बता दें कि आज शुक्रवार 4 अप्रैल को शहर में तेंदुआ देखे जाने और हमला करने के प्रयास की खबर से लोग दहशत में आ गए, घटना शहर के नवाब साहब रोड और फतेहपुर से जुड़ी हुई है। जिसमें नवाब साहब रोड पर किसी रत्नेश किराना स्टोर के सामने से निकलता तेंदुआ रात 1 बजे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ है, जिसका फुटेज सोशल साइड पर जिसकी आवाज के साथ लोड किया गया उसमें व्यक्ति तेंदुआ नहीं बल्कि शेर बोल रहा है। हालांकि वह क्या है तेंदुआ, टाइगर या चीता कहना संभव नहीं, जब तक वन अमला कुछ और सीसीटीवी की खोज नहीं कर लेता। (देखिए वायरल सीसीटीवी video)
खैर इस फुटेज को लेकर अभी शोर थमा भी नहीं था कि एक और वीडियो वायरल हो गया जिसमें दावा किया जा रहा है कि तेंदुआ ने एक इंसान पर अटैक की कोशिश की। वीडियो के साथ लिखा "सावधान सावधान फतेहपुर वार्ड क्रमांक 15 , 26 नंबर कोटी के सामने बस्ती में तेंदुए आया एक राहगीर के यहां पंजा मारने ही वाला था जब तक लोगो ने डण्डे से भगाया।" (देखिए वायरल video)
जरा सोचिए इस तरह के वीडियो शहर में वायरल होंगे तो कौन समझने को तैयार होगा कि पर्यटन और टाइगर से तस्वीर बदल सकती है ? वो भी ऐसे शहर में जिसमें किसी को पॉजिटिव सोचने की आदत ही नहीं ? उन्हें कौन समझाएगा की कार्बेट, पन्ना, पेंच टाइगर रिजर्व के टाइगरों ने अब तक कितने इंसानों पर अटैक किया ? जीपों में सवार होकर देश विदेश के पर्यटक टाइगर के पीछे आगे घूमते हैं लेकिन कब कब हमला हुआ है ? वास्तव में बिना छेड़े तेंदुआ हो या टाइगर या चीता इंसानों को नुकसान नहीं पहुंचाते लेकिन महाराज साहब इसके लिए पॉजिटिव अभियान की आवश्यकता है। लेकिन शिवपुरी में इसके उलट हो रहा है जैसे कि वन अमला चाहता ही नहीं कि शिवपुरी में टूरिज्म पैर पसारे!
आइए कैसे बजा रहे बैंड बताते हैं
* महाराज साहब, इसके पहले हवाई पट्टी इलाके में तेंदुआ दिखाई दिया जो आपकी छतरी तक जा पहुंचा, लेकिन वन अमले ने सिर्फ एक अपील जारी की सावधानी रखिए और उस जगह पर कोई कदम नहीं उठाया जहां रोज सैकड़ों लोग सुबह घूमने जाते हैं। आपको यकीन नहीं तो आप रात्रि विश्राम की सुबह खुद हमारी बात को परख लीजिएगा।
* दूसरी बात ये कि बलारी का मेला 3 से 5 तक लगना था ये तय था लेकिन पहल आपके कहने पर जिला प्रशासन ने की तो वन अमले ने बांधव गढ़ से लाए टाइगर तांडव को अचानक जंगल में छोड़ दिया , उसे सेलिंग क्लब पूर्व में छोड़ा गया जिससे श्रद्धालुओं को कोई खतरा नहीं लेकिन इसकी बजाए ये काम 7 के बाद किया जा सकता था। जिससे कोई अफवाह काम नहीं करती। याद रहे कि जो टाइगर आप और सीएम ने दस मार्च को छोड़ा वह 5 मार्च को रेस्क्यू कर पिंजरे में पांच दिन रहा तब छोड़ा गया था। इधर तांडव नाम की वास्तविकता भी सामने नहीं आई है?
* अब बात ऑनलाइन जीप बुकिंग की तो महाराज साहब किसी को बताए बिना, मीडिया को खबर दिए बिना जीप प्रवेश की टाइमिंग बदल दी गई है। यानी कि ऑनलाइन और प्रवेश देने में दो घंटे का अंतर आया है जिससे पर्यटक परेशान हो रहे हैं वे जीप के इंतजार में खड़े रहते हैं जबकि ऑनलाइन भी समय सुधार होना चाहिए लेकिन नहीं ?
* जिस ऊंची दीवार का निर्माण आपने करवाया है वह अभी तक पूरी नहीं बनी है। काम बंद पड़ा हुआ है।
*छोड़ उत्तम शर्मा जी के अलावा कोई बन अधिकारी फोन नहीं उठाते ? जबकि ऐसे मामलों की खबर धमाका बिना पुष्टि प्रकाशित नहीं करता , जब फोन ही नहीं उठे तो ?
इन सारी बातों को देखकर लगता है कि बन अमले की क्लास ली जाना भी आवश्यक है। साथ ही जनता को भी बताना होगा कि जिले में तेंदुआ की संख्या डेढ़ सो से अधिक है और ज्यादातर जंगल की बजाए ग्रामीण इलाकों के आसपास ही हैं जो गाय पशु पर तो अटैक करते है लेकिन इंसानी हमले की कोशिश की कोई वैधानिक पुष्टि नहीं है लेकिन अगर वह शहरी सीमा में प्रवेश कर रहे है तो उनको खदेड़ा जाना आवश्यक है।

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