शिवपुरी। समता आंदोलन किसी जाति या समुदाय को आरक्षण दिए जाने का विरोधी नहीं है, बल्कि हमेशा से ही इसे लागू किए जाने के शासकीय तरीकों को संवैधानिक
व्यवस्थाओं के अनुरूप पालन किए जाने की मांग करता है, यह बात शिवपुरी में आयोजित समता आंदोलन की कार्यशाला के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष पाराशर नारायण शर्मा ने मंच से कही। शहर के मातोश्री होटल में आयोजित इस कार्यशाला में प्रदेश सहित
आंदोलन से जुड़े अन्य राज्यों के पदाधिकारी और वक्ता भी शामिल हुए। राष्ट्रीय अध्यक्ष के अलावा राजस्थान समता आंदोलन समिति के उपाध्यक्ष ऋषिराज सिंह राठौर व ग्वालियर से आए अखिलेश पाण्डेय ने भी अपने विचार रखे। वहीं शिवपुरी के कई वरिष्ठजन व बुद्धिजीवी भी कार्यशाला में शामिल हुए।
राष्ट्रीय अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि संवैधानिक व्यवस्थाओं के अनुरूप आरक्षण व्यवस्था का समय निर्धारित किया जाना अत्यंत आवश्यक है। सरकारों को आंकड़े सहित बताना चाहिए कि आरक्षण की वर्तमान व्यवस्था तो कितने परिवार सामान्य परिवार बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि कुछ सीमित परिवार ही इस व्यवस्था का लाभ उठाते चले आ रहे हैं। यदि पिछले 74 वर्षों में हम पिछड़े समाज को विकास की मुख्य धारा से नहीं जोड़ सके तो क्या इस व्यवस्था में बदलाव आवश्यक नहीं है। निश्चित रूप से इस प्रश्र की समीक्षा होना चाहिए। सरकार को सुप्रीम कोर्ट की खण्डपीठ के निर्णयों को लागू करना चाहिए। कार्यक्रम में ग्वालियर से आए विचारक अखिलेश पाण्डेय ने कहा कि देश का शिक्षित युवा पलायन को मजदूर हैं। कार्यक्रम के दौरान शिवपुरी के भी कई प्रबुद्धजनों ने अपने विचार रखे।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें