12 लाख तक टैक्स में छूट, मास्टर स्ट्रोक
अरविंद केजरीवाल की हार के पीछे भाजपा की वह चाल है, जो 5 फरवरी से चार दिन पहले चली गई थी। जी हां, हम बात कर रहे हैं बजट सत्र वाले दिन 1 फरवरी को बजट जब बजट पेश हुआ तो मोदी सरकार ने अपने तरकश से एक ऐसी तीर चलाया जो सीधे जाकर निशाने पर लगा। वह तीर था इनकम टैक्स में छूट। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उस दिन ऐलान किया था कि 12 लाख की कमाई पर अब कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा, बस इसी ऐलान ने अरविंद केजरीवाल के हार की पटकथा लिख दी। अब इसे समझने के लिए नई दिल्ली विधानसभा सीट के वोटरों के बारे में जानना होगा। दरअसल, नई दिल्ली विधानसभा सीट पर कुल वोटरों की संख्या करीब एक लाख है। इन एक लाख में करीब 30 से 35 लाख वोटर सरकारी कर्मचारी हैं। मोदी सरकार के इनकम टैक्स वाले ऐलान से इन कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। सूत्रों का कहना है कि इन कर्मचारियों ने प्रवेश वर्मा की जीत और अरविंद केजरीवाल की हार में अहम भूमिका निभाई है। इन सरकारी कर्मचारियों का वोट भाजपा की ओर शिफ्ट हुआ। इसका नतीजा हुआ कि आज यानी 8 फरवरी को जब नतीजे आए तो भाजपा का दांव काम कर गया। अरविंद केजरीवाल की हार हुई और प्रवेश वर्मा जीत गए।
मोदी मॉडल ने जिताया
हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद दिल्ली में भाजपा को मिली जीत कई मायनो में अहम है। आप संयोजक दिल्ली को विकास का ‘केजरीवाल मॉडल’ बताकर चुनाव मैदान में थे जबकि भाजपा ने इसके विरुद्ध विकास का ‘मोदी मॉडल’ पेश किया था। इसके तहत भाजपा ने जहां अपने संकल्प पत्र में मुफ्त बिजली, पानी सहित आप सरकार की अन्य कल्याणकारी योजनाओं को जारी रखने के साथ ही महिलाओं को 2500 रुपये का मासिक भत्ता और 10 लाख रुपये तक का ‘मुफ्त’ इलाज सहित कई अन्य वादे किए थे।

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