*माननीय हाईकोर्ट ने हाई प्रोफाइल बैंक वित्तीय धोखाधड़ी के मुख्य आरोपी की ज़मानत की याचिका स्वीकार की
दिल्ली। MP के शिवपुरी जिला निवासी और सुप्रीम कोर्ट के युवा एडवोकेट निपुण सक्सेना एक बार फिर बड़े मामले में सुर्खी में हैं। इस बार उन्होंने केनरा बैंक के घोटाले को लेकर एमपी हाइकोर्ट में पैरवी की और उनकी अपील स्वीकार हो गई है। जानकारी देते हुए एडवोकेट निपुण ने बताया कि केनरा बैंक को 5 करोड़ के नुकसान की भरपाई करने वाली एक फर्जी डॉक्टर के मामले में मुख्य मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में हमने अधिवक्ता जोड़ी बनाई है। इस मामले में मुख्य इंदौर बैंक की शाखा के वरिष्ठ प्रबंधक पर भी सीबीआई द्वारा झूठा केस बनवाया गया, ये दलील हमने मानानीय न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर की खंड पीठ के सामने रखी। 2024 में सीबीआई ने ना सिर्फ एफआईआर रजिस्टर की, बल्कि डॉक्टर प्रिया सिसौदिया के आधार पर लोन को फर्ज़ी और कुटरचित दस्तावेजों के आधार पर भी शामिल किया।
वकील निपुण सक्सेना ने ये तर्क रखा कि ऐसी स्थिति में मुख्य ज़मानत का अधिकार बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक को मिलना चाहिए क्योंकि बैंक की सारी धनराशी सरफेसी के द्वारा एहसास कर ली गई थी। ऐसी स्थिति में सीबीआई के द्वारा हिरासत लेने की घोषणा की गई है। माननीय हाईकोर्ट ने हाई प्रोफाइल बैंक वित्तीय धोखाधड़ी के मुख्य आरोपी की ज़मानत की याचिका स्वीकार की है।

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