8 अगस्त 2024: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने आज एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। लगातार नौवीं बार, RBI ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है, और इसे 6.5% पर बरकरार रखा है। इस फैसले के साथ, RBI ने एक बार फिर महंगाई को ग्रोथ से अधिक अहमियत दी है। MPC ने 'उदार रुख को वापस लेने' की अपनी नीति को भी बरकरार रखा है।
रेपो रेट (Repo Rate) का सीधा असर उन ग्राहकों पर पड़ता है जो बैंकों से लोन लेते हैं। रेपो रेट में इस बार कोई बदलाव न होने का मतलब है कि होम लोन, व्हीकल लोन आदि की EMI किस्तों में बदलाव की संभावना कम है।
यह फैसला RBI गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा मीडिया को संबोधित करते हुए घोषित किया गया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक का फोकस अब भी महंगाई को काबू में रखने पर बना रहेगा, जो अभी भी 4% के मीडियम टारगेट से अधिक है। उन्होंने यह भी बताया कि मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MFF) और स्टैंडर्ड डिपॉजिट फैसिलिटी (SDF) की दरें क्रमशः 6.75% और 6.25% पर बरकरार रखी गई हैं।
रेपो रेट आखिर है क्या? यह वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक, जैसे कि RBI, किसी भी वाणिज्यिक बैंक को अल्पकालिक आवश्यकता की स्थिति में पैसा उधार देता है। मौद्रिक अधिकारियों द्वारा रेपो रेट का उपयोग मुख्य रूप से देश में महंगाई को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।
इस ताजा खबर के साथ, आपके बैंक लोन की EMI में जल्द ही कोई बदलाव देखने को नहीं मिलेगा। इसलिए, अगर आप किसी नए लोन की योजना बना रहे हैं या आपके पास पहले से ही लोन है, तो इस नए रेपो रेट के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए अपने फाइनेंस को प्रबंधित करें। लेखक: रोहित बंसल।

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