Responsive Ad Slot

Latest

latest

#धमाका साहित्य कॉर्नर: अरुण अपेक्षित की गीतिका संग्रह "अरुणिता" का विमोचन सम्पन्न

सोमवार, 3 मार्च 2025

/ by Vipin Shukla Mama
* गुनगुनाती धूप सी निकलो भी तुम, कितने गीले गीत लटके अरगनी में
शिवपुरी, 02 मार्च 2025, आज शिवपुरी के हैप्पी डेज स्कूल में अरुण अपेक्षित की 152 गीतिकाओं का संग्रह ‘‘अरुणिता‘‘ का विमोचन नगर के सुप्रसिद्ध उद्योगपति और चैम्बरर्स ऑफ कॉमर्स इंडिस्ट्रीज के अध्यक्ष श्री अरविंद दीवान और हैप्पी डेज पब्लिक स्कूल की संचालिका श्रीमती गीता दीवान के मुख्य-आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। इस आयोजन की गरिमापूर्ण अध्यक्षता गुना शासकीय महा विद्यालय के हिन्दी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीनारायण बुनकर ने की। इस आयोजन में अशोक निर्मल भोपाल, सेवा निवृत कार्यपालन यंत्री श्री चन्द्रिका प्रसार वर्मा ग्वालियर, सेवा निवृत प्राचार्य फिजीकल कॉलिज विजय भार्गव विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। 
विमोचन के उपरांत अपने उद्बोधन में श्रीमती गीता दिवान ने अरुण अपेक्षित को अद्भूत प्रतिभा का धनी निरूपित किया। उन्होंने कहा कि अरुण अपेक्षित का लेखन बहु-आयामी है तथा वे हर विधा में साधिकार लिखते हैं। उनक हमारे विद्यालय से जुड़ना निश्चित ही हमारे लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि अरुण अपेक्षित यू तो उनके स्कूल से बहुत पहले से जुड़े हैं पर सन 2001 में पहली बार उनके द्वारा लिखी राम कथा पर आधारित ‘‘यह राम कहानी है‘‘ का मंचन किया गया। इसी नाटिका का मंचन दूसरी बार  2023 में भी किया गया। अतुल्य भारत आपकी लिखी एक अन्य प्रस्तुति थी जिसे अपेक्षितजी ने लिखा था। इस वर्ष उनकी लिखी नाटिका मेरे तो गिरधर गोपाल का मंचन एक हजार से अधिक बच्चों के द्वारा किया गया। 
अध्यक्षता कर रहे गुना से पधारे डॉ.लक्ष्मीनारायण बुनकर ने गीतिका संग्रह अरुणिता को बहुत ही सुंदर और सराहनीय बताया अपितु उन्होंने कहा कि यह संग्रह संग्रहणीय भी है। व्यक्ति का व्यक्तिगत प्रेम ही अंततः आध्यात्मिक प्रेम में परिणित हो जाता है।
इसी अवसर पर वयोवृद्ध गीतकार हरीशचन्द्र भार्गव ने कहा कि प्रेम एक पवित्र भावना है। इसके बिना संसार का संचालन सम्भव नहीं। अरुण अपेक्षित ने अपनी श्रृंगार रस की रचनाओं का प्रकाशन करके बहुत ही साहस का कार्य किया है।
इस अवसर पर कृति के कवि अरुण अपेक्षित ने कहा कि भावनाओं के आवेग और अनुभूतियों की भी आयु होती है। इस संकलन में अधिकांश वे रचनायें हैं जो उन्होंने अपनी आयु के 18 से 30-35 के अयु-खंड में भावनाओं के आवेग में लिखी हैं।
प्रारम्भ में सभी मंच पर आसीन अतिथियों के द्वारा माता सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप-प्रज्जवलन किया गया और पुष्पहार अर्पण किया गया। आत्मानंद और पूजा त्रिपाठी के द्वारा सरस्वती वंदना तथा अरुण अपेक्षित के संग्रह से एक गीतिका का गायन भी किया गया। अतिथियों का पुष्पहार से स्वागत डॉ.आर.एस.ठाकुर पूर्व प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय कोलारस, चन्द्रिका प्रसाद वर्मा, श्रीमती पद्मिनी ठाकुर, श्रीमती अर्चना सक्सेना अपेक्षित और स्वंय अरुण अपेक्षित ने किया।
कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि विजय भार्गव ने समस्त आगन्तुक अतिथियों का परिचय देते हुए अरुण अपेक्षित के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। अरुणिता गीतिका संग्रह पर आलेख वाचन श्रीमती पूर्णिमा ढिल्लन नासिक, डॉ.मुकेश अनुरागी ने किया। गोविंद अनुज के समीक्षात्मक आलेख का वाचन सुप्रसिद्ध रंगकर्मी ब्रजेश अग्निहोत्री के द्वारा किया गया। इसके उपरांत मंच पर आसीन समस्त अतिथियों के द्वारा कृति अरुणिता का विमोचन किया गया। अतिथियों के उद्बोधन के बाद धन्यवाद का ज्ञापन सेवा निवृत कार्यपालन यंत्री श्री चन्द्रिका प्रसाद वर्मा के द्वारा किया गया। विमोचन समारोह के प्रथम सत्र का संचालन गिरीश मिश्रा के द्वारा किया गया।
दूसरे सत्र में कवि गोष्ठी का आयोजन हुआ जिसकी अध्यक्षता पूर्णिमा ढिल्लन नासिक महाराष्ट्र के द्वारा, मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध वयोवृद्ध गीतकार हरीश चन्द्र भार्गव पधारे। इस सत्र का सफल संचालन डॉ.मुकेश अनुरागी द्वारा किया गया। कवि गोष्ठी में सर्वश्री हरीशचन्द्र भार्गव, लक्ष्मीनारायण बुनकर, श्रीमती पूर्णिमा ढिल्लन, चन्द्रिका प्रसाद वर्मा, अरुण अपेक्षित, विनय प्रकाश नीरव, अखलाक खान, अवधेश सक्सेना, इशरत ग्वालियरी, मुकेश अनुरागी, अशोक मोहिते, विजय भार्गव, बसंत श्रीवास्तव, चन्द्रकला साहू, कल्पना पनोरिया, श्यामबिहारी सरल, राकेश भटनागर, सुकून शिवपुरी, योगेन्द्रबाबू शुक्ल, प्रदीप अवस्थी, प्रदीप वंसल, राधे श्याम सोनी, राजकुमार चौहान भारती, महेश भार्गव, रामकृष्ण मोर्य, आदि ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति व रचना-पाठ के माध्यम से उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। आयोजन दोपहर एक बजे से शाम पांच बजे तक आबाधगति से चलता रहा। 








कोई टिप्पणी नहीं

एक टिप्पणी भेजें

© all rights reserved by Vipin Shukla @ 2020
made with by rohit Bansal 9993475129