इसी के चलते इस साल 2025 में भी शहर के हलवाई खाना में होलिका दहन आज रात्रि 11:55 पर किया जाएगा। इसके पहले आज सुबह होलिका शानदार ढंग से सजाई गई है। पंकज गर्ग जिन्हें इस व्यावसायिक इलाके के लोगों ने प्यार का नाम बबलू सरदार दिया है। उन्होंने बताया कि हर साल की तरह हमने होलिका को बेहतर ढंग से तैयार करने का प्रयास किया
है। फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत आज 13 मार्च गुरुवार तथा स्नान-दान की पूर्णिमा 14 मार्च शुक्रवार को है। फाल्गुन पूर्णिमा गुुरुवार की सुबह 10.11 बजे से शुरू हो गई है इसी के चलते जिन घरों में भद्रा से पहले होलिका पूजन किया जाता है उन महिलाओं ने आज सुबह आकर पूजन किया। जो भद्रा में पूजन करते हैं वे दिन भर और होलिका दहन से पहले तक पूजा
करेंगे। इसके बाद जब होली दहन होगा तब कुछ परिवार पूजन करते हैं।आपको परिवार सहित होली महोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं।रंगों का यह पर्व आपके जीवन में सुख समृद्धि और आनंद लेकर आए। हलवाई खाना उत्सव समिति की ओर से आप सभी को होली की शुभकामना। 
होलिका दहन रात 11.20 के बाद कीजिए
पंडित विकासदीप शर्मा के अनुसार होलिका दहन का समय 11.20 के बाद का है, कल टाइपिंग मिस्टेक से 11.20 के स्थान पर कई जगह 10.20 लिखने में आ गया था। कृपया समय का सुधार करके ही होलिका दहन रात 11.20 उपरान्त ही शुभ है।
जानिए भद्रा के बारे में
भद्रा तीनों लोकों में विचरण करती है, स्वर्गलोक में शुभदायक, पाताल लोक में धन संचय कारक और मृत्युलोक पर कार्यों की विनाशक। ज्योतिष ग्रंथों में भद्रा के कल्याणकारी स्वरूप और उसके निवारण के उपाय भी हैं। मृत्युलोक, स्वर्गलोक और पाताल लोक में भद्रा विचरण करती है और उसी जगह फलदेती है।
शुभ कार्यों के लिए वर्जित
भद्रा काल में किसी भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं करना चाहिए, क्योंकि भद्रा काल में किए गए मांगलिक कार्य सफल नहीं होते। होलिका दहन मांगलिक कार्य में नही आता है फिर भी 11.20 के बाद ही होलिका दहन करे। मध्यान्ह काल के उपरांत भद्रा विशेष अशुभ नहीं होती। सभी शहर के रेखांश अक्षांश अलग अलग होने के कारण समय बदलता है। बाकी भद्रा शुभ काम में विशेष है। होलिका दहन पाप का अंत है जो भद्रा में भी हो जाये तो कोई अशुभ नही है। होलिका दहन का समय रात्रि 11.20 के बाद का समय ही रखे ।
भारत में नहीं चंद्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण भारतीय समयानुसार 14 मार्च को सुबह 09:29 बजे से दोपहर 03:29 बजे तक चंद्र रहेगा। हालांकि यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा, इसलिए बिना किसी शक शंका के आनंद के साथ होली महोत्सव मनाए।

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