(विपिन शुक्ला के साथ ऋषि शर्मा, ओजस्व शर्मा की रिपोर्ट)
शिवपुरी। ग्राम नक्सनपुर के युवक रवीन्द्र पाल की सुरवाया थाना इलाके में हुई मौत के बाद उपजे गहरे आक्रोश की आग में पोहरी चौराहे पर बीते 24 घंटे से लगा जाम, धरना प्रदर्शन गुरुवार को कुछ देर पहले समाप्त हो गया है। आंदोलनकारियों की कुछ मांगे मान लिए जाने के बाद परिजन और पाल समाज के नेता प्रदर्शन वापस लेने पर राजी हो गए अब ग्राम में रवीन्द्र पाल का अंतिम संस्कार किया जाएगा। जिसमें जिला प्रशासन के अधिकारी शामिल होंगे।
इधर कल से जारी आंदोलन खत्म करने से पहले जिला अस्पताल में मारपीट कांड को लेकर कोतवाली टीआई रोहित दुबे को लाइन अटैच किया गया है जबकि कल जो चार पुलिसकर्मी लाइन भेजे थे उन्हें निलंबित कर दिया गया है। इनमें आरक्षक 309 शिवकुमार मीणा, आरक्षक 265 देवेन्द्र रावत, आरक्षक 911 हिमांशु शर्मा और आरक्षक 1009 गजेन्द्र जाटव शामिल हैं।
साथ ही सुरवाया थाना पर सड़क पर चेकिंग लगाने वाले पुलिस कर्मी को भी लाइन अटैच किया है। मामले की मजिस्ट्रियल जांच की जाएगी। ये जानकारी एसपी अमन सिंह ने मीडिया को दी। साथ ही बताया कि पूरे मामले की जांच के बाद आगे दोषियों पर कारवाई की जाएगी। पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना जताते हुए संवेदनशील एसपी अमन सिंह ने कहा कि पीड़ित परिवार को मौत के बाद मिलने वाला मुआवजा नियम अनुसार सरकार से दिलवाया जाएगा। इन शर्तों पर प्रदर्शन खत्म हुआ। बता दें कि आज बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर दोपहर को आ पहुंचा था। तो इधर मामले में नेतागिरी का आलम ये हो गया था कि बीएसपी, भीम आर्मी, कांग्रेस विधायक पोहरी कैलाश कुशवाह और वाहन भरकर दीगर जिलों के लोग पोहरी चौराहे पर आने लगे थे। जबकि बीजेपी के शिवपुरी विधायक देवेंद्र जैन, बीजेपी जिलाध्यक्ष राजू बॉथम और दिल्ली से केंद्रीय मंत्री द ग्रेट सिंधिया भी पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए थे और पूरी सूझबूझ से मामले की गभीरता को समझते हुए जिला प्रशासन, पुलिस ओर नेताओं ने मामले का पटाक्षेप करने में सफलता पाई।
(सुनिए एसपी अमन सिंह ने क्या कहा)
इधर कोतवाली टीआई रोहित दुबे को इस मामले में उन लोगों ने भी तबियत से लपेटा जिनको उन्होंने च्यवनप्राश उपलब्ध नहीं करवाया था!
इधर कोतवाली टीआई रोहित दुबे को इस मामले में उन लोगों ने भी तबियत से लपेटा जिनको उन्होंने च्यवनप्राश उपलब्ध नहीं करवाया था!
जिले का सबसे लंबी अवधि का जाम
शिवपुरी जिले में जाम प्रदर्शन तो कई बार हुए लेकिन कल से जारी रहा जाम जितना लंबा था वह कभी नहीं लगा। प्रदर्शनकारी पोहरी चौराहे पर पूरी रात ओर आज दिन भर डटे रहे। बीते कुछ सालों में ये जाम की प्रवृति जिले में आम हुई थी तब तत्कालीन एसपी, एसडीओपी एसकेएस तोमर और उनकी टीम ने इस तरह कहीं भी नगर में लगने वाले जाम पर अंकुश लगाया था। कई केस सड़क जाम करने वालों पर ठोके गए थे। हालांकि उक्त मामला संवेदनशील होने से प्रशासन ने सूझबूझ दिखाई।

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