*शाकाहार भोजन हमें स्वस्थ रखता है और यह आहार हृदय रोग और विभिन्न प्रकार के कैंसर के जोखिम को कम करता है। बेहतर स्वास्थ्य के लिए अधिकतर युवा शाकाहारी भोजन चुनते हैं। यह वजन कम करने में मदद करता है। इसमें कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है। विश्व शाकाहार दिवस पर जानते हैं शाकाहार का जीवन में महत्व और उसका प्रभाव।
एक अक्टूबर को दुनिया भर में विश्व शाकाहारी दिवस मनाया जाता है।यह दिन शाकाहारी जीवनशैली से जुड़ी करुणा और खुशी को बढ़ावा देने के साथ ही हमें शाकाहारी जीवन शैली के महत्व को समझाने और इसे अपनाने के लिए प्रेरित करता है। मौजूदा परिवेश में जब पर्यावरणीय संकट, स्वास्थ्य समस्याएं और पशु अधिकारों का मुद्दा प्रमुखता से उठ रहा है, ऐसे में शाकाहारी होना एक सार्थक विकल्प बन गया है। यह शाकाहारी जागरूकता माह की भी शुरुआत करता है जो पहली नवंबर को समाप्त होता है।
विश्व शाकाहारी दिवस की शुरूआत 1977 में नॉर्थ अमेरिकन शाकाहारी सोसायटी (एनएवीएस) ने की थी। 1978 में अंतरराष्ट्रीय शाकाहारी संघ ने विश्व शाकाहारी दिवस का समर्थन किया। सोसायटी के अनुसार विश्व शाकाहारी दिवस शाकाहारी जीवन शैली के स्वास्थ्य, मानवीय और नैतिक पहलुओं के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है।
यह दिन न केवल शाकाहारी भोजन के सेवन को बढ़ावा देता है, बल्कि यह पशु क्रूरता के खिलाफ भी एक महत्वपूर्ण संदेश देता है। इसका उद्देश्य जीवन को बेहतर बनाने की संभावनाओं और शाकाहारी व्यंजन खाने के आनंद को बढ़ावा देना है। ताकि शाकाहारी जीवन शैली को बढ़ावा देने और लोगों को मांसरहित आहार के लाभों के बारे में शिक्षित किया जा सके। इसे महत्व को जानते हुए हम अपने परिवार और मित्रों को शाकाहारी होने के लाभों के बारे में शिक्षित कर सकते हैं।
इस दिन दुनिया भर के रेस्तरां में नए व्यंजन बनाने की कोशिश की जाती है और कई लोग दुनिया भर में शाकाहार को बढ़ावा देते हैं।
क्योंकि शुद्ध शाकाहारी भोजन हमारे स्वभाव पर गहरा प्रभाव डालता है। अगर पूरी दुनिया शाकाहार अपना ले तो इससे मानव जाति की नियति बदल सकती है। शाकाहार काफी हानिरहित है। शाकाहार के साथ, आप अच्छी तरह से व्यवस्थित होते हैं और जानते हैं कि आपकी भोजन की आदत किसी की जान नहीं ले रही है और आप केवल ताजा चीजें ही खा रहे हैं।
दुनिया की लगभग 10 प्रतिशत आबादी शाकाहारी है। भारत में प्रति व्यक्ति मांस की खपत दुनिया में सबसे कम है। क्योंकि मांस रहित जीवनशैली वास्तव में बहुत स्वादिष्ट हो सकती है।
यदि आप शाकाहारी नहीं भी हैं, तो एक दिन के लिए शाकाहारी बन जाएँ। अपने ऑफिस या स्कूल के दोस्तों के साथ साझा करने के लिए कुछ शाकाहारी खाना लाएँ। रेडीमेड वेजी ट्रे खरीदें। हर किसी को वेजी ट्रे पसंद होती है - यहाँ तक कि सबसे ज़्यादा मांस खाने वाले भी।
शाकाहारी जीवनशैली के लाभों को समझने और उसे अपनाने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है। शाकाहार न केवल हमारे स्वास्थ्य के लिए बल्कि पर्यावरण और पशु कल्याण के लिए भी महत्वपूर्ण है।
अध्ययनों से पता चला है कि पौधे-आधारित प्रोटीन का सेवन बढ़ाने से कैंसर की दर और हृदय रोग कम हो सकते हैं, साथ ही जीवनकाल भी बढ़ सकता है। पौधे आधारित आहार पशु कृषि की तुलना में बहुत कम प्रभाव छोड़ते हैं। हर जगह शाकाहारी भोजन को प्राथमिकता देकर विश्व भूखमरी के समाधान को प्रोत्साहित किया जा सकता है। जिससे उत्पादन और अनाज फसलों का अधिक कुशलतापूर्वक उपयोग किया जा सके। मांसाहार न करने से न केवल जानवरों की जान बचती है बल्कि जीवाश्म ईंधन की भी बचत होती है।
