Shivpuri शिवपुरी। जिले भर में वीरों के वीर हनुमान जी का जन्मोत्सव आज 12 अप्रैल को धूमधाम से मनाया जाएगा, अनेक मंदिरों पर आयोजन होंगे। प्राचीन मंशापूर्ण मंदिर पर कई आयोजन होंगे, भंडारा, सुंदर कांड, भजन के साथ हनुमान जयंती मनाई जाएगी। जिसकी तैयारी पूरी कर ली गई हैं। मंशापूर्ण पुजारी अरुण शर्मा ने बताया कि सुबह 5 बजे से कार्यक्रमों की शुरूआत हो जाएगी।इधर नगर के बांकडे हनुमान मंदिर पर होने वाली भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने ट्रैफिक पुलिस ने रूट वन वे करने का निर्णय लिया है जो हवाई पट्टी से लेकर मंदिर तक नियंत्रित किया जाएगा। साथ ही कोटा होकर लोग झांसी लिंक रोड से दर्शन बाद जाएंगे। मुख्य द्वार से केवल प्रवेश मिलेगा।
इन मंदिरों पर भी होंगे आयोजन
शहर के प्राचीन माधव चौक हनुमान मंदिर, चिंता हरण सरकार, खेड़ापति हनुमान, बड़े हनुमान, पंचमुखी हनुमान, खेरे वाले हनुमान जी, राठौर ठंडी सड़क हनुमान जी, नवग्रह हनुमान आदि मंदिरों पर हनुमान जन्मोत्सव की जोरदार तैयारी की गई है।
श्री मंशापूर्ण ज्योतिष शिबपुरी 9993462153
9425137382
हनुमान जयंती के विशेष मुहूर्त में करें ये विशेष उपाय :-डॉ विकासदीप शर्मा ASTROLOGER
श्री मंशापूर्ण ज्योतिष अनुसार धर्म ग्रंथों के अनुसार चैत्र मास की पूर्णिमा को हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 12 अप्रैल, शनिवार को है। शनिवार को हनुमान जयंती का शुभ योग बनने से इस दिन किए जाने वाले उपायों से न सिर्फ हनुमान प्रसन्न होंगे बल्कि शनिदेव का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा। इस दिन हनुमानजी तथा शनिदेव दोनों से संबंधित उपाय किए जा सकते हैं। दोनों के ही उपायों से शुभ फल प्राप्त होंगे।
भक्त अपनी श्रद्धा अनुसार हनुमान जी के विविध रूपों में उनकी आराधना करते हैं
बालाजी रूप मे
संकट मोचन रूप में
महावीर रूप में
रामभक्त रूप में
वृद्ध हनुमान रूप में
शनि त्रासक काले रूप में
कृष्ण प्यारे श्यामल रूप में
कहीं ह्रदय में सियाराम के दर्शन कराते
कहीं पञ्च मुखी तो कहीं
इसके अतिरिक्त भी देश में हनुमान जी के सैकड़ों स्वरुप पूजनीय हैं जिनका वर्णन असंभव है।
ये उपाय इस प्रकार हैं-
हनुमानजी अखण्ड ब्रह्मचारी व महायोगी भी हैं। इसलिए सबसे जरूरी है कि उनकी किसी भी तरह की उपासना में वस्त्र से लेकर विचारों तक पावनता, ब्रह्मचर्य व इंद्रिय संयम को अपनाएं।
इनमें से जो भी उपाय आप सरलता से कर सकते हैं वो अवश्य करें
हनुमान जयंती पर हनुमानजी को सिंदूर का चोला चढाएं। हनुमानजी को चोला चढ़ाने से पहले स्वयं स्नान कर शुद्ध हो जाएं और साफ वस्त्र धारण करें। सिर्फ लाल रंग की धोती पहने तो और भी अच्छा रहेगा। पूर्णिमा तिथि या शनिवार को हनुमानजी को तिल या चमेली का तेल मिले सिंदूर से चोला चढ़ाने से सारी भय, बाधा और मुसीबतों का अंत हो जाता है। चोला चढ़ाते वक्त इस मंत्र का स्मरण करें
सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यसुखवर्द्धनम्।
शुभदं चैव माङ्गल्यं सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्।।
चोला चढ़ाने के लिए चमेली के तेल का उपयोग करें। साथ ही, चोला चढ़ाते समय एक दीपक हनुमानजी के सामने जला कर रख दें। दीपक में भी चमेली के तेल का ही उपयोग करें ।
चोला चढ़ाने के बाद हनुमानजी को गुलाब के फूल की माला पहनाएं और केवड़े का इत्र हनुमानजी की मूर्ति के दोनों कंधों पर थोड़ा-थोड़ा छिटक दें। अब एक साबूत पान का पत्ता लें और इसके ऊपर थोड़ा गुड़ व चना रख कर हनुमानजी को इसका भोग लगाएं। भोग लगाने के बाद उसी स्थान पर थोड़ी देर बैठकर तुलसी की माला से नीचे लिखे मंत्र का जाप करें। कम से कम 5 माला जाप अवश्य करें।
