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#धमाका बड़ी खबर: वाह रे शिवपुरी के मेडिकल कॉलेज, साल 2021 से 2025 तक एक भी मोतियाबिंद का ऑपरेशन नहीं हुआ, पूछा तो बोले, सर्जरी माइक्रोस्कोप एवं ए स्कैन मशीन नहीं, दो नेत्र डॉक्टर हैं मौजूद, इधर विभागाध्यक्ष डॉ ऋतु चतुर्वेदी ने कहा हम दोषी नहीं, हर बार कर रहे मशीन की डिमांड

गुरुवार, 20 मार्च 2025

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। जिले के सबसे बड़े और मरीजों की आशा का केंद्र मेडिकल कॉलेज शिवपुरी एक बार फिर सुखियों में है। कभी इलाज न मिलने तो कभी रेफर सेंटर तो कभी न्यूरो सर्जन, हृदय रोग विशेषज्ञ न होने के किस्से आम होते है तो इस बार तो मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने सारी हदें ही पार कर डाली है। इस मेडिकल कॉलेज में साल 2021 से 2025 तक एक भी मोतियाबिंद का ऑपरेशन नहीं हुआ जबकि कॉलेज में दो नेत्र रोग विशेषज्ञ मौजूद हैं। ये खुलासा तब हुआ जब आरटीआई एक्टिविस्ट हरवीर सिंह चौहान ने इस संबंध में एक RTI लगाई। जब जबाव मिला तो वह जोरदार था जिसकी अपेक्षा ही नहीं की जा सकती क्योंकि इस कॉलेज में पहले की बात छोड़ दें तब भी केंद्रीय मंत्री द ग्रेट ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार दौरा करते हैं लेकिन उनके समक्ष आंखों के ऑपरेशन की वो आवश्यक मशीन न होने की जानकारी नहीं दी गई जो उनके इशारे पर शायद कब से आ गई होती। इतना ही नहीं पूर्व मंत्री श्रीमंत यशोधरा राजे सिंधिया जिन्होंने इस मेडिकल कॉलेज की शुरुआत कराई या फिर तत्कालीन मंत्री के दौरे पर मीडिया के सम्मुख भी कोई जानकारी नहीं दी। यानी कि मशीन नहीं तो जिले की आवाम के कोई ऑपरेशन ही नहीं किए गए। 
ये दी जानकारी 
आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेज शिवपुरी मध्य प्रदेश में वर्ष 2022 से 2025 तक आंखों के किसी तरह के ऑपरेशन नहीं किए गए क्योंकि सर्जरी माइक्रोस्कोप एवं ए स्कैन मशीन नहीं है। इतना ही नहीं rti के बाद कॉलेज प्रबंधन ने अब मशीन का ऑर्डर दे दिए जाने का उल्लेख भी जवाब में किया है।
दोषियों को कीजिए दंडित 
अब चौहान ने श्री राजेंद्र शुक्ला जी उप मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश शासन एवं चिकित्सा मंत्री, आयुक्त चिकित्सा विभाग, कलेक्टर जिला शिवपुरी को पत्र लिखकर दोषियों पर कारवाई की मांग की है। उनका कहना है कि सुनियोजित तरीके से ये ऑपरेशन कॉलेज में नहीं किए गए जिससे बाजार में निजी अस्पताल में हो सकें।
इधर विभागाध्यक्ष डॉ चतुर्वेदी ने कहा हम दोषी नहीं, हर बार कर रहे मशीन की डिमांड, जो भी डीन रहे नहीं की सुनवाई 
इधर मेडिकल कॉलेज में नेत्र विभाग की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ ऋतु चतुर्वेदी ने कहा कि हम डॉक्टर इस मामले में कतई दोषी नहीं हैं। हमने साल 2018 से ही लगातार मशीन की मांग की। लेकिन तब जिला अस्पताल में ही मेडिकल कॉलेज था इसलिए सर्वाधिक नेत्र ऑपरेशन मैने ही जिला अस्पताल में वहीं की मशीन से किए थे। लेकिन जब मेडिकल कॉलेज में अलग शिफ्टिंग की बात आई तो हमने आपत्ति जताई कि मशीन नहीं है, स्ट्रूमेंट नहीं है तो कैसे ऑपरेशन होंगे लेकिन तत्कालीन डीन वर्मा जी ने कहा सब व्यवस्था करेंगे। यहां साल 2021 में आए तभी से लगातार हमने करीब 18 पत्र लिखकर मशीन की मांग की है। लेकिन न तो तत्कालीन डीन ने हमारी बात सुनी और न ही वर्तमान डीन ने मशीन मंगवाई। पिछले दिनों जब मंत्री सिंधिया जी आए तब भी उनके समक्ष मशीन की कमी का जिक्र नहीं किया गया तो भी हमने आपत्ति दर्ज करवाई। गजब की बात ये भी है कि जो मशीनें कुछ लाख में आ सकती है इसके लिए डेढ़ करोड़ प्रस्तावित करने पर भी हमने लिखित में विरोध जताया है कि फिजूल खर्च किसलिए। कुलमिलाकर हम कतई दोषी नहीं है। लगातार पत्राचार और हमने अपनी बात खुले तौर पर रखी और नतीजे में हम अपना काम नहीं कर पा रहे। एक और बात ये है कि मेरा कोई निजी नर्सिंग होम नहीं है जिससे आरोप निराधार हैं।









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