खैर इस मुलाकात के क्या मायने हैं ये तो फिलहाल ज्ञात नहीं। बता दें कि उपचुनाव में हार के बाद रामनिवास रावत नाराज हो गए थे। उन्होंने पार्टी पर प्रचार न करने का आरोप लगाया था। अपने राम तो यही कहेंगे भईया ये राजनीति है, इसमें खड़ा ऊंट कब बिठा दिया जाए और बैठा ऊंट कब चल पड़े कहा नहीं जा सकता। सो भैया देख दिनन के फेर।
#धमाका बड़ी खबर: जब अचानक CM डॉ मोहन यादव का काफिला फलाहार करने रामनिवास रावत के घर जा पहुंचा तो थम गई ठंडी हवाएं, सियासत गर्मा गई, देखिए VIDEO
ग्वालियर। प्रदेश की राजनीति में शनिवार को अचानक तूफान आ गया है। बीजेपी नेताओं को बातों की वजह मिल गई है। आज प्रदेश सरकार के मुखिया डॉ मोहन यादव ग्वालियर दौरे पर थे। नियत कार्यक्रम में शामिल हो रहे थे यहां तक तो हवाएं ठंडी चल रही थी लेकिन अचानक जब डॉ मोहन यादव का काफिला फलाहार करने रामनिवास रावत के घर जा पहुंचे तो सियासत गर्मा गई। कुछ देर पहले तक जो सर्दी का एहसास हो रहा था वो जाता रहा। इधर मामला इसलिए भी खास हो गया कि सीएम यादव के साथ जयभान सिंह पवैया, विवेक नारायण शेजवलकर जैसे दिग्गज भाजपा नेता भी मौजूद रहे। इधर सिंधिया समर्थक नेताओं को गुगली समझ नहीं आई और उन्होंने दूरी बनाकर ली। आज प्रदेश के मुखिया मोहन यादव ने उनके घर बंद कमरे में उनसे बातचीत की है। इस मुलाकात से प्रदेश की राजनीति में अटकलों का बाजार गरमा गया है। मुख्यमंत्री और पूर्व वन मंत्री के बीच क्या बातचीत हुई है इसको लेकर कई सारे कयास लगाए जा रहे हैं। दरअसल, कांग्रेस में एक लंबा समय गुजारने के बाद रामनिवास रावत भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा ने उन्हें वन मंत्री की जिम्मेदारी सौंप दी थी। कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आने के बाद विजयपुर सीट पर उपचुनाव हुआ, जिसमें रावत को करारी हार का सामना करना पड़ा और यह फिर से कांग्रेस के खाते में चली गई। बीजेपी को तो एक सीट का नुकसान हुआ ही राम निवास रावत के राजनीतिक करियर पर भी विराम लग गया। शनिवार को सीएम मोहन यादव ग्वालियर दौरे पर थे तो वे रामनिवास रावत के निवास पर उनसे मिलने पहुंचे थे। मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद ऐसा माना जा रहा है कि उनको फिर से पार्टी में कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें