* विश्व हृदय दिवस, अव्यवस्थित जीवनशैली और धूम्रपान की आदत दिल के लिए सबसे बड़ी परेशानी : रवि गोयल सामाजिक कार्यकर्ता
* अपने हृदय को स्वस्थ रखने के लिए सही खाना सही सोना एवम सदेव मुस्कुराना
शिवपुरी। हृदय रोग दुनियाभर में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक हैं। लगभग सभी उम्र के लोगों को इसका शिकार पाया जा रहा है। अगर आपको लगता है कि ये सिर्फ उम्र बढ़ने के साथ होने वाली बीमारी है तो आंकड़े आपको गलत साबित कर सकते हैं। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के आंकड़ों के मुताबिक हृदय रोग की व्यापकता समय के साथ बढ़ती जा रही है। कम उम्र के लोगों में हार्ट अटैक के मामले पिछले 10 वर्षों से हर साल 2 प्रतिशत की दर से बढ़ रहे हैं। यही कारण है कि सभी लोगों को हृदय रोगों से बचाव के उपाय करते रहने की सलाह दी जाती है। अधिक जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक रवि गोयल शक्ति शाली महिला संगठन ने बताया की शनिवार को कुंवरपुर हाई स्कूल बच्चो को जागरूक करके ह्रदय दिवस मनाया। उन्होंने बच्चो को बताया की में सिर्फ बुजुर्ग या वयस्क ही नहीं, बच्चे भी इस गंभीर स्वास्थ्य समस्या का शिकार हो सकते हैं? इतना ही नहीं कुछ में तो जन्मजात हृदय रोगों की दिक्कत भी देखी जाती है, यानी बच्चों को भी इस समस्या से सुरक्षित नहीं माना जा सकता है।हदय रोग और इससे संबंधी बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसके रोकथाम को लेकर लोगों को शिक्षित करने के उद्देश्य से हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है। आजकल शराब पीने या धूम्रपान करने से भी हृदय दोष का खतरा बढ़ जाता है स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बच्चों में हृदय रोगों की समय रहते पहचान जरूरी है ताकि इसका उचित इलाज हो सके और जटिलताओं को कम किया जा सके। कुछ लक्षणों पर गंभीरता से ध्यान दिया जाना चाहिए।अन्य बच्चों के साथ शारीरिक रूप से तालमेल नहीं बिठा पाना। खेलने या अन्य शारीरिक गतिविधि के कारण जल्दी सांस फूलने लगना।
शारीरिक गतिविधि के कारण जल्दी पसीना आना।
अक्सर बेहोश हो जाना, सांस लेने में दिक्कत होना।
हार्ट बीट कम या ज्यादा रहना।अंत में सबसे बड़ी बात गड़बड़ खानपान की दिक्कत - बच्चों में हृदय रोग के कई जोखिम कारकों को बढ़ते हुए देखा जा रहा है। बच्चों में बढ़ता मोटापा, शारीरिक निष्क्रियता और जंक-फास्ट फूड खाने की आदत उनमें कम उम्र में ही ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल जैसी गंभीर समस्याओं के खतरे को बढ़ाने वाली हो सकती है। बच्चों के लिए बाहर खेलना, वजन कम रखना और आहार पर ध्यान देना बहुत आवश्यक हो जाता है। अंत में सभी बच्चो को तनाव न लेने एवम हस्ते खेलते एवम मुस्कुराते हुए जीवन जीने की कला सिखाई। पोरग्राम में एक सैकड़ा बच्चो के साथ स्कूल में टीचर्स ने सहयोग प्रदान किया।

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