करोड़ों से निर्मित मंडी में कोई व्यवस्था नहीं
बता दें 13 करोड़ की लागत से बनी पिपरसमा मंडी में शुरू से विवादों में रहीं हैं। इस मंडी में फैली अव्यवस्थाओं के चलते किसान अपने अनाज को इस मंडी में लाने से कतराते हैं। चार साल मंडी की शुरुआत को हो चुके हैं, लेकिन मंडी के कर्मचारियों की वजह से हालात जस के तस बने हुए हैं। आज बुधवार को भी पिपरसमा मंडी में किसान अपनी सोयाबीन की फसल लेकर पहुंचे थे। फसल को खरीदने व्यापारी भी समय पर पहुंच गए थे। लेकिन मंडी के दो कर्मचारी ही डाक लगवाने आए जबकि मंडी में पांच कर्मचारियों को डाक लगाना होती है, जिसमें एक कर्मचारी फसल की बोली लगाता हैं शेष चार कर्मचारी रसीद काटते हैं। इसी के चलते व्यापारियों ने डाक लगवाना बंद कर दिया। इससे किसानों को भी परेशान हुई।
एसडीएम के पहुंचे लेकिन गैरहाजिर थे कर्मचारी
मंडी में हंगामे की सूचना मिलते ही शिवपुरी एसडीएम उमेश कौरव पिपरसमा मंडी पहुंच गए। यहां उन्हें कई मंडी कर्मचारी गैरहाजिर मिले। जिनको व्यापारियों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से मंडी कर्मचारी डाक लगवाने समय पर नहीं आते हैं। एक दो कर्मचारियों की मौजूदगी में डाक लगवानी पडती है। जिससे किसानों सहित व्यापारियों को परेशान होना पड़ता है।
ये बोले मंडी सचिव
कुछ मंडी कर्मचारी मंडी में आने से लेट हो गए थे। जब तक दो कर्मचारियों ने मंडी की डाक शुरू करवा दी। इसी बात से नाराज होकर व्यापारियों ने डाक बंद कर एसडीएम उमेश कौरव को सूचना दे दी थी। जब एसडीएम मंडी प्रांगण में पहुंचे। तब तक पीछे से कर्मचारी भी मंडी पहुंच चुके थे, बाद में डाक शुरू करवा दी गई थी।
देवेंद्र जादौन, सचिव मंडी शिवपुरी।

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