* मामला करैरा के मामौनी गांव में भंडारे का
* बासा भोजन सेवन करने से बीमार पडे थे ग्रामीण
* आप भी रहिए सावधान, ताजा भोजन किया कीजिए: डॉ ऋषिश्वर
शिवपुरी 4 फरवरी 2025। करैरा विकासखंड के ग्राम मामौनी में बीते रोज भंडारे का बासा भोजन सेवन करने के बाद बीमार पडे महिला, पुरूष एवं बच्चों को उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र करैरा और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सिरसौद में भर्ती कराया गया था। जहां से मरीज बिना पूरा उपचार लिए गांव वापिस लौट गए। स्टाफ ने रोकना भी चाहा लेकिन सामूहिक राय बनाकर ग्रामीण गांव चले गए। जैसे ही यह जानकारी जिला मुख्यालय तक पहुंची वैसे ही कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने सीएमएचओ डॉ संजय ऋषीश्वर को निर्देश दिए कि सभी ग्रामीण पूरी तरह ठीक हों ये सुनिश्चित किया जाए। बस फिर क्या था सीएमएचओ डॉ ऋषिश्वर ने अपनी टीम को साथ में लिया और एंबुलेंस का जत्था लेकर मामोनी गांव जा पहुंचे। जिला अधिकारियों के साथ मामौनी गांव जाकर घर घर संपर्क कर रोगियों को समझाईश दी कि पूरा डोज लिए बिना
आराम कैसे मिलेगा। आप लोग फिर बीमार हो सकते हो। ये सुनकर ग्रामीण बात मान गए और उनको वापस अस्पताल में भर्ती कराने भेजा गया। जिसमें से 55 ग्रामीण जिला अस्पताल में और 10 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र करैरा में भर्ती कराये गये।
ये बोले सीएमएचओ
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजय ऋषीश्वर ने बताया कि करैरा विकासखंड के मामौनी गांव में मंदिर पर हुए भंडारे का बासा भोजन ग्रामीणों द्वारा किया गया। जिससे उन्हें उल्टी, दस्त एवं सिरदर्द की समस्या आने लगी। जिस पर तत्काल प्रमुख खंड चिकित्सा अधिकारी करैरा सहित चिकित्सकीय दल को मामौनी सहित आसपास के ग्राम में भेजा
गया। जिसमें अधिक पीड़ित रोगियों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र करैरा एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सिरसौद में भर्ती कराया गया था जहां उपचार के उपरांत आराम पडने पर बडी संख्या में रोगियों के घर चले जाने की सूचना प्राप्त हुई जिस
पर तत्काल कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी के संज्ञान में मामला लाया गया और उनके निर्देशानुसार खुद मैं सीएमएचओ डॉ संजय ऋषीश्वर, जिला स्वास्थ्य अधिकारी सुनील खंडोलिया ने ग्राम मामौनी ग्राम लेदाईपुरा में घर.घर संपर्क कर ग्रामीणों को समझाइश दी।
अनुविभागीय अधिकारी करेरा अजय शर्मा भी साथ में मौजूद थे। सभी
अधिकारियो ने ग्रामीणों को बताया कि कम से कम तीन दिन तक उपचार कराना अनिवार्य है। अधिकारी गण के परामर्श पर 55 बीमार ग्रामीण जिला अस्पताल में
भर्ती कराए और 10 मरीज जिला अस्पताल में भर्ती होने के लिए सहमत हुए जिन्हें सरकारी वाहनों से उपचार कराने भर्ती कराया गया।

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