मंत्र- राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।
सहस्त्र नाम तत्तुन्यं राम नाम वरानने।।
अब हनुमानजी को चढाए गए गुलाब के फूल की माला से एक फूल तोड़ कर उसे एक लाल कपड़े में लपेटकर अपने धन स्थान यानी तिजोरी में रखें। आपको कभी धन की कमी नहीं होगी।
हनुमान जयंती को शाम के समय समीप स्थित किसी ऐसे मंदिर जाएं, जहां भगवान श्रीराम व हनुमानजी दोनों की ही प्रतिमा हो। वहां जाकर श्रीराम व हनुमानजी की प्रतिमा के सामने शुद्ध घी के दीपक जलाएं। इसके बाद वहीं भगवान श्रीराम की प्रतिमा के सामने बैठकर हनुमान चालीसा तथा हनुमान प्रतिमा के सामने बैठकर राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें। इस उपाय से भगवान श्रीराम व हनुमानजी दोनों की ही कृपा आपको प्राप्त होगी।
हनुमानजी को प्रसन्न करने का यह बहुत प्राचीन उपाय है।
हनुमान जयंती पर सुबह स्नान आदि करने के बाद बड़ के पेड़ से 11 या 21 पत्ते तोड़ लें। ध्यान रखें कि ये पत्ते पूरी तरह से साफ व साबूत हों। अब इन्हें स्वच्छ पानी से धो लें और इनके ऊपर चंदन से भगवान श्रीराम का नाम लिखें। अब इन पत्तों की एक माला बनाएं। माला बनाने के लिए पूजा में उपयोग किए जाने वाले रंगीन धागे का इस्तेमाल करें। अब समीप स्थित किसी हनुमान मंदिर जाएं और हनुमान प्रतिमा को यह माला पहना दें।
ऐसे ही श्री राम लिखे एक पत्ते को अपने पर्स में रख लें। साल भर आपका पर्स पैसों से भरा रहेगा। इसके बाद जब दोबारा हनुमान जयंती का पर्व आए तो इस पत्ते को किसी नदी में प्रवाहित कर दें और इसी प्रकार से एक और पत्ता अभिमंत्रित कर अपने पर्स में रख लें।
अगर आप शनि या राहु के दोष से पीड़ित हैं तो हनुमान जयंती पर काली उड़द व कोयले की एक पोटली बनाएं। इसमें एक रुपए का सिक्का रखें। इसके बाद इस पोटली को अपने ऊपर से उसार कर किसी नदी में प्रवाहित कर दें और फिर किसी हनुमान मंदिर में जाकर राम नाम का जाप करें इससे शनि दोष का प्रभाव कम हो जाएगा।
हनुमानजी शिव के अवतार हैं और शनिदेव परम शिव भक्त और सेवक हैं। इसलिए शरद पूर्णिमा पर शनि दशा या अन्य ग्रहदोष से आ रही कई परेशानियों और बाधाओं से फौरन निजात पाने के लिए श्रीहनुमान चालीसा, बजरंगबाण, हनुमान अष्टक का पाठ करें। श्रीहनुमान की गुण, शक्तियों की महिमा से भरे मंगलकारी सुन्दरकाण्ड का परिजनों या इष्टमित्रों के साथ शिवालय में पाठ करें। यह भी संभव न हो तो शिव मंदिर में हनुमान मंत्र ‘हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्’ का रुद्राक्ष माला से जप करें या फिर सिंदूर चढ़े दक्षिणामुखी या पंचमुखी हनुमान के दर्शन कर चरणों में नारियल चढ़ाकर उनके चरणों का सिंदूर मस्तक पर लगाएं। इससे ग्रहपीड़ा या शनिपीड़ा का अंत होता है।
निम्न स्तुति का फल भी अपरम्पार है। चाहे रोग हो अथवा राहू केतु शनि मंगल आदि ग्रह जनित दोष कष्ट इसके पाठ से सब शांत हो जाते हैं।
यदि निम्न स्तुति की हर पंक्ति के अंत में नमामि लगा कर पाठ करें तो यह हनुमानाष्टक के समान फल प्रदान करती है।
अतुलित बलधामं स्वर्ण शैलाभ देहं ।
दनुज वन कृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् ।।
सकल गुण निधानं वानराणामधीशं।
रघुपति प्रिय भक्तं वातजात नमामि।।
शास्त्रों में हनुमानजी की भक्ति तंत्र मार्ग व सात्विक मार्ग दोनों ही तरह से बताई गई है। इसके लिए मंत्र जप भी प्रभावी माने गए हैं। सात्विक