शिवपुरी। न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी शिवपुरी श्री जितेन्द्र मेहर द्वारा दहेज प्रताडना अपराध के प्रकरण में शिकायतकर्ता के पति तथा ससुरालीजन को भारतीय दण्ड विधान की धारा 498 ए, 323/34 तथा दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3/4 में दोषमुक्त का निर्णय पारित किया है। प्रकरण के संक्षिप्त में तथ्य इस प्रकार हे कि फरियादिया ने पुलिस शिकायत दर्ज की थी कि उसका विवाह विवेक कोरकू के साथ हुआ था तथा उसके माता व भाई ने सामर्थ अनुसार दान दहेज दिया था उसके बाद भी उसका पति व ससुरलवाले 2 लाख रुपये एवं एक प्लॉट दहेज में लाने को कहते थे, इसके बाद मेरे परिवार वालों ने काफी समझाईश दी और वह लोग नहीं माने और दिनांक 08.09.2021 को मार-पीट की है और ससुराल से निकाल दिया गया है जिस पर से पुलिस में शिकायतकर्ता की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 498 ए,323,506,34 एवं 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत पुलिस द्वारा शिकायतकर्ता के पति विवेक तथा ससुराल वालो के विरुद्ध कायमी की गई थी और बाद विवेचना चालान न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। प्रकरण के विचारण के दौरान उभय पक्ष की साक्ष्य तथा अंतिम तर्क श्रवण कर न्यायालय द्वारा निर्णय पारित करते हुये आरोपीगण को दोषमुक्त किया है। अपने निर्णय में माननीय न्यायालय द्वारा उच्चतम न्यायालय के विभिन्न न्याय दृष्टांतों को तथा बचाव पक्ष के अधिवक्ता अंकित वर्मा द्वारा तर्क के दौरान प्रस्तुत किये गये न्यायिक एवं कानूनी बिंदू को अपने निर्णय में उल्लेखित करते हुये लिखा है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विभिन्न न्याय दृष्टांतो में इस आशय के सिद्धांत प्रतिपादित किये गए हे कि मामले में पति और उसके निकट रिश्तेदारों को फसाये जाने की प्रवृति असामान्य नहीं है और इसलिये उक्त बिंदुओं पर सूक्ष्मता से विचार किया जाना चाहिए माननीय न्यायालय द्वारा विभिन्न न्याय दृष्टांतों में प्रतिपादित सिद्धांतों को दृष्टिगत रखते हुये इस प्रकरण में अभिलेख पर उपलब्ध साक्ष्य पर सूक्ष्मता से विचार उपरांत आरोपीगण पति तथा जेठ विक्रम एवं सास गीतादेवी , ससुर बेताल सिंह को दोषमुक्त करने का निर्णय पारित किया है। प्रकरण में आरोपीगण की ओर से पैरवी अंकित वर्मा अधिवक्ता द्वारा की गई।

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