इस वर्ष 28 फरवरी को चांद नजर नहीं आया था, ऐसे में इस्लाम के जानकारों और धर्मगुरुओं के मुताबिक 28 फरवरी शाबान 1446 हिजरी को रमजान का चांद दिखाई न देने से रमजान का पहला दिन 02 मार्च 2025 को है और पहला रोजा इस दिन रखा गया। आपको बता दें शब-ए-बारात के 14वें दिन रमजान का पवित्र महीना शुरू हो जाता है। दरअसल भारत में रमजान का महीना किस दिन से शुरू होगा यह मक्का में चांद के दिखाई देने पर निर्भर होता है। जिस दिन सऊदी अरब में चांद दिखाई देता है उसके अगले दिन भारत में पहला रोजा रखा जाता है और रमजान का पवित्र महीना शुरू हो जाता है। रमजान के पूरे एक माह को 30 रोजे में बांटा जाता है और इसके तीन प्रमुख हिस्से होते हैं। पहले अशरा 10 दिन, दूसरा अशरा 10 दिन और तीसरा अशरा 10 दिन। पहला अशरा 10 दिन 'रहमत' का, दूसरा अशरा 10 दिन 'बरकत' का, तीसरा अशरा 10 दिन 'मगफिरत' का होता है।
रमजान पर रोजा क्यों रखते हैं ?
रमजान के महीने में इबादत का विशेष महत्व है। रमजान का पाक महीना रोजा रखने के साथ साथ आत्मसंयम, इबादत और जरूरतमंदों की मदद और सेवा करने का बेहतरीन मौका देता है। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार साल 610 में इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार नौवें माह में मोहम्मद साहब को पवित्र कुरान शरीफ का ज्ञान प्राप्त हुआ था। तभी से लेकर आज तक मुस्लिम धर्म के अनुयायी हर साल रमजान के पवित्र महीने में रोजा रखते हैं और अंत में ईद-उल-फितर का त्योहार मनाते हैं।

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