शिवपुरी। जिले के ग्राम राजपुर (दिनारा) के श्री हनुमान मंदिर पर चल रही पांच दिवसीय श्री रामकथा में शिवपुरी से पधारी बालयोगी पं.वासुदेव नंदिनी भार्गव ने वड़े ही सरल तरीके से कथा श्रवण का महत्व बतलाया। उन्होंने कहा कि सफर मैं जैसे बस, रेल, हवाई जहाज, पानी के जहाज, यहां तक कि पशु पक्षी अन्य जीव भी एक निश्चित मार्ग पर चलते हैं, तभी वह मंजिल पर पहुंचते है, क्योंकि मार्ग निश्चित है तो विश्वास भी है , ठीक वैसे ही मनुष्य का मार्ग कथा श्रवण है।कथा श्रवण से ही मनुष्य अपनी मंजिल यानी मोक्ष को पा सकता है। रामकथा हो या श्री मद्भागवत कथा सव मैं भक्ति रस का भंडार है,हमें सिर्फ भक्ति रस का का पान करना है। श्रवण, कीर्तन, भजन सत्संग है, हमको सिर्फ श्रद्धा और विश्वास से कथा का श्रवण करना है।
श्री राम आदर्श की मूर्ति हैं : पं.वासुदेव नंदिनी भार्गव
एक तरफ भगवान श्री राम आदर्श की मूर्ति वहीं दूसरी तरफ रामायण, मनुष्य को जीवन मैं कैसे जीना है, ये सव कुछ रामायण मैं श्री तुलसी दास जी ने सरल भाषा मैं लिख दिया है।रामायण मानव जीवन के लिए एक आदर्श संहिता है ।
रामकथा की महिमा वताते हुए कहा कि, कथा अनेक जन्मों के सुकृत का उदय होने से प्राप्त होती है।माघ माह में जैसे भारद्वाज जी ने याज्ञवल्क्य जी से कथा सुनकर राम जी को पा लिया वही परम सौभाग्य हम सभी जनों को प्राप्त हुआ है। कथा श्रवण करना नवधा भक्ति में सबसे जरूरी है। भगवान कहते हैं जिसके जीवन में नौ में से कोई एक भक्ति जिनके पास होती हैं, भगवान उन पर कृपा कर उसे स्वीकार कर लेते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें