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#धमाका बड़ी खबर: "योगी बाबा उत्तर प्रदेश" में "आउटसोर्स निजी कंपनियों" की "करने जा रहे छुट्टी", "वर्तमान आउटसोर्स से काम कर रहे किसी कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी" "सरकार खुद करेगी कर्मचारियों की भर्ती, शोषण होगा बंद, नौकरी भी होगी भरोसे की", लोग बोले, MP सरकार भी जागे

मंगलवार, 18 मार्च 2025

/ by Vipin Shukla Mama
Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के सरकारी विभागों से आउटसोर्सिंग कंपनियों की छुट्टी करने की तैयारी योगी बाबा ने कर ली है. अब सरकार खुद ही आउटसोर्स से भर्तियां करेगी. बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा फैसला किया है. अब उत्तर प्रदेश के सरकारी विभागों से आउटसोर्सिंग कंपनियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा. सरकार खुद ही आउटसोर्स से भर्तियां करेगी. इसके लिए यूपी सरकार जल्द ही आउटसोर्स कर्मचारी भर्ती कॉर्पोरेशन (निगम) बनाने जा रही है. प्रशासन ने काम भी शुरू कर दिया है. दरअसल सरकार का मानना है कि सरकार खुद आउटसोर्स से भर्तियां करेगी. इससे भर्तियों के नाम पर न तो कर्मचारियों का शोषण हो पाएगा और न ही कर्मचारियों की नौकरी पर हमेशा खतरा बना रहेगा. सरकार सैलरी सीधे कर्मचारी के अकाउंट में ट्रांसफर करेगी. न्यूनतम मानदेय 16 हजार रुपये रहेगा. पीएफ की सुविधा भी दी जाएगी.
12 मार्च तक मांगे थे सुझाव
बता दें, आउटसोर्स कर्मचारी भर्ती कॉर्पोरेशन (निगम) बनाने और उसके कामकाज का पहला ड्रॉफ्ट प्रशासन ने तैयार कर लिया है. निगम की ओर से 12 मार्च तक नियुक्ति और कार्मिक विभाग सहित बड़े विभागों से निगम के गठन, कर्मचारियों की सेवा शर्तों और वेतन-भत्तों के साथ सुविधाओं को लेकर सुझाव मांगे गए थे.
आउटसोर्स कंपनियों की छुट्टी के ये कारण
आउटसोर्स कंपनियां चलाने वालों में ब्यूरोक्रेट्स और नेताओं के परिवारजन, रिश्तेदार और मित्र बड़ी संख्या में मौजूद हैं.
आउटसोर्स कंपनियां कैंडिडेट्स से रिश्वत लेकर नौकरी दे रही हैं. कुछ एजेंसियां अच्छे से काम कर रही है. मगर, सरकार के सामने ऐसे कई उदाहरण है, जब एजेंसियों ने कर्मचारियों को पूरा वेतन नहीं दिया.
कंपनियों ने कर्मचारियों का पीएफ जमा नहीं कराया. पिछले साल 112 और 1090 की आउटसोर्स कर्मचारियों ने इसको लेकर आंदोलन भी किया था.
ये होगी आउटसोर्स भर्तियों में कॉर्पोरेशन की भूमिका
सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारी ने बताया कि सभी विभाग उनके यहां आउटसोर्स से होने वाली भर्ती के लिए प्रस्ताव निगम को देंगे. फिर निगन उन पदों की वैकेंसी निकालेगा. निगम ही संबंधित विभाग की जरूरत, पद, शैक्षणिक योग्यता और शर्तों के मुताबिक सिलेक्शन कर कर्मचारी देगा. साथ ही यह भी सुनिश्चित करेगा कि कर्मचारियों का वेतन और अन्य सुविधाएं समय पर मिलें. सेवा शर्तों के मुताबिक उनका पीएफ कटेगा. पीएफ कटौती की राशि ईपीएफओ खाते में जमा होगी.
ऐसे होगी भर्ती
सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारी ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन भी लिए जाएंगे. समूह ख और ग से जुड़े पदों के लिए लिखित परीक्षा के साथ इंटरव्यू की व्यवस्था भी होगी. मगर, समूह- ग के कुछ पदों और समूह घ के सभी पदों पर उसके लिए आवश्यक शैक्षणिक और तकनीकी योग्यता के आधार पर सीधी भर्ती की जाएगी. अधिकारी ने ये भी बताया कि आउटसोर्स कर्मचारी एक बार भर्ती होने के बाद काम करते रहेंगे. उनसे एक-एक साल का कांट्रैक्ट साइन कराया जाएगा. जब तक कर्मचारी की जरूरत रहेगी, वे संबंधित विभाग में काम करते रहेंगे. किसी भी कर्मचारी के खिलाफ कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज हो गया या फिर ऑफिस में सेवा नियमावली के खिलाफ कोई काम किया. दुराचरण या रिश्वत जैसी कोई शिकायत मिली तो उन्हें हटा दिया जाएगा.
ये होगा न्यूनतम वेतन
श्रम मंत्री अनिल राजभर का कहना है कि आउटसोर्स निगम से भर्ती होने वाले कर्मचारियों का वेतन न्यूनतम 16 हजार रुपये होगा. उन्होंने कहा कि शिकायतें आती रहती हैं कि एजेंसी उन्हें निर्धारित मानदेय पूरा नहीं देती. इससे कर्मचारियों का उत्पीड़न होता है. इस समस्या को दूर करने के लिए निगम आउट सोर्स कर्मचारियों का वेतन सीधे उनके खाते में जमा कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति को 21%, अनुसूचित जनजाति को 2% और अन्य पिछड़ा वर्ग के युवाओं को 27% आरक्षण दिया जाएगा.
वर्तमान कर्मचारियों की नौकरी नहीं जाएगी
अधिकारी ने बताया कि निगम बनने के बाद वर्तमान में आउटसोर्स से काम कर रहे किसी कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी. संबंधित एजेंसी का जब तक टेंडर है, वह उस अवधि तक काम करेगी. उसके बाद उस एजेंसी के कर्मचारियों को निगम के जरिए संबंधित विभाग में काम दिया जाएगा. फिलहाल, नगर विकास, चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सहित जितने भी विभाग आउटसोर्स से कर्मचारी रखते हैं, उनमें पूरे साल इसकी टेंडर प्रक्रिया चलती रहती है. इससे समय और पैसा दोनों ज्यादा लगता है. साथ ही एक साल बाद एजेंसी बदलने पर आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरी भी चली जाती है. कंपनी अपने कर्मचारी तैनात करती है. निगम बनने के बाद सभी विभागों में आउटसोर्स कर्मचारी की भर्ती निगम ही करेगा.
पौने 3 गुना बढ़ा बजट
यूपी में आउटसोर्स कर्मचारियों का बजट बीते 6 साल में करीब पौने तीन गुना तक बढ़ गया है. 2019-20 में आउटसोर्स कर्मचारियों पर 684.19 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. जबकि 2025-26 में इसके लिए 1796.93 करोड़ का बजट प्रावधान किया है.

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