* प्रथम तीर्थंकर श्री आदिनाथ भगवान जी के जन्म एवं तप कल्याणक पर 23 मार्च को दिल्ली से गिरनार जी के लिए प्रारम्भ हुई 1500 किमी की धर्म पदयात्रा
शिवपुरी। जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर श्री आदिनाथ भगवान जी के जन्म एवं तप कल्याणक के अवसर पर विश्व जैन संगठन के तत्वाधान में दिल्ली से गुजरात में स्थित 22 वें तीर्थंकर श्री नेमिनाथ भगवान की निर्वाण स्थली श्री गिरनार जी सिद्धक्षेत्र की वंदना करने के लिए एवं देश प्रेम,अहिंसा एवं शाकाहार के प्रचार के लिए 100 दिवसीय धर्म पद यात्रा प्रारम्भ की गयी है। परम पूज्य आचार्य श्री 108 विमर्श सागर जी महाराज सहित 40 से अधिक साधुओं की उपिस्थिति में यात्रा का शुभारंभ चैत्र कृष्ण नवमी 23 मार्च को बलबीर नगर दिल्ली से हो चुका है। राष्ट्रीय जिन शासन एकता संघ शिवपुरी के प्रवक्ता महेन्द्र जैन भैयन ने बताया कि विश्व जैन संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय जैन,उपाध्यक्ष यश जैन,प्रवीण जैन,राष्ट्रीय प्रवक्ता आकाश जैन,देवेश जैन आदि के सानिध्य में यह धर्म पदयात्रा चल रही है जिसमें 108 फुट का तिरंगा एवं 108 फुट का पचरंगा जैन ध्वज चुनरी के रूप में बनाया गया है जिसे उत्साह पूर्वक हाथों में लेकर विश्व जैन संगठन एवं जैन समाज के साधर्मी जन चल रहे हैं। यह यात्रा दिल्ली से प्रारम्भ होकर, उत्तर प्रदेश के नोयडा, गाजियाबाद, आगरा, एटा, इटावा, झाँसी, ललितपुर, हरियाणा के फरीदाबाद, पलवल, म प्र के भिंड ग्वालियर, सागर, बीना, विदिशा, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, गुजरात के बड़ौदरा, अहमदाबाद आदि अनेक शहरों से होकर 22 वें तीर्थंकर श्री नेमिनाथ भगवान के निर्वाण कल्याणक पर आषाण शुक्ल सप्तमी 2 जुलाई को जूनागढ़ के साथ स्थित श्री गिरनार जी पहुंचकर श्री नेमिनाथ भगवान के निर्वाण स्थल पर लाडू समर्पित करेगी।
राष्ट्रीय जिन शासन एकता संघ के संयोजक हरिओम जैन,सह संयोजक वाय के जैन,सकल जैन समाज महापंचायत के अध्यक्ष दिनेश जैन कल्लू भैया,पुलक चेतना मंच के अध्यक्ष धर्मेंद्र जैन ने बताया कि गत दिवस शिवपुरी में आयोजित विशाल धर्म सभा में सकल जैन समाज शिवपुरी, समस्त जैन मंदिर कमेटी एवं समस्त संगठनों ने मिलकर 1500 किलो मीटर लंबी धर्म पद यात्रा का समर्थन करने का निर्णय लिया और समाज के सेकडों साधर्मी जनों ने भी फार्म भरकर धर्म पद यात्रा का समर्थन करने का निर्णय लिया।

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