ये है पूरा मामला
दरअसल सीएमओ शर्मा ने शहर की सफाई व्यवस्था हेतु दिनांक 11.05.2015 को विज्ञप्ति कमांक 2015/465/11.05.2015 प्रकाशित कराई थी। उक्त निविदा के प्रकाश में मे. अदिति सेल्स एंड हॉर्टीकल्चर इंदौर को दिनांक 27.06.2015 को कार्यादेश जारी किया गया तथा आश्चर्यजनक रूप से उसी दिनांक को आठ मशीनें कैटल कैचर मशीन राशि 11,35,839/ (ग्यारह लाख पेंतीस हजार आठ सो उन्तालीस रूपये) की, चलित शौचालय 10 सीटर राशि 10,21,896/- (दस लाख इक्कीस हजार आठ सौ छियानवे) तथा मूत्रालय एफ.आई.पी. मटेरियल मूल्य 10,72,641/- (दस लाख बहात्तर हजार छः सौ इक्तालीस), मिनी स्काय लिफ्ट राशि
9,98,184/- (नौ लाख अन्ठानवें हजार एक सौ चौरासी) रूपये इस प्रकार कुल 8 मशीनें 71,69,000/- (इकत्तर लाख उन्हत्तर हजार रूपये) में मशीनें प्रदाय की थीं।
तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी कमलेश शर्मा के भ्रष्टाचार का सबसे ज्वलंत प्रमाण यह है कि, उनके द्वारा दिनांक 27.06.2015 को उक्त फर्म को मशीनें प्रदान करने हेतु आदेश जारी किया गया था तथा उक्त मुख्य नगर पालिका अधिकारी कमलेश शर्मा द्वारा उक्त दिनांक
27.06.2015 को ही आठ मशीनें प्राप्ति की अभिस्वीकृति भी प्रदत्त कर दी। जबकि वास्तविकता में मशीनें 08 ना होकर कुल 04 मशीनें ही नगरपालिका को प्राप्त हुई थीं। इस प्रकार मुख्य नगर पालिका अधिकारी कमलेश शर्मा द्वारा असत्य रूप से 08 मशीनों की प्राप्ति देने से परिषद को लाखों रूपये का नुकसान हुआ। तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी कमलेश शर्मा द्वारा
उक्त मशीनें क्रय करने हेतु परिषद अथवा पी.आई.सी. से कोई दर स्वीकृत नहीं कराई गयी थी और ना ही उक्त मशीनों के संबंध में आसपास की अन्य किसी नगरपालिका से मशीनों की गुणवत्ता एवं मूल्य के संबंध में कोई जानकारी प्राप्त की थी।
यह कि, नगरपालिका अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार दस लाख रूपये से अधिक की खरीदी हेतु प्रेसीडेंट इन काउंसिल की प्रशासकीय वित्तीय स्वीकृति आवश्यक है।
किंतु तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी कमलेश शर्मा द्वारा अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति हेतु पी.आई.सी. से कोई स्वीकृति प्राप्त नहीं की गई। तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी कमलेश शर्मा द्वारा मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियमों का उक्त खरीद प्रक्रिया में पालन नहीं किया गया। उक्त मशीनों को क्रय करने हेतु एकल टेंडर स्वीकार किया गया जबकि एकल टेंडर प्राप्त होने की स्थिति में
टेंडर प्रक्रिया निरस्त कर नवीन टेंडर आहूत किये जाने चाहिये थे। फिर दिनांक 17.08.2016 को नगरपालिका परिषद शिवपुरी की प्रेसीडेंट इन काउंसिल द्वारा इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया गया कि उक्त मशीनें अनुपयोगी होने से संबंधित फर्म को वापस की जावें तथा उनका भुगतान ना किया जावे। उक्त प्रस्ताव पारित होने के पश्चात भी तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी कमलेश शर्मा द्वारा उक्त मशीनें संबंधित फर्म को वापस नहीं की गई और ना ही इस संबंध में संबंधित फर्म से कोई पत्राचार ही किया गया। चूंकि नगरपालिका परिषद शिवपुरी की पी.आईसी, दिनांक 17.08.2016 को उक्त आठों मशीनें वापस करने का प्रस्ताव ठहराव पारित कर चुकी थी। जबकि मशीनें आठ के स्थान पर चार ही प्राप्त हुई थीं। इस कारण उक्त चारों मशीनों
