शिवपुरी। शहर के पोहरी रोड स्थित एमएम हॉस्पिटल पर बीती रात मरीज की मौत के बाद परिजनों और अस्पताल के प्रबंधक सहित स्टाफ के बीच गालीगलोज और लठ हाथ में लेकर मारपीट का वीडियो वायरल हुआ था। इस मामले को लेकर कोतवाली पुलिस ने एमएम हॉस्पिटल के मुख्य चिकित्सक डॉ आरपी सिंह सहित तीन अन्य लोगों के विरुद्ध केस दर्ज कर लिया है। इधरएमएम हॉस्पिटल की मान्यता मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. संजय ऋषीश्वर द्वारा रद्द कर दी गई है। अब इस अस्पताल में मरीजों का इलाज और भर्ती प्रक्रिया नहीं हो सकेगी। उक्त मामले को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया और जांच समिति गठित कर उक्त कारवाई की है।
बता दें कि आज सुबह पीएम हाउस पर खटीक समाज के लोग डॉक्टर यानी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे। योगेश खटीक, महेंद्र कंथरिया सहित सैकड़ों लोगों को कोतवाली टीआई कृपाल सिंह ने समझाइश देकर शव अंतिम संस्कार के लिए भिजवाया। बता दें कि उक्त मामले ने रात को ही गर्मी पकड़ ली थी और लोगों ने सड़क पर जाम लगा दिया था। बाद में एसडीओपी संजय चतुर्वेदी और कोतवाली पुलिस की टीम ने अस्पताल के इलाके को छावनी बना डाला था। बाद में इसी मामले को लेकर वायरल वीडियो के आधार पर पुलिस ने अस्पताल के मुख्य डॉक्टर आरपी सिंह सहित तीन अन्य के विरुद्ध केस दर्ज किया है।
प्राइवेट एमएम हॉस्पिटल में मरीज की मौत के बाद हुए हंगामे ने पकड़ा तूल, मृतक के परिजनों ने पोस्टमार्टम के बाद शव लेने से कर दिया था इंकार
ये हॉट मामला 11 मार्च की रात शिवपुरी में पोहरी रोड स्थित प्राइवेट एमएम हॉस्पिटल का था। जहां कबाड़ व्यापारी अशोक खटीक को नगर के बड़ोदी इलाके में हुई वाहन दुर्घटना में घायल होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मृतक के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल द्वारा इलाज के लिए हमने 10 हजार जमा करवा दिए थे लेकिन प्रबंधन 50,000 रूपए देने पर इलाज करने पर अड़े रहे। इधर इतनी राशि की व्यवस्था करने में लेट होने के कारण इलाज नहीं दिया गया। इसलिए उनके मरीज की जान चली गई। इसकेे बाद अस्पताल के डॉक्टर और स्टॉफ ने मिलकर परिजनों के साथ मारपीट कर दी। जिसका video रात को ही वायरल हुआ था। अब परिजन डॉक्टर सिंह के साथ अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
पहली बार ऊंट आया पहाड़ के नीचे !
डॉक्टर आरपी सिंह एक अच्छे इंसान हैं। बैराड़ इलाके में इलाज से उन्हें कीर्ति मिली थी। बाद में जिला अस्पताल में सेवारत रहते उन्होंने बड़ा नाम कमाया। बाद में बीआरएस ले लिया और फिर एमएम हॉस्पिटल की शुरुआत की। कुशल व्यवहार और कम फीस में बेहतर इलाज के नतीजे में अस्पताल रफ्तार पकड़ गया। डॉक्टर सिंह ने वजनदारी रखते हुए जिले के कई रसूखदारों से बेहतर संबंध रखे। कभी छुटपुट झगड़े की आवाज तो आई लेकिन बीती रात जो वीडियो वायरल हुए उन्हें देखकर लोग चकित रह गए क्योंकि खुद डॉ सिंह के हाथ में डंडा नजर आया। इधर अस्पताल प्रबंधन पूरा फीड बैक नहीं ले पाया शायद और खटीक बंधुओं से खाता खोल बैठा। क्योंकि शिवपुरी का खटीक समाज आमतौर पर शांत रहता है लेकिन जब भी उसे किसी ने छेड़ा तो वे अपनी लड़ाई एक जुट होकर लड़ते हैं। उसी का नतीजा है कि डॉ आरपी सिंह पहली बार रोजनामचे में नाम लिखवा बैठे हैं।

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