का ऑप्शन रहेगा। राज्य सरकार चाहें तो वे भी इसे अपना सकती हैं। अगर राज्य के कर्मचारी शामिल होते हैं, तो करीब 90 लाख कर्मचारियों को इससे फायदा होगा।
 UPS की 5 बड़ी बातें
1 पेंशन: कर्मचारी को रिटायरमेंट से पहले के 12 महीने की बेसिक सैलरी के औसत का 50 फीसदी एश्योर्ड पेंशन के रूप में मिलेगा। किसी ने अगर 25 साल काम किया है तो उसे यह पेंशन मिलेगी। 25 साल से कम और 10 साल से ज्यादा है तो कम होगी।
2. एश्योर्ड फैमिली पेंशन: कर्मचारी की मौत होने के समय उसकी जो पेंशन बनेगी (यदि मौत की जगह उसका रिटायरमेंट हुआ होता) उसका 60% पेंशन के रूप में परिवार को मिलेगा।
3. एश्योर्ड मिनिमम पेंशनः दस साल से कम सर्विस होने पर एश्योर्ड मिनिमम पेंशन 10 हजार रुपए महीना होगी। महंगाई के साथ यह आज की तारीख में करीब 15 हजार रुपए होगी।
4. इन तीनों पेंशन पर महंगाई के हिसाब से DR (डियरनेस रिलीफ) का पैसा मिलेगा। जो ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंड्रस्ट्रियल वर्कर्स (AICPI-W) पर आधारित होगा।
5. किसी कर्मचारी को उसके नौकरी के आखिरी 6 महीनों की सैलरी और भत्ता एक लमसम अमाउंट के तौर पर दिया जाएगा।
न्यू पेंशन स्कीम से कैसे अलग है UPS
इस योजना के न्यू पेंशन स्कीम और ओल्ड पेंशन स्कीम से किस तरह अलग होने के सवाल पर पूर्व कैबिनेट सेक्रेटरी टीवी सोमनाथन ने जवाब दिया कि UPS पूरी तरह कॉन्ट्रिब्यूटरी फंडेड स्कीम है। (मतलब इसमें भी कर्मचारियों को NPS की तरह 10% कॉन्ट्रिब्यूट करना पड़ेगा।)
जबकि ओल्ड पेंशन स्कीम अनफंडेड कॉन्ट्रिब्यूश्नरी स्कीम थी। (इसमें कर्मचारियों को किसी भी तरह का कॉन्ट्रीब्यूशन नहीं करना होता था।) लेकिन NPS की तरह हमने इसे बाजार के भरोसे न छोड़कर फिक्स पेंशन की एश्योरटी दी है। UPS में OPS और NPS दोनों के लाभ शामिल हैं।
न्यू पेंशन स्कीम में कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी का 10% हिस्सा कॉन्ट्रिब्यूट करना होता है और सरकार 14% देती है। अब सरकार अपनी तरफ से कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 18.5% कॉन्ट्रिब्यूट करेगी। कर्मचारी के 10% हिस्से में कोई बदलाव नहीं होगा।
सोमनाथन ने बताया कि NPS के तहत 2004 से अब तक रिटायर हो चुके और अब से मार्च, 2025 तक रिटायर होने वाले कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलेगा। जो पैसा उन्हें पहले मिल चुका है या वे फंड से निकाल चुके हैं, उससे एडजस्ट करने के बाद भुगतान किया जाएगा।
सरकार की तरफ से कॉन्ट्रिब्यूशन 14% से 18.5% बढ़ाए जाने पर पहले साल 6250 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च आएगा। ये खर्च साल दर साल बढ़ता रहेगा।
* न्यूनतम 10 हजार रुपए पेंशन, NPS चुनने वाले UPS में आ सकेंगे, DA नहीं डीआर मिलेगा।
नई स्कीम किस तरह फायदेमंद ?
मूल वेतन की 50% राशि पेंशन के रूप में मिलेगी। सरकार ने इसकी गारंटी दी है।
गणना का फॉर्मूला क्या होगा?

50% राशि किस शर्त पर मिलेगी?