का एक भी दिन नगरपालिका शिवपुरी द्वारा उपयोग नहीं किया गया और उक्त चारों मशीनें परिषद के परिसर में बिना उपयोग हुये कंबाड में परिवर्तित हो गईं। अतः कमलेश नारायण शर्मा तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी जो कि वर्तमान में सेवानिवृत्त हो चुका है के अतिरिक्त शिवपुरी नगरपालिका परिषद शिवपुरी में रणवीर कुमार, जी.पी.भार्गव, सी.पी. राय, केके पटेरिया, एवं शैलेष अवस्थी पदस्थ रहे हैं। वर्तमान में शिवपुरी नगरपालिका में इशांक धाकड़ सी.एम.ओ. के पद पर पदस्थ है, किंतु उक्त समस्त मुख्य नगरपालिका अधिकारीगण में से किसी भी मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा उक्त आर्थिक अपराध में दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध अपने सेवाकाल में कोई कार्यवाही संस्थित नहीं की गई। इससे यह स्पष्ट है कि, उक्त लाखों रूपये की बंदरबॉट में समस्त
मुख्य नगरपालिका अधिकारी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल रहें हैं। इतना ही नहीं किसी भी मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा मे. अदिति सेल्स को उक्त ना तो अनुपयोगी मशीनें ही वापस की गई और ना ही किसी मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा उक्त संबंध में कोई वैधानिक कार्यवाही ही की गई। लगभग 72 लाख रूपये मूल्य की उक्त मशीनों को कबाड़ में परिवर्तित होते देखने वाले नगरपालिका शिवपुरी के इंजीनियर्स, स्वास्थ्य शाखा के अधिकारीगण भी तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी श्री कमलेश शर्मा के समान दोषी हैं। इधर इसी मामले में जब उक्त मशीनें प्रदाय करने वाली फर्म अदिति सेल्स को जब कई सालों बाद उक्त मशीनों का भुगतान प्राप्त नहीं हुआ तो उक्त फर्म द्वारा एम.एस.एम.ई. काउंसिल भोपाल के समक्ष याचिका प्रस्तुत की गई। आश्चर्यजनक रूप से नगरपालिका परिषद शिवपुरी, एम.एस.एम.ई. काउंसिल के समक्ष प्रस्तुत वादों में उपस्थित तो हुई किंतु अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति के चलते नगर पालिका शिवपुरी द्वारा एम.एस.एम.ई. परिषद भोपाल के समक्ष कोई वाद उत्तर प्रस्तुत नहीं किया गया जिससे फर्म अदिति सेल्स द्वारा प्रस्तुत शिकायतों को एम.एस.एम.ई, कौंसिल द्वारा
यथास्थिति स्वीकार कर कैटल कैचर मशीन कीमती 1135839/- रूपये पर ब्याज सहित कुल राशि 6380120/- रूपये अदा करने का आदेश पारित किया गया। इसी प्रकार मिनी स्काई लिफ्ट चैसिस पर फिटिंग कर कीमती 998184 रूपये के स्थान पर कुल राशि 5511397/- रूपये तीस दिवस में भुगतान करने का आदेश पारित किया। इसी प्रकार चलित शौचालय कीमती 1021898/- के स्थान पर कुल राशि 5740091/ भुगतान करने का आदेश पारित हुआ। इस
प्रकार कुल आठों मशीनों का प्रदाय मूल्य 7169000/- के स्थान पर 4,32,00000
रूपये फर्म अदिति सेल्स को भुगतान करने का एम.एस.एम.ई काउंसिल भोपाल द्वारा आदेश पारित किया गया। मध्य प्रदेश सूक्ष्म और लघु उद्यम फेसिलिटेशन (एम.एस.एम.ई) काउन्सिल भोपाल द्वारा उक्त मशीनों के संबंध में पारित आदेशो की छायाप्राति अवलोकनार्थ इस शिकायत के साथ संलग्न हैं। नगरपालिका परिषद शिवपुरी के अधिकारियों द्वारा अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति हेतु नगरपालिका परिषद शिवपुरी को 3,60,31000/- राशि का आर्थिक नुकसान उठाने हेतु बाध्य होना पड़ा। उक्त संपूर्ण
