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#धमाका न्यूज़ : अहमदाबाद से दीपावली मनाने भितरवार जा रहे परिवार की 9 वर्षीय मासूम से नगर के नए बस स्टेण्ड पर बस कंडक्टर ने किया दुष्कर्म, पहले भी हुआ था बस स्टेण्ड पर दुष्कर्म

शनिवार, 19 अक्टूबर 2024

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। अहमदाबाद में मजदूरी करने वाले परिवार को नगर के नए बस स्टेण्ड पर रुकना भारी पड़ गया। इस परिवार को अहमदाबाद से दीपावली मनाने भितरवार जाना था लेकिन एक हवशी ने इस परिवार के साथ मौजूद एक 9 साल की नावालिग के साथ शुक्रवार की रात दुष्कर्म कर डाला।  परिजनों की फरियाद पर मोके पर पुलिस ने जाकर पड़ताल की फिर आरोपी बाल कृष्ण रावत को गिरफ्तार कर लिया। 
बता दें की शिवपुरी के अंतरराज्यीय बस स्टैंड पर एक 9 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म की वारदात घटित हुई है, सुबह जैसे ही ये खबर सामने आई नगर में सनसनी फैल गईं हालांकि पुलिस देर रात को ही सक्रिय हो गईं थी, एसपी अमन सिंह, sdop संजय चतुर्वेदी, कोतवाली टीआई रोहित दुबे टीम के साथ सक्रिय हो चुके थे और बच्ची के दादा-दादी के बताये अनुसार आरोपी की तलाश शुरू कर दी थी। इधर मासूम को अस्पताल भर्ती करवाया गया था और देर रात एसपी अमन सिंह भी बच्ची को देखने अस्पताल गए फिर आरोपी को ततपरता से गिरफ्तार करने कहा था। 
इस तरह आया परिवार पर संकट 
पीड़ित परिवार अहमदाबाद से भितरवार के एक गांव जाने निकला लेकिन रात में वाहन न मिलने से उसे अपने दादा- दादी और 5 साल के छोटे भाई के साथ शिवपुरी के बस स्टैंड पर ही रुकना पड़ा था। लेकिन कोई नहीं जानता था कि जो इंसान पीड़ित के साथ मौजूद दादा दादी से बीड़ी माँगने के नाम पर बातचीत कर रहा है उसके मन में हैवानियत हिलोरे मार रही थी उस हवशी ने खेलने कूदने कि उम्र वाली बच्ची से घिनौनी हरकत की। 
दादा दादी ऊँचा सुनते हैं, नहीं सुन पाए बच्ची का रोना चीखना 
मासूम के दादा ने पुलिस को बताया की घटना के वक़्त वे बच्ची से दूर थे और ज़ब कुछ देर बाद जब हम दोनों लौटे तो बच्ची रोती हुई मिली, रक्तस्त्राव हो रहा था और बच्ची बुरी तरह रो भी रही थी उसने रोते रोते बताया कि उसे एक आदमी ने डराया  और फिर उसके साथ गलत काम किया। इसके बाद वह भाग गया। दादा के अनुसार उनको कम सुनाई देता है। इस वजह से वो बच्ची की चीख नहीं सुन पाए। घटना के बाद पीड़ित बच्ची को लेकर कोतवाली पहुंचे और यहां से उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बातों के पुलन्दे बनाये फिर की काली करतूत 
ज़ब कोतवाली पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी थी तो बच्ची के दादा ने जानकारी दी की आरोपी ने घटना से पहले उससे बीड़ी मांगी थी और अपने आप को रावत समाज से जुड़ा हुआ बताते हुए उनके क्षेत्र के किसी रावत को अपना रिश्तेदार बताया था। साथ ही आरोपी ने अपना ठिकाना बस स्टैंड बताया था। पुलिस ने बच्ची के दादा के बयानों के आधार पर बस स्टैंड से कई लोगों को राउंडअप किया, फिर उनसे पूछताछ की तो आरोपी ने अपना जुर्म कबूल किया।
गुजरात से भितरवार दीवाली मनाने जा रहा था परिवार
मासूम के दादा ने बताया कि उसका परिवार अहमदाबाद में मजदूरी करता है।  वह अपने गांव भितरवार दीवाली मनाने आया था उसके साथ पत्नी, पोता 5 साल, पोती 9 साल और शिवपुरी निवासी एक बुजुर्ग भी अहमदाबाद से साथ आया था। सभी शुक्रवार की शाम 7 बजे बस में सवार होकर शिवपुरी बस स्टैंड पर पहुंचे थे। रात होने के चलते उन्हें नरवर-भितरवार के लिए बस नहीं मिली थी। इसके चलते सभी बस स्टैंड के आखरी छोर पर कोटा बस स्टॉपेज के परिसर में आराम के लिए रुक गए थे। तब दोनों बच्चोँ ने खाना नहीं खाया, वे फल खाना चाहते थे तो दादा अपनी पत्नी के साथ फल लेने बस स्टैंड से बाहर चले गए। इस दौरान वो बच्ची को सोते हुए बुजुर्ग और पोते के पास छोड़ गए थे। तभी हवशी की नजर अकेली बच्ची पर पड़ी तो उसने मुँह दबाकर दुष्कर्म कर डाला। 
बच्ची के पिता अहमदाबाद 
दादा ने बताया की बच्ची की मां एक साल पहले उसके बेटे को छोड़कर चली गई थी। उसके बेटे और बहू को चार बच्चे हैं जिनमें से एक बेटा-बेटी बहू के पास और एक बेटा और बेटी मेरे बेटे के पास हैं, हम सभी अहमदाबाद में मजदूरी करते हैं। फैक्ट्री प्रबंधन में इस बार मजदूरी के आधे पैसे रोक दिए गए थे, जिन्हें लेने के लिए बेटा वहीं रुक गया और बच्चे हमारे साथ गांव आ रहे थे। तभी ये घटना घट गईं।
पहले भी इसी तरह रात को हुआ था दुष्कर्म 
इसी बस स्टेण्ड पर पहले भी एक यात्री से दुष्कर्म हुआ था। बस के स्टाफ ने घटना को रात में अंजाम दिया था। 
लावारिश हाल बस स्टेण्ड 
ज़ब से रोडवेज बंद हुई और निजी परिवहन चली तभी से यात्रियों की सुरक्षा खतरे में है, न सिर्फ बस में बल्कि बस स्टेण्ड का उपयोग सिर्फ बस ख़डी करने में होता है, अधिकांश बस दिन की हैं और रात को न के बराबर बस चलती हैं जिससे बस स्टेण्ड वीरान होता है और नशेड़ी स्टाफ ही मौजूद रहता है जिससे इस तरह की घटना घटित होती हैं। 
लम्बी दूरी के यात्री यदि साधन अभाव में रुके तो हिफाजत की जाये 
बस स्ट्रेण्ड के बाहर एक पुलिस चौकी है जिसमे पुलिस कर्मी की ड्यूटी लगाई जानी चाहिए साथ ही जो यात्री साधन अभाव में लिंक वाहन न मिलने पर बस स्टेण्ड पर रुकने मजबूर हों उनकी हिफाजत की जाये। उन्हें या तो रेन बसेरे में ही रोकने के कड़े निर्देश हो या कोई होटल में रुके जिससे इस तरह की घटना रोकी जा सकती हैं। 

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