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 1 कैलोरी बीफ़ बनाने के लिए 78 कैलोरी जीवाश्म ईंधन की ज़रूरत होती है, लेकिन 1 कैलोरी सोयाबीन बनाने के लिए सिर्फ़ 1 कैलोरी जीवाश्म ईंधन की ज़रूरत होती है। यह मांस उत्पादन से 780 प्रतिशत ज़्यादा कुशल है! शाकाहारी आहार में आमतौर पर बहुत सारी अच्छी चीजें शामिल होती हैं जो आपको हमेशा मांस में नहीं मिलती हैंः फाइबर, फोलिक एसिड, विटामिन सी और ई, मैग्नीशियम, असंतृप्त वसा और बहुत सारे फाइटोकेमिकल्स। इसका मतलब है कम कोलेस्ट्रॉल, हृदय रोग का कम जोखिम, कम रक्तचाप और स्वस्थ वजन।
शाकाहारी भोजन में फल, सब्जियां, अनाज, दालें और नट्स शामिल होते हैं। यह सभी पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और हृदय रोग, डायबिटीज और मोटापे जैसी बीमारियों के खतरे को कम करते हैं। कई शोधों ने यह साबित किया है कि शाकाहारी आहार वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है और शरीर को आवश्यक विटामिन और मिनरल प्रदान करता है।
पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पशुपालन के लिए बड़े पैमाने पर भूमि, जल और ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इसके परिणामस्वरूप पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। शाकाहारी भोजन का सेवन करने से भूमि और जल के संसाधनों का संरक्षण होता है, और यह जलवायु परिवर्तन के खिलाफ भी एक सकारात्मक कदम है। साथ ही पशुओं के प्रति क्रूरता को समाप्त करने का प्रयास करता है। जब हम मांस का सेवन नहीं करते, तो हम जानवरों की हत्या और अत्याचार को रोकने में योगदान देते हैं।
शाकाहारी आहार को हम दो श्रेणियों में बांट सकते हैं, इनमें एक है लैक्टो-ओवो शाकाहारी- इस आहार में दूध और अंडे का सेवन शामिल होता है, लेकिन मांस और मछली का सेवन नहीं किया जाता।
दूसरा है वीगन- इस श्रेणी में न केवल मांस, बल्कि दूध, अंडे और अन्य पशु उत्पादों का सेवन भी नहीं किया जाता। यह शुद्ध शाकाहारी आहार होता है।
ंशाकाहारी भोजन में खास तौर पर पनीर टिक्का, चने की दाल, प्रोटीन का एक बेहतरीन स्रोत, यह दाल विभिन्न तरीकों से बनाई जा सकती है। ताजे फलों और सब्जियों का सलाद न केवल पौष्टिक होता है, बल्कि इसे विभिन्न तरीकों से सजाया जा सकता है। इनके अलावा ताजे फलों का रस पीने से शरीर को आवश्यक विटामिन्स मिलते हैं और यह ताजगी प्रदान करता है।
इसलिए जरूरी हो जाता है कि अपनी दिनचर्या में धीरे-धीरे शाकाहारी विकल्पों को शामिल करें।
घर में विभिन्न शाकाहारी व्यंजनों को आजमाएं। जो आपके भोजन में विविधता लाने में मदद करेंगें। यदि आप शाकाहारी बनना चाहते हैं, तो इसके लिए एक दृढ़ संकल्प बनाएं।
विश्व शाकाहारी दिवस केवल एक अवसर नहीं है, बल्कि यह एक सोच और एक नई जीवनशैली को अपनाने का प्रतीक है। आज की दुनिया में जब स्वास्थ्य, पर्यावरण और पशु अधिकारों के मुद्दे महत्वपूर्ण हैं, तब शाकाहारी जीवनशैली एक सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम बन सकती है। आइए, हम सभी मिलकर इस दिन को मनाएं और इसे केवल एक दिन तक सीमित न रखकर अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। शाकाहारी बनें, स्वस्थ रहें, और एक बेहतर भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाएं! क्योंकि शाकाहार ही स्वस्थ जीवन का आधार।

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