आज इसी मामले को लेकर पीड़िता के पिता ने एसपी और कलेक्टर से उक्त मामले में निष्पक्ष जांच करवाकर दोषी को दंड देने, केस में पास्को एक्ट की धाराएं लगाने, खुद के परिवार की सुरक्षा किए जाने की फरियाद की है। वह स्कूल की ही एक कॉलोनी में निर्माण शाखा का सुपर वाइजर था, जिसने न्याय न मिलते देख नौकरी छोड़ देने का आरोप लगाया है।
एएसपी संजीव मुले ने बयान किया जारी
इधर एएसपी संजीव मुले ने बयान जारी करते हुए कहा कि पीड़ित ने लिखित शिकायत कोतवाली में दर्ज कराई थी। शिकायत पर शुरुआती मामला छेड़छाड़ की धाराओं में दर्ज कर लिया गया है। इस मामले में पुलिस स्कूल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे चेक कर रही है, साथ ही स्टाफ से भी पूछताछ की जा रही है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उस हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।
अज्ञात व्यक्ति ने की बच्ची से गंदी हरकत
छात्रा के पिता ने बताया कि वह नगर के थीम रोड़ स्थित एक प्राइवेट स्कूल में नौकरी करता था। उसी स्कूल में उसकी दो बेटियां पढ़ती है। यह घटना 5 फरवरी की है। जहां स्कूल के प्रिंसिपल आफिस के सामने के गार्डन में किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा उसकी बेटी के साथ गंदी हरकत की। बेटी को दर्द होने के बाद उसने अपनी मां को यह बात बताई थी। पूछताछ में सामने आया कि कोई सीसीटीवी कैमरा रिपेयरिंग करने वाले ने उसके साथ गंदी हरकत की। इसके बाद जब उसने सारी घटना स्कूल प्रबंधन को बताई, तो प्रबंधन ने उसे 25 दिन तक गुमराह किया। बाद में घटना को उजागर न करने के लिए दबाब बनाया। घटना के बाद पुलिस पूछताछ के लिए आई थी। तब पुलिस से कार्रवाई की बात कही थी। उसी समय उसके द्वारा राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग में शिकायत दर्ज करा दी थी। इसके बाद स्कूल प्रबंधन ने दबाव बनाना शुरू कर दिया था। मुझे CWC के ऑफिस ले जाया गया था। करीब 20 दिन तक वह स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई को आगे बढ़ाने की आस में रहा था। लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं हुई। उसने मीडिया को बताया कि बेटी के साथ वारदात के बाद न्याय नहीं मिलने पर उसने नौकरी छोड़ दी थी। इसके बाद अब वह न्याय की गुहार लगा रहा है। उसने बाल कल्याण आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद शिकायत कोतवाली में दर्ज कराई थी लेकिन उनके द्वारा महज छेड़छाड़ की धाराओं में मामला दर्ज किया गया।
स्कूल प्रबंधन बोला- सीसीटीवी कैमरे में नहीं दिखी वारदात, आरोप निराधार
इस संबंध में स्कूल के पीआरओ ने बताया कि शिकायतकर्ता स्कूल से संबंधित दूसरी फर्म का कर्मचारी था। जो परिसर में ही परिवार के साथ निवास करता था। पांच फरवरी की शाम को छात्रा के पिता ने मामले के बारे में अवगत कराया था। 6 फरवरी को वह अपनी पत्नी के साथ ऑफिस आया था। जहां उसे स्कूल परिसर में लगे सीसीटीवी चैक कराए, जिनमें छात्रा स्कूल से आती जाती सकुशल दिखाई दी थी।
इस बीच छात्रा के साथ कोई घटना सीसीटीवी में कैद नहीं हुई थी। बाद में छात्रा के पिता ने अपनी शिकायत संतुष्ट होने के बाद लिखित में देकर वापस भी ले ली थी। बाद में वह अपने गांव वापस चला गया लौटने के बाद उसने नौकरी छोड़ दी थी। इसी बीच उसके साथी कर्मचारी उससे उधार लिए रुपए वापस दिलाने की गुहार कॉलोनी के हेड ऑफिस में लगाकर आए थे। इधर जब वह एक माह बाद लौटा तो शिकायत दर्ज करा दी और गलत आरोप लगाए है। जबकि उक्त व्यक्ति को स्कूल के सभी कैमरे चेक करवाए जिसमें बच्ची खुशी खुशी अन्य बच्चों की तरह घर से स्कूल और स्कूल से घर आती जाती दिखाई दे रही है। कोई भी दिन या बताए गए समय की रिकॉर्डिंग मिसिंग नहीं है। जहां तक सीसीटीवी कैमरे लगाने आए लड़कों की बात है उन्हें भी स्कूल में चारों तरफ पहले से लगे कैमरों की नजर से चेक किया गया कोई भी संदिग्ध नजर नहीं आया, वे काम करते दिखाई दे रहे हैं। हमारे पास पूरे फुटेज मौजूद हैं, पुलिस, प्रशासन को स्कूल पूरा सहयोग करेगा। जहां तक उसे दबाव में लेने का आरोप है तो इसी से अंदाज लगाया जा सकता है कि एक महीने तक वह बिना कोई आरोप लगाए स्कूल के संपर्क में रहा लेकिन कोई अप्रिय घटना नहीं घटी। प्रबंधन स्कूल के प्रत्येक बच्चे की सुरक्षा के प्रति वचनबद्ध है और उनका ख्याल भी रखता है। उसकी बेटी भी हमारे स्कूल परिवार की ही बेटी है। फिर भी पूरे मामले में किसी साजिश से हम इनकार नहीं कर सकते। हमारा कहना है पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाए, जो भी दोषी हो उसको दंड मिले। आखिर ये हमारे स्कूल के सालों से बनाई इज्जत का भी सवाल है। अगर घटना में कोई भी सच्चाई मिले तो आरोपी को फांसी दी जाए ये हमारा साफ कहना है।

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