शिवपुरी। समाज में शब्दो के अर्थ ठीक से न समझ पाने की वजह से ज्यादा विसंगति देखने को मिल रही है, जैसे जाहि विधि रहे राम ताहि विधि रहिए के प्रचार से श्री राम के
आदर्शों पर ज्यादा चलने की सीख मिलती है, उक्त विचार वैदिक विदुषी दीदी अंजली आर्या ने पहले दिन खचाखच भरे श्री राम कथा के प्रांगण में मौजूद श्रोताओं के बीच में प्रस्तुत किये।
महर्षि वाल्मीकि कृत रामायण के शुभारंभ अवसर पर दीदी अंजली आर्या ने कहा कि वाल्मीकि जी के बारे में गलत धारणाएं जोड़ दी गयी जबकि उच्च कोटि के विद्वान और ऋषि पुत्र महर्षि वाल्मीकि अद्भुत ज्ञान विज्ञान
के भंडार थे।इसी प्रकार नारद जी जैसे विद्वान के बारे भ्रम पैदा करके अनर्गल टिप्पणी उनके जीवन से जोड़ कर किसी का नही बल्कि समाज का अहित किया है, उनके जीवन को ठीक ठीक ढंग से प्रस्तुत किया
होता तो आज समाज की स्थिति अलग होती।
सामाजिक समरसता के मूल मंत्र को लेकर आयोजित की महर्षि वस्ल्मीकि कृत श्री राम कथा का शुभारंभ वाल्मीकि व शाक्य समाज के बंधुओ द्वारा दीदी अंजली आर्या का
स्वागत व अंजली आर्या दीदी द्वारा उनको महर्षि वाल्मीकि कृत रामायण भेंट कर हुआ।
इससे पूर्व शिवपुरी के तात्या टोपे पार्क से शोभायात्रा प्रारम्भ हुई जो अस्पताल चौराहा,
कोर्ट रोड, गांधी चौक, धर्मशाला रोड, न्यू ब्लॉक , हंस बिल्डिंग होते हुए गांधी पार्क में पहुची।
यात्रा का स्थान स्थान पर भव्य स्वागत लोगो ने दिल खोलकर किया।कथा के मुख्य
यजमान इंद्रजीत चावला बिल्लू व संजय ढींगरा के परिवार सहित हिन्दू उत्सव समिति
के सभी सदस्यों ने दीदी का स्वागत किया।
पहले दिन का संचालन महेंद्र रावत व भानु शर्मा द्वारा किया गया।
प्रसाद भारत विकास परिषद द्वारा वितरण किया गया।

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