आंखों देखी बात सुनिए
उक्त धर्मायोजन में प्रतिदिन कथा का श्रवण कर रहे यशवंत लोधी ने बताया कि पहले दिन से ही दो नाग देवता कथा का
श्रवण कर रहे हैं। पहले दिन कथा स्थल पर ही दोनों पहुंच गए थे तब कथा का एक पर्दा खोला गया तभी से वह नाग वही पर स्थित टीले पर बैठकर प्रतिदिन कथा
श्रवण करते हैं तथा कथा समाप्त होते ही अपने बिलो में चले जाते हैं और हमारे द्वारा प्रतिदिन दूध रखा जाता है उसको भी पीते है। सभी भक्त नाग देवता के
निरंतर दर्शन करते है, कथा के दौरान भजनों आदि की तेज आवाज से भी किंचित मात्र विचलित नहीं होते, अपना अगला भाग निकाल कर कथा सुनते रहते है। हम लोग उन्हें खाती बाबा मानकर दर्शन कर रहे है।
ग्राम रामपुरा झंडा में कथा विश्राम के साथ हुआ हवन, विशाल भंडारा
श्री रामकथा के अंतिम दिन हवन के बाद विशाल भंडारा संपन्न हुआ। इसके पहले कथा का रसपान कराया गया।
साध्वी सुखदेवी जी ने कहा कि बिना गुरु के भवसागर से पार नही हुआ जा सकता
श्री राम कथा के अंतिम दिन साध्वी सुखदेवी जी ने कहा कि बिना गुरु के भवसागर से पार नही हुआ जा सकता।तभी तो भगवान ने भी गुरु बनाए और गुरुकुल में छात्र बनकर शिक्षा ग्रहण भी
की। साध्वी ने आज सीता माता की दृष्टि वाली कथा भी सुनाई, जिसमे माता जब अपने ससुराल पहुंचती है तब कौशल्या माता ने हल्दीकी गांठ फोड़ने के लिए कहा, वह हल्दी दो बार में नही टूटी, तब सीता माता ने अपनी दृष्टि से देख लिया, उसे देखने मात्र से हल्दी जल कर भस्म हो गई। इसके अलावा श्री राम भगवान की अनेक कथा सुनाई। 
हम तो पीते है सत्संग का प्याला
साध्वी के भजन हम तो पीते है सत्संग का प्याला, जब ते राम व्याह घर आए सहित अनेक भजनों ने श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। उक्त रामकथा 17 मार्च से प्रारंभ होकर आज हवन भंडारा के साथ संपन्न हुई।
शिक्षक मंगल सिंह कुशवाह ने कथा व्यास को पहनाई पगड़ी
कथा में आज शिक्षक मंगल सिंह कुशवाह ने कथा व्यास का पगड़ी पहनाकर स्वागत
किया। अनेक भक्तो ने साध्वी को माल्यार्पण कर स्वागत किया तथा कथा का श्रवण किया।

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