* मंगलम चलाएगा वित्तीय साक्षरता का अभियान
शिवपुरी। हम दिव्यांग जनों के लिए बैंक में जाना और अपना काम कराना आज भी बहुत कठिन है।दृष्टिहीन लोगों के लिए वैकल्पिक लिपि की कोई व्यवस्था नही है।
गाँव के कियोस्क वाले हम लोगों से धोखाधड़ी करते हैं। इसलिए खाते से पैसे निकलते समय यूपीआई की तरह लेनदेन की आवाज आनी चाहिए।
ऐसे ही तमाम सुझाव आज मंगलम में आयोजित बैंक ऑफ इंडिया के 119 वे स्थापना दिवस पर आयोजित वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम में दिव्यांगजनों ने दिए।
इस अवसर पर बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक प्रशांत गौतम, मंगलम कोषाध्यक्ष दीपक गोयल, संचालक डॉ अजय खेमरिया एवं रेडक्राफ्ट संस्था के डायरेक्टर अनिल गौर उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में दिव्यांगों एवं बुजुर्गों ने बैंकिंग क्षेत्र में आने वाली व्यवहारिक कठिनाइयों के बारे में बैंक प्रबंधन को विस्तार से अवगत कराया। दृष्टिबाधित भोले यादव ने बताया कि उन्हें बैंक आने जाने के साथ वहां औऱ भी कठिनाई आती हैं क्योंकि मैं ब्रेल सुविधा के अभाव में जमा-निकासी पर्ची नही भर पाता हूँ। डिजिटल बैंकिंग के मामले में भी हम पिछड़े हैं। सेमरी से आये बाइसराम का कहना था कि दिव्यांग होने के कारण हमें गांव से बैंक तक आने में बहुत दिक्कत आती है।राजाराम कुशवाहा ने बताया कि बैंक के सभी काउंटर इतने ऊंचे हैं कि हम लोग खड़े भी नहीं हो पाते हैं। रमेश के अनुसार कियोस्क संचालक अक्सर गांव वालों के साथ बेईमानी करते हैं। हम लोग अंग्रेजी के एसएमएस नहीं पढ़ पाते हैं इसलिए यूपीआई की तरह हमारे लिए कियोस्क पर भी लेनदेन की आवाज आने लगे तो हम धोखाधड़ी से बच सकते हैं।
कार्यक्रम में आई अधिकतर महिलाओं को यह भी मालूम नहीं था कि उनके खाते किस बैंक में हैं। बुजुर्गों ने अपने अनुभव बताते हुए कहा कि उनकी पेंशन के एसएमएस नियमित नहीं आते हैं, और पासबुक इंट्री के लिए उन्हें बैंक और कियोस्क वाले बहुत परेशान करते हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंधक प्रशांत गौतम ने वित्तीय साक्षरता केंद्रित महत्वपूर्ण बातें हितग्राहियों से साझा की। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में आये सुझावों को वह बैंक के नीति निर्माण प्राधिकारियों तक पहुचाएँगे। श्री गौतम ने कहा कि हर ग्राहक को अपने धन और लेनदेन के लिए खुद सतर्क होना पड़ेगा। डिजिटल बैंकिंग ने सुविधाये तो बढाई हैं लेकिन ठगी भी तेजी से बढ़ी है इसलिए किसी भी व्यक्ति को अपना आधार कार्ड, खाता नंबर या पासवर्ड कभी नहीं बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि गांवों में लोग लाभ दिलाने के नाम पर लोगों से उनके दस्तावेज लेकर ठगी करते हैं, इसलिए हमें बैंक के अधिकृत कर्मचारियों के अलावा किसी को अपने दस्तावेज नहीं देना चाहिए।
रेडक्राफ्ट के संचालक अनिल गौर ने बताया कि बैंक ऑफ इंडिया के साथ मिलकर मंगलम संस्था वित्तीय साक्षरता के लिए शिवपुरी जिले के ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभियान चलायेगी। इस अभियान में दिव्यांग, महिला खाताधारकों को प्राथमिकता पर रखा जाएगा। कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन मंगलम कोषाध्यक्ष दीपक गोयल ने किया।

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