Responsive Ad Slot

Latest

latest

#धमाका धर्म: दिगंबर जैन महापंचायत के संयोजक और छतरी जैन मंदिर ट्रस्ट कमेटी के अध्यक्ष राजकुमार जैन जड़ी बूटी वालों को किया गया याद, "बाल ब्रह्मचारी संदीप सरल" ने कहा, "नई पीढ़ी में बेहतर संस्कारों का जागरण नहीं करेंगे तब तक कैसे हम अपनी धरोहर को सुरक्षित रख सकेंगे"

शनिवार, 25 जनवरी 2025

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। संतान को संपदा देने की नहीं संस्कार देने की चिंता अभिभावक करें तो वह ज्येष्ठ और श्रेष्ठ बन सकते हैं। जब तक हम अपनी नई पीढ़ी में बेहतर संस्कारों का जागरण नहीं करेंगे तब तक कैसे हम अपनी धरोहर को सुरक्षित रख सकेंगे। इसलिए धर्म सभा में जितने भी बुजुर्ग विराजमान हैं। वह सब संकल्प लेकर जाएं कि वह अपने बच्चों को विरासत में संपदा भले ही ना छोड़ें, लेकिन संस्कार इतने छोड़ जाएं कि उनके दुनिया से विदा होने के बाद भी परिवार में उनकी कीर्ति विद्यमान रहे और नई पीढ़ी भी उन संस्कारों पर आगे बढ़े। यह बात देश के मूर्धन्य विद्वान बाल ब्रह्मचारी संदीप सरल ने आचार्य विद्यासागर श्रमण संस्कृत संस्थान परिसर में आयोजित की गई धर्म सभा को संबोधित कर कही। उन्होंने नई पीढ़ी के युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि न्याय नीति से कमाओ, विवेक से खर्च करो और संतोषी जीवन व्यतीत करो। यदि यह तीन गुण आपके जीवन में आ गए तो कोई भी युवा अपने जवानी को व्यर्थ नहीं गंवाएगा और बुढ़ापा भी इसका बेहतर कटेगा। क्योंकि वह पहले से ही संस्कारवान बन जाएगा। विभिन्न धर्म संगठनों और सामाजिक पंचायत को संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि कभी भी पापी से घृणा ना करें हमेशा पाप से घृणा करें। भगवान महावीर अपने संदेश में  कहते थे कि घृणा पाप से करो,पापी से नहीं। यह दर्शन उन्होंने यूं ही नहीं दिया। हमें यदि पापों का परिमार्जन करना है तो फिर हमें पाप से घृणा करनी होगी और पापियों को नई दिशा दिखानी होगी। क्योंकि यही उनके बदलाव का सबसे बड़ा कारण होगा। इस अवसर पर उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नारे "तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा की तर्ज पर एक नया नारा बनाते हुए कहा कि तुम मुझे समय दो, मैं तुम्हें भगवान बनने का रास्ता दूंगा।" इसी तरह उन्होंने बाल गंगाधर तिलक के नारे "स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा को नई परिणति का नारा देते हुए कहा कि भगवान बनना हम सब का जन्म सिद्ध अधिकार है।" साथ ही उन्होंने कहा कि "आत्मा से परमात्मा बनना मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं एक दिन अपनी आत्मा का कल्याण करके रहूंगा।" यदि हम इस तरह के भावों को अपने जीवन में समझेंगे तो हमारे कल्याण का मार्ग सदैव प्रशस्त होगा। इस अवसर पर उन्होंने दिगंबर जैन महापंचायत के संयोजक और छतरी जैन मंदिर ट्रस्ट कमेटी के अध्यक्ष राजकुमार जैन जड़ी बूटी वालों का स्मरण करते हुए कहा कि जिस तरह से उन्होंने संपूर्ण देश में और विभिन्न तीर्थ क्षेत्र और धर्म क्षेत्र पर अपना द्रव्य का दान देकर और साधु सेवा में समर्पण देख कर अपना बेहतर जीवन जिया, नई पीढ़ी भी इस दिशा में अग्रसर हो और समाज के अन्य युवाओं से प्रेरणा देकर धर्म मार्ग पर आगे बड़े यही हम सबको करना होगा। 
भगवान को चांदी के रथ में विराजित कर निकाली शोभायात्रा
आयोजन के दौरान छतरी जैन मंदिर से चांदी के रथ में सवार होकर भगवान की शोभायात्रा नगर के प्रमुख मार्ग से निकाली गई। जिसमें महिलाओं पुरुषों द्वारा घर के आगे भगवान की आरती की गई। वहीं कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के बाद भगवान की पूजा अर्चना के साथ वार्षिक परीक्षा अभिषेक का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
पदाधिकारी व सदस्यों ने कार्यक्रम का किया शुभारंभ
धर्म सभा के आरंभ में मंगलाचरण रामदयाल जैन माबा वाले और छतरी जैन मंदिर पाठशाला परिवार की शिल्पी जैन ने किया। पूरे समाज की ओर से स्वागत भाषण दिगंबर जैन महापंचायत के अध्यक्ष चौधरी अजीत कुमार जैन द्वारा दिया गया। कार्यक्रम की रूपरेखा महामंत्री दिगंबर जैन महापंचायत राजेश जैन राजू द्वारा व्यक्त की गई। आभार प्रदर्शन चौधरी अरविंद कुमार जैन द्वारा व्यक्त किया गया। इस अवसर पर जिपं के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र जैन गोटू, जिपं के सीईओ हिमांशु जैन सहित समस्त जिनालयों के अध्यक्ष और दिगंबर जैन महापंचायत ट्रस्ट कमेटी के पदाधिकारी व सदस्यों द्वारा सामूहिक रूप से आचार्य विद्यासागर महाराज और भगवान पारसनाथ के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

कोई टिप्पणी नहीं

एक टिप्पणी भेजें

© all rights reserved by Vipin Shukla @ 2020
made with by rohit Bansal 9993475129