शिवपुरी। रास्ते से निकलती लड़कियों को देखकर भद्दे और अश्लील कमेंट करना, जिसे आप मस्ती समझते हो, दरसल वो जेंडर हिंसा है, जिसे कानून में दंडनीय अपराध माना गया है। प्रकृति और संविधान ने स्त्री और पुरुष के बीच भेद किया है, किंतु भेदभाव नहीं किया। यह भेदभाव पितृसत्तात्मक सामाजिक मानसिकता ने किया है। यह बात बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा ने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 2 के छात्रों से कही।
उन्होंने कहा शिक्षा व्यवहार को विनम्र बनाती है। शिक्षा का मूल उद्देश्य ही जीवन को अनुशासित और सदाचारी बनाना होता है। हमारे धर्मग्रंथ और हमारी संस्कृति हर बेटी को, हर महिला को वात्सल्य भाव से देखने की सीख देती है,लेकिन बड़ा दुखद है कि हम वात्सल्य की जगह वासना की दृष्टि से देखते है। यह स्थिति सामाजिक विकास की बाधा है। ऐसे व्यवहार से हमारे परिवारों की बहन- बेटियों के मन में भी असुरक्षा के भाव आते है। हमें व्यवहार में बदलाव करने की जरूरत है।
नशीली बस्तुओं से दूर रहें
अधिकारी शर्मा ने छात्रों को नशे के दुष्प्रभाव बताते हुए नशीली बस्तुओं के उपयोग से दूर रहने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि नशीली बस्तुओं का उपयोग से हमे आर्थिक नुकसान तो होता है,बल्कि शारीरिक और मानसिक विकार भी पैदा करता है।
सफलता के लिए लक्ष्य पर नजर रखो
अधिकारी शर्मा ने बालकों से कहा कि जीवन में किसी भी काम में सफल होने के लिए दृढ़ निश्चय और लक्ष्य के प्रति एकाग्रता बेहद जरूरी है। उन्होंने महाभारत काल के एक प्रसंग का जिक्र करते हुए बताया कि एक दिन गुरु द्रोणाचार्य ने अपने शिष्यों की परीक्षा लेने के लिए बुलाया। उन्हें एक पेड़ के सामने खड़ा करके पूछा कि तुम्हे क्या दिख रहा है?एक शिष्य ने कहा कि सामने पेड़ है,जिस पर पत्ते और फूल लगे है तथा कुछ पक्षी बैठे हुए है। दूसरे शिष्यों ने भी यही जवाब दिया। आखिर में अर्जुन से वही प्रश्न किया। तब अर्जुन ने कहा कि मुझे तोते की आंख दिख रही है...गुरु द्रोणाचार्य ने कहा जब तक तुम्हे अर्जुन की तरह तोते की आंख नहीं दिखेगी तब तक तुम लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकते। यही सफलता का मूल मंत्र है।
लैंगिक समानता जरूरी
कार्यक्रम के दौरान ममता संस्था की जिला समन्वयक कल्पना रायजादा ने जेंडर और सेक्स के अंतर को समझाते हुए उसे मिटाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया। उन्होंने समाज में मौजूद विभिन्न प्रकार की लैंगिक हिंसाओं और लैंगिक असमानता को मिटाने की जरूरतों को विस्तार से समझाया। सामाजिक कार्यकर्ता जीतेश जैन के द्वारा बाल विवाह रोकथाम,बाल यौन शोषण रोकथाम तथा विभागीय योजनाओं की जानकारी दी गई।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के 10 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम के दौरान शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 2 की प्रभारी प्राचार्य इंदु पराशर, शिक्षक अनिल रावत,आरएन कोली, राजकुमारी शर्मा, जहूर खान, कैलाश वर्मा, सुनील धाकड़, ज्योति भार्गव,भावना गुप्ता, स्वेता भार्गव, भावना गुप्ता,स्वेता भार्गव, मुकेश नामदेव, हीरामनी इक्का,वंदना राठौर, उमा डांडे, प्रफुल्ला मिंज,महेश वर्मा, अवधेश श्रीवास्तव, विजय गुप्ता, मनोज शर्मा, मयंक दुवे एवं बड़ी सांख्य में स्कूल के छात्र मौजूद थे।
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