शिवपुरी। उत्तरप्रदेश पर MP की सीमा पर स्थित माता टीला डैम से बड़ी खबर ने हैरान कर डाला है। कलेक्टर रवीन्द्र कुमार, एसपी अमन सिंह के साथ मौके पर पहुंचे हैं। पिछोर विस के खनियाधाना स्थित ग्राम मुहारीकलां से 4 किमी दूर मड़ीखेड़ा डेम के गहरे पानी में श्रद्धालुओं की नाव डूबने के चलते इसमें 3 महिलाओं और 4 बच्चों सहित कुल 7 लोग लापता हैं, जबकि 8 लोगों को ग्रामीणों ने बचा लिया है। रेस्क्यू जारी है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, नाव पर क्षमता से अधिक लोग सवार थे। जैसे ही नाव नदी के बीच पहुंची, वह अनियंत्रित होकर पलट गई। तैराकी जानने वाले कुछ लोग किनारे आ गए, लेकिन जो तैरना नहीं जानते थे, वे गहरे पानी में डूब गए।बता दें कि शिवपुरी जिले के रजावन गांव के 15 श्रद्धाओं से लदी नाव साटोंईया मंदिर के दर्शन कर लौटते समय माता टीला डैम के पानी में डूब गई। आज मंगलवार की शाम 5 बजे जब ये श्रद्धालु घरों को लौट रहे थे तभी मड़ीखेड़ा डेम के पानी में नाव डूब गई। जिस जगह नाव डूबी है वहां चोई होने के चलते रेस्क्यू में परेशानी हो रही है। एनडीआरएफ की टीम भी रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए गई है। टी आई खनियाधाना राकेश शर्मा मौके पर टीम के साथ मौजूद हैं। पूर्व सरपंच गजराज सिंह के अनुसार रेस्क्यू टीम आएगी तो भी उसे काई यानि चोई के चलते परेशानी का सामना करना होगा।
ये 7 लोग लापता हैं
1. शारदा पति इमरत लोधी (55), 2. कुमकुम पिता अनूप लोधी (15), 3. लीला पती रामनिवास लोधी (40), 4. चायना पिता लज्जाराम लोधी (14) 5. कान्हा पिता कप्तान लोधी (07) 6. रामदेवी पति भूरा लोधी (35)
7. शिवा पिता भूरा लोधी (08)
इन 8 लोगों को बचाया गया
1. शिवराज पिता हरीराम लोधी (60), 2. सावित्री पति अनूप लोधी (10), 3. जानसन पिता अनूप लोधी (12), 4. गुलाब पिता जगदीश लोधी (40), 5. लीला पति सूरी सिंह लोधी (45)
6. रामदेवी पति प्राण सिंह लोधी (50), 7. ऊषा पति लालसिंह लोधी (45), 8. प्रदीप लोधी पिता कृपाल लोधी (18) (नाविक)
5 साल पहले डूबी थी नाव, 1 सरकारी कर्मचारी की भी मौत
इसी डेम में 5 साल पहले भी नाव डूबी थी। लेकिन कोई जनहानि नहीं हुई थी क्योंकि पानी कम था। इसके अलावा तीन साल पहले एक सरकारी कर्मचारी की मौत पैर फिसलने से हुई थी।
नाव से ललितपुर, ताल बेहट भी जाते लोग
बता दें कि सड़क मार्ग से 80 किमी दूरी होने और पानी के रस्ते से मात्र 20 किमी दूरी होने से कई ग्रामीण नाव से यूपी के ललितपुर, ताल बेहट तक जाते है। कई सालों से माता के मंदिर के दर्शन करने लोग इसी तरह नाव से जाते है लेकिन सुरक्षा के उपाय कभी इस्तेमाल में नहीं लाए जाते।
5 बजे नाव डूबी, आस टूटी
नाव शाम करीब 5 बजे डूबी। रात दस बजे तक जो 7 लोग डूबे उनका कोई पता नहीं लगा। इससे आस टूट गई है, लोग अनहोनी का अनुमान लगा रहे है और दबी जुबान कह रहे है कि अब तो शायद ही कोई जिंदा लौटेगा। हालांकि जिला प्रशासन रेस्क्यू में जुटा हुआ है।

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