जिस दिन रिटायर होंगे, उससे पहले के 12 महीने में आपकी बेसिक सैलरी का औसत निकाला जाएगा। उसकी 50% राशि पेंशन के रूप में मिलेगी। नौकरी को न्यूनतम 25 साल होने चाहिए।
मेरी नौकरी कम साल की है?
न्यूनतम 10 साल की नौकरी से रिटायर हुए तो 10 हजार रुपए पेंशन मिलेगी।
इसका बोझ कर्मचारी पर पड़ेगा?
कर्मचारियों का योगदान 10% बना रहेगा। सरकार अपना योगदान 14% से बढ़ाकर 18.5% करेगी। वह हर 3 साल में समीक्षा करेगी कि क्या इसे बढ़ाया जाए।
फैमिली पेंशन की सुविधा क्या है?
क्या रेट्रोस्पेक्टिव लागू होगी?
कर्मचारी की मौत पर फैमिली पेंशन मिलेगी
 जीवनसाथी को बेसिक सैलरी की 60% पेंशन मिलेगी। गणना मृत्यु के वक्त आखिरी महीने की बेसिक सैलरी से होगी।
यूपीएस का फायदा वे भी ले सकेंगे, जो 2004 के बाद एनपीएस के तहत रिटायर हुए हैं। एरियर सरकार ब्याज के साथ देगी। ब्याज पीपीएफ के बराबर दर से मिलेगा।
एनपीएस वाले यूपीएस चुन सकेंगे?
हां, वे भी यूपीएस चुन सकते हैं।
यूपीएस का और कोई और कोई फायदा?
महंगाई सूचकांक को भी शामिल किया गया है। जिस हिसाब से महंगाई बढ़ेगी, महंगाई राहत (डीआर) भी बढ़ती रहेगी।
एकमुश्त लाभ क्या है?
ग्रेच्युटी के अलावा रिटायरमेंट की तारीख पर मासिक परिलब्धियों (वेतन+डीए) का 1/10वां हिस्सा, नौकरी के हर 6 माह के लिए मिलेगा। पेंशन के अलावा होगा।
क्या राज्य सरकारें लागू करेंगी?
केंद्र ने कहा है कि राज्य सरकारें अपने कर्मचारियों के लिए यूपीएस लागू कर सकती हैं। स्पष्ट है कि राज्य कर्मचारी राज्य सरकारों पर दबाव बनाएंगे कि वे भी इसे लागू करें।
25 साल की सेवा और 50 हजार रुपए के मूल वेतन पर गणना
OPS
पेंशनः मूल वेतन का 50% यानी 25,000 रुपए डीए
फैमेली पेंशनः मूल वेतन का 30% यानी 15,000 रुपए+डीए
न्यूनतम पेंशन: 9,000 रुपए+डीए
UPS
पेंशनः मूल वेतन का 50% यानी 25,000 रुपए + डीआर
फैमेली पेंशनः मूल वेतन का 60% यानी 30,000 रु.+डीआर
न्यूनतम पेंशनः 10,000 रुपए रुपए डीआर
UPS में ग्रेच्युटी में नुकसान
25 साल की नौकरी और 50 हजार रुपए के मूल वेतन पर पुरानी पेंशन स्कीम में ग्रैच्युटी 12,37,500 रुपए बनेगी। जबकि यूनिफाइड पेंशन स्कीम में यह 9,37,500 रुपए होगी।
UPS बेहतर
पेंशन योजना का खाका तैयार करने वाली समिति के चेयरमैन रहे पूर्व कैबिनेट सेक्रेटरी टीवी सोमनाथन का कहना है कि एनपीएस की तुलना में यूपीएस 99% तक बेहतर है। इसमें निश्चित पेंशन का विकल्प है। 
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS)
आखिरी वेतन की 50% पेंशन मिलेगी। 10 वर्ष से अधिक और 25 वर्ष से कम में रिटायर हुए तो आनुपातिक रूप से लाभ मिलेगा। कर्मचारी का योगदान 10% और सरकार का 18.5% होगा। एनपीएस की तरह बाजार से जुड़ा निवेश नहीं होगा, जबकि ओपीएस की तरह डीआर का प्रावधान रहेगा। एनपीएस वाले कर्मचारी भी शामिल हो सकेंगे। 
नई और पुरानी पेंशन स्कीम में अंतर
* इस स्कीम में रिटायरमेंट के समय कर्मचारी के वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती है।
• पुरानी पेंशन स्कीम में पेंशन के लिए कर्मचारी के वेतन से कोई पैसा नहीं कटता है।
• पुरानी पेंशन स्कीम में भुगतान सरकार के राजकोष से होता है।
* इस स्कीम में 20 लाख रुपए तक ग्रेच्युटी की रकम मिलती है।
• रिटायर्ड कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके परिजनों को पेंशन की राशि मिलती है।
• पुरानी स्कीम में जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) का प्रावधान है।
• इसमें छह महीने बाद मिलने वाले महंगाई भत्ते (DA) का प्रावधान है।
• कर्मचारी की बेसिक सैलरी + डीए का 10% हिस्सा कटता है।
• एनपीएस शेयर बाजार पर आधारित है, इसलिए यह सुरक्षित नहीं है।
• इसमें छह महीने बाद मिलने वाले महंगाई भत्ते का प्रावधान नहीं है।
• यहां रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं होती।
• एनपीएस शेयर बाजार पर आधारित है, इसलिए यहां टैक्स का भी प्रावधान है।
* इस स्कीम में रिटायरमेंट पर पेंशन पाने के लिए एनपीएस फंड का 40% निवेश करना होता है।
बैठक में पीएम मोदी शामिल हुए
कैबिनेट की मीटिंग से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय कर्मचारियों के नेताओं के साथ अपने आवास पर बैठक की। कार्मिक मंत्रालय ने इसके संबंध में 21 अगस्त को एक नोटिस जारी किया गया था। ये घोषणा ऐसे समय पर हुई है, जब 2 राज्यों जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं।
पिछले 10 साल में यह पहली बैठक रही, जिसमें प्रधानमंत्री और केंद्रीय कर्मचारियों की नेशनल काउंसिल यानी जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (JCM) के सदस्य शामिल हुए। बैठक में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS), न्यू पेंशन स्कीम (NPS) और 8वें वेतन आयोग को लेकर चर्चा हुई।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी बजट पेश करते हुए NPS में सुधार की बात कही थी। वहीं, संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने जवाब दिया था कि सरकार OPS बहाली पर कोई विचार नहीं कर रही है। 
जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (JCM)
जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (JCM) केंद्र सरकार और कर्मचारियों के बीच बातचीत करने का एक निकाय है, ताकि किसी विवाद का शांतिपूर्ण समाधान हो सके। इसे साल 1966 में शुरू किया गया था। यह एक गैर-वैधानिक निकाय है, जिसमें केंद्र सरकार के डिपार्टमेंट्स के रिप्रेजेंटेटिव शामिल होते हैं।AIDEF ने किया बैठक का बहिष्कार
रेलवे के बाद केंद्रीय कर्मचारियों के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया डिफेंस एम्प्लॉई फेडरेशन (AIDEF) ने प्रधानमंत्री की बैठक का बहिष्कार किया। AIDEF के महासचिव सी श्रीकुमार ने कहा था कि संगठन PM मोदी के साथ होने वाली बैठक में हिस्सा नहीं लेगा।
इसकी वजह ये है कि बैठक में OPS बहाली नहीं बल्कि NPS में सुधार को लेकर चर्चा होगी। संगठन पहले ही कह चुके हैं कि कर्मचारियों को OPS ही चाहिए। बता दें कि AIDEF ने 15 जुलाई को वित्त मंत्रालय की बैठक का भी बहिष्कार किया था।
1 मई को अनिश्चितकालीन हड़ताल की थी तैयारी
कर्मचारी संगठनों ने OPS बहाली को लेकर 29 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा था। पत्र में मांग की गई थी कि जल्द लागू करें अन्यथा 1 मई को अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी।


















कोई टिप्पणी नहीं

एक टिप्पणी भेजें

© all rights reserved by Vipin Shukla @ 2020
made with by rohit Bansal 9993475129