धनराशि की वसूली हेतु वर्ष 2015 से आज दिनांक तक पदस्थ मुख्य नगरपालिका अधिकारीगण उत्तरदायी हैं। नगरपालिका परिषद शिवपुरी में दिनांक 27.06.2015 से आज दिनांक तक पदस्थ समस्त मुख्य नगर पालिका अधिकारी, सहायक यंत्री एवं अन्य कर्मचारीगण द्वारा उक्त 8 मशीनें जिनमें से वास्तविक रूप में कुल 4 मशीनें ही नगरपालिका परिषद शिवपुरी को प्रात हुई के संबंध में कोई वैधानिक कार्यवाही नही की गई इस प्रकार उक्त अवधि के दौरान पदस्थ समस्त मुख्य नगरपालिका अधिकारी गण एवं नगरपालिका परिषद शिवपुरी का अन्य स्टाफ द्वारा अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति हेतु नगरपालिका परिषद शिवपुरी को करोड़ों रूपये का आर्थिक नुकसान उठाने हेतु विवश किया ऐसे समस्त अधिकारी एवं कर्मचारीगण के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया जाना आवश्यक एवं न्यायोचित है।
अतः निवेदन है कि, नगरपालिका परिषद शिवपुरी में वर्ष 2015 से पदस्थ मुख्य नगरपालिका अधिकारी, कर्मचारीगण के विरूद्ध नगरपालिका परिषद शिवपुरी को करोड़ों रूपये की आर्थिक हानि पहुंचाने के संबंध में अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किये जाने की आज्ञा प्रदान की जावे।
ये लिखा है पत्र
प्रति,
माननीय पुलिस महानिदेशक महोदय, आर्थिक अपराध ब्यूरो, पर्यावास भवन भोपाल (म.प्र.)
विषय :-नगरपालिका परिषद शिवपुरी के भ्रष्ट मुख्य नगरपालिका अधिकारियों एवं अन्य कर्मचारियों द्वारा अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति हेतु नगरपालिका शिवपुरी को करोड़ों रूपये की आर्थिक हानि पहुंचाने बाबत्।
महोदय,
1. यह कि प्रार्थी वर्तमान में जिला अभिभाषक संघ शिवपुरी का "अध्यक्ष" होकर विगत 35 वर्षों से जिला एवं सत्र न्यायालय शिवपुरी में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में कार्यरत है। प्रार्थी द्वारा व्यापक लोक हित में जुडे कई विषयों को लेकर पूर्व में कई जनहित याचिकाएं माननीय उच्च न्यायालय, माननीय लोकोपयोगी न्यायालय, राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण आदि में प्रस्तुत की है। जिनमें से कुछ याचिकायें निर्णीत हो चुकी हैं तथा कुछ विचाराधीन हैं। प्रार्थी द्वारा भ्रष्टाचार से जुड़े कई मुद्दों पर आर्थिक अपराध ब्यूरो एवं लोकायुक्त विभाग में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
2. यह कि, नगरपालिका परिषद शिवपुरी के मुख्य नगर पालिका अधिकारी कमलेश शर्मा ने शहर की सफाई व्यवस्था हेतु दिनांक 11.05.2015 को विज्ञप्ति कमांक 2015/465/11.05.2015 प्रकाशित कराई थी। उक्त निविदा के प्रकाश में मे. अदिति सेल्स एंड हॉर्टीकल्चर इंदौर को दिनांक 27.06.2015 को कार्यादेश जारी किया गया तथा आश्चर्यजनक रूप से उसी दिनांक को आठ मशीनें कैटल कैचर मशीन राशि 11,35,839/ (ग्यारह लाख पेंतीस हजार आठ सो उन्तालीस रूपये) की, चलित शौचालय 10 सीटर राशि 10,21,896/- (दस लाख इक्कीस हजार आठ सौ छियानवे) तथा मूत्रालय एफ.आई.पी. मटेरियल मूल्य 10,72,641/- (दस लाख बहात्तर हजार छः सौ इक्तालीस), मिनी स्काय लिफ्ट राशि 9,98,184/- (नौ लाख अन्ठानवें हजार एक सौ चौरासी) रूपये इस प्रकार कुल 8 मशीनें 71,69,000/- (इकत्तर लाख उन्हत्तर हजार रूपये) में मशीनें प्रदाय की थीं।
3. यह कि, तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी कमलेश शर्मा के भ्रष्टाचार का सबसे ज्वलंत प्रमाण यह है कि, उनके द्वारा दिनांक 27.06.2015 को उक्त फर्म को मशीनें प्रदान करने हेतु आदेश जारी किया गया था तथा उक्त मुख्य नगर पालिका अधिकारी कमलेश शर्मा द्वारा उक्त दिनांक 27.06.2015 को ही आठ मशीनें प्राप्ति की अभिस्वीकृति भी प्रदत्त कर दी। जबकि वास्तविकता में मशीनें 08 ना होकर कुल 04 मशीनें ही नगरपालिका को प्राप्त हुई थीं। इस प्रकार मुख्य नगर पालिका अधिकारी कमलेश शर्मा द्वारा असत्य रूप से 08 मशीनों की प्राप्ति देने से परिषद को लाखों रूपये का नुकसान हुआ।
यह कि, तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी कमलेश शर्मा द्वारा उक्त मशीनें क्रय करने हेतु परिषद अथवा पी.आई.सी. से कोई दर स्वीकृत नहीं कराई गयी थी और ना ही उक्त मशीनों के संबंध में आसपास की अन्य किसी नगरपालिका से मशीनों की गुणवत्ता एवं मूल्य के संबंध में कोई जानकारी प्राप्त की थी।
यह कि, नगरपालिका अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार दस लाख रूपये से अधिक की खरीदी हेतु प्रेसीडेंट इन काउंसिल की प्रशासकीय वित्तीय स्वीकृति आवश्यक है। किंतु तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी कमलेश शर्मा द्वारा अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति हेतु पी.आई.सी. से कोई स्वीकृति प्राप्त नहीं की गई।
यह कि, तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी कमलेश शर्मा द्वारा मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियमों का उक्त खरीद प्रक्रिया में पालन नहीं किया गया। उक्त मशीनों को क्रय करने हेतु एकल टेंडर स्वीकार किया गया जबकि एकल टेंडर प्राप्त होने की स्थिति में टेंडर प्रक्रिया निरस्त कर नवीन टेंडर आहूत किये जाने चाहिये थे।
यह कि, दिनांक 17.08.2016 को नगरपालिका परिषद शिवपुरी की प्रेसीडेंट इन काउंसिल द्वारा इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया गया कि उक्त मशीनें अनुपयोगी होने से संबंधित फर्म को वापस की जावें तथा उनका भुगतान ना किया जावे। उक्त प्रस्ताव पारित होने के पश्चात भी तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी कमलेश शर्मा द्वारा उक्त मशीनें संबंधित फर्म को वापस नहीं की गई और ना ही इस संबंध में संबंधित फर्म से कोई पत्राचार ही नहीं किया गया।
यह कि, चूंकि नगरपालिका परिषद शिवपुरी की पी.आईसी, दिनांक 17.08.2016 को उक्त आठों मशीनें वापस करने का प्रस्ताव ठहराव पारित कर चुकी थी। जबकि मशीनें आठ के स्थान पर चार ही प्राप्त हुई थीं। इस कारण उक्त चारों मशीनों का एक भी दिन नगरपालिका शिवपुरी द्वारा उपयोग नहीं किया गया और उक्त चारों मशीनें परिषद के परिसर में बिना उपयोग हुये कबाड में परिवर्तित हो गईं।
यह कि, कमलेश नारायण शर्मा तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी जो कि वर्तमान में सेवानिवृत्त हो चुका है के अतिरिक्त शिवपुरी नगरपालिका परिषद शिवपुरी में रणवीर कुमार, जी.पी.भार्गव, सी.पी. राय, केके पटेरिया, एवं शैलेष अवस्थी पदस्थ रहे हैं। वर्तमान में शिवपुरी नगरपालिका में इशांक धाकड़ सी.एम.ओ. के पद पर पदस्थ है, किंतु उक्त समस्त मुख्य नगरपालिका अधिकारीगण में से किसी भी मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा उक्त आर्थिक अपराध में दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध अपने सेवाकाल में कोई कार्यवाही संस्थित नहीं की गई। इससे यह स्पष्ट है कि, उक्त लाखों रूपये की बंदरबॉट में समस्त मुख्य नगरपालिका अधिकारी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल रहें हैं।
10. यह कि, किसी भी मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा मे. अदिति सेल्स को उक्त ना तो अनुपयोगी मशीनें ही वापस की गई और ना ही किसी मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा उक्त संबंध में कोई वैधानिक कार्यवाही ही की गई। लगभग 72 लाख रूपये मूल्य की उक्त मशीनों को कबाड़ में परिवर्तित होते देखने वाले नगरपालिका शिवपुरी के इंजीनियर्स, स्वास्थ्य शाखा के अधिकारीगण भी तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी श्री कमलेश शर्मा के समान दोषी हैं।
11. यह कि, उक्त मशीनें प्रदाय करने वाली फर्म अदिति सेल्स को जब कई सालों बाद उक्त मशीनों का भुगतान प्राप्त नहीं हुआ तो उक्त फर्म द्वारा एम.एस.एम.ई. काउंसिल भोपाल के समक्ष याचिका प्रस्तुत की गई। आश्चर्यजनक रूप से नगरपालिका परिषद शिवपुरी, एम.एस.एम.ई. काउंसिल के समक्ष प्रस्तुत वादों में उपस्थित तो हुई किंतु अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति के चलते नगर पालिका शिवपुरी द्वारा एम.एस.एम.ई. परिषद भोपाल के समक्ष कोई वाद उत्तर प्रस्तुत नहीं किया गया जिससे फर्म अदिति सेल्स द्वारा प्रस्तुत शिकायतों को एम.एस.एम.ई, कौंसिल द्वारा यथास्थिति स्वीकार कर कैटल कैचर मशीन कीमती 1135839/- रूपये पर ब्याज सहित कुल राशि 6380120/- रूपये अदा करने का आदेश पारित किया गया। इसी प्रकार मिनी स्काई लिफ्ट चैसिस पर फिटिंग कर कीमती 998184 रूपये के स्थान पर कुल राशि 5511397/- रूपये तीस दिवस में भुगतान करने का आदेश पारित किया। इसी प्रकार चलित शौचालय कीमती 1021898/- के स्थान पर कुल राशि 5740091/ भुगतान करने का आदेश पारित हुआ। इस
प्रकार कुल आठों मशीनों का प्रदाय मूल्य 7169000/- के स्थान पर 4,32,00000
रूपये फर्म अदिति सेल्स को भुगतान करने का एम.एस.एम.ई काउंसिल भोपाल द्वारा आदेश पारित किया गया। मध्य प्रदेश सूक्ष्म और लघु उद्यम फेसिलिटेशन (एम.एस.एम.ई) काउन्सिल भोपाल द्वारा उक्त मशीनों के संबंध में पारित आदेशो की छायाप्राति अवलोकनार्थ इस शिकायत के साथ संलग्न हैं।
12. यह कि, नगरपालिका परिषद शिवपुरी के अधिकारियों द्वारा अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति हेतु नगरपालिका परिषद शिवपुरी को 3,60,31000/- राशि का आर्थिक नुकसान उठाने हेतु बाध्य होना पड़ा। उक्त संपूर्ण धनराशि की वसूली हेतु वर्ष 2015 से आज दिनांक तक पदस्थ मुख्य नगरपालिका अधिकारीगण उत्तरदायी हैं।
13. यह कि, नगरपालिका परिषद शिवपुरी में दिनांक 27.06.2015 से आज दिनांक तक पदस्थ समस्त मुख्य नगर पालिका अधिकारी, सहायक यंत्री एवं अन्य कर्मचारीगण द्वारा उक्त 8 मशीनें जिनमें से वास्तविक रूप में कुल 4 मशीनें ही नगरपालिका परिषद शिवपुरी को प्रात हुई के संबंध में कोई वैधानिक कार्यवाही नही की गई इस प्रकार उक्त अवधि के दौरान पदस्थ समस्त मुख्य नगरपालिका अधिकारी गण एवं नगरपालिका परिषद शिवपुरी का अन्य स्टाफ द्वारा अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति हेतु नगरपालिका परिषद शिवपुरी को करोड़ों रूपये का आर्थिक नुकसान उठाने हेतु विवश किया ऐसे समस्त अधिकारी एवं कर्मचारीगण के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया जाना आवश्यक एवं न्यायोचित है।
अतः निवेदन है कि, नगरपालिका परिषद शिवपुरी में वर्ष 2015 से पदस्थ मुख्य नगरपालिका अधिकारी, कर्मचारीगण के विरूद्ध नगरपालिका परिषद शिवपुरी को करोड़ों रूपये की आर्थिक हानि पहुंचाने के संबंध में अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किये जाने की आज्ञा प्रदान की जावे।
इति दिनांक 13/11/2024
भवदीय
'विजय तिवारी एडवोकेट
"अध्यक्ष" जिला अभिभाषक संघ शिवपुरी (म.प्र.)

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