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#धमाका बड़ी खबर: "श्रीमद् भागवत कथा में धूमधाम से मनाया श्री कृष्ण रुक्मिणी विवाह, निकली बारात"

शनिवार, 22 फ़रवरी 2025

/ by Vipin Shukla Mama
कोलारस। वीरमखेड़ी रेलवे स्टेशन के पास ठाकुर बाबा मंदिर पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छटवें दिन कथा में धूमधाम से हुआ कृष्ण रुक्मिणी विवाह! पंडित आचार्य श्री मुकेश शास्त्री जी महाराज ने भगवान कृष्ण के महारास के प्रसंग पर प्रवचन दिये । कथा वाचक ने कहा कि गोपियों ने भगवान श्री कृष्ण से उन्हें पति रूप में पाने की इच्छा प्रकट की । भगवान श्री कृष्ण ने गोपियों की इस कामना को पूरी करने का वचन दिया । अपने वचन को पूरा करने के लिये भगवान ने महारास का आयोजन किया । इसके लिए शरद पूर्णिमा की रात को यमुना तट पर गोपियाँ को मिलने के लिये कहा गया। सभी गोपियाँ सज-संवरकर निर्धारित समय पर यमुना तट पर पहुंच गयीं । कृष्ण की बांसुरी की धुन सुनकर सभी गोपियाँ अपनी सुध-बुध खोकर कृष्ण के पास पहुंच गईं उन सभी गोपियों के मन में कृष्ण के नजदीक यह पूरी तरह वासना रहित था! इसके बाद भगवान ने रास आरंभ किया! माना जाता है कि वृन्दावन स्थित निधिवन ही वह स्थान जहाँ श्री कृष्ण ने महारास रचाया था! महारास की कथा की शुरुआत रासों वैरास: के वाक्य के साथ की। यानी- रासेश्वर कौन जो मधुर से भी मधुर हो और वे हैं भगवान श्री कृष्णा। उन्होंने बताया कि शुकदेव जी ने लिखा है कि भगवान ने योग माया के सहारे रास का संकल्प लिया। तब भगवान की आयु केवल 10 वर्ष थी और गोपियों की आयु उनसे अधिक थी। अज्ञानी लोग रासलीला के विषय में अनुपयुक्त तर्क देते हैं। जबकि रासलीला में साधक के अंदर कभी भी लौकिक काम क्रीड़ा का भाव नहीं होता। यह दिव्य रास होता है। जहां गोपिया केवल मन से आईं। रास में आत्मा का परमात्मा से मिलन हुआ। यहां तक कि भगवान शंकर भी खुद गोपी रूप धारण करके महारास में सम्मिलित हुए थे।उसके बाद भगवान ने गोपियों को रोता हुये वृज को छोड़कर मथुरा गमन किया,कंस जैसे दुष्ट का उद्धार कर के संदीपनी ऋषि के आश्रम में विद्या अध्ययन करने के लिये पहुँचे, उद्धव गोपी संवाद के माध्यम से उद्धव जी का ज्ञान का अभिमान दूर कराया, द्वारिका धीश ने रुक्मिणी मैया का हरण किया सभी भक्तों ने भगवान के विवाह का धूम धाम से नाचकर आनंद लिया एवं सुंदर झांकियो का दर्शन भी किया अन्त में मुख्य यजमान एवं ठाकुर बाबा समिति और बिंदल परिवार परिजनों के साथ कथा में श्री भगवती प्रसाद जी श्री मति निर्मला बिंदल आरती करते हुए प्रसाद वितरण किया गया।










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