शिवपुरी। शिवपुरी जिले में कार्यालय खोलकर व्यवसाय करने की चिट फंड कम्पनी सहारा इंडिया ने जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन से अनुमति नही ली थी। इसकी जानकारी भी नही दी गई थी, जिस भवन में चिटफण्ड कम्पनी सहारा इंडिया का कार्यालय संचालित था, उसके भवन मालिक के द्वारा भी जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन को किराए पर देने की कोई सूचना दी गई थी। इस तरह का कोई प्रमाण अभी तक सामने नहीं आया है।
एडवोकेट श्री रमेश मिश्रा ने बताया कि एक ही कार्यालय से एक ही कम्प्यूटर से अनेक स्कीम सहारा इंडिया के नाम पर चल रही थी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सहारा को राशि जमा करने पर 2008 में रोक लगा दी थी, इसके बाद भी सहारा के चंगू मंगू लोगों के घर व दुकानों पर जा जा कर राशि लेकर आते ओर जमा कराते रहे। 2015 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सहारा का लायसेंस निरस्त कर दिया था, फिर भी यह सिलसिला जारी रहा। इस तरह के अनेक गोरखधंधे सहारा के कार्यालय से होते रहे हैं। चिटफण्ड कम्पनी सहारा इंडिया का कार्यालय बन्द हो गया है, इसकी जानकारी सहारा इंडिया ने जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन को नही दी है। जिस भवन में चिटफण्ड कम्पनी का कार्यालय चल रहा था उसके भवन मालिक ने भी प्रशासन को नही दी है। कार्यालय का रिकार्ड और समान कहा है, किसके पास है, पता नहीं चल रहा है। इधर जमाकर्ता अपनी जमा राशि का भुगतान लेने हेतु भटक रहे हैं, उनको पता ही नही चल रहा है कि सहारा इंडिया का कार्यालय बन्द है या खुला हुआ है। कौन सहारा इंडिया के नाम पर काम कर रहा है।
यही हाल दूसरी चिट फंड कंपनियों का है। शिवपुरी जिले की आधी से अधिक आबादी चिट फंड कंपनियों की ठगी व धोखाधड़ी का शिकार हो गई है, और प्रशासन बेखबर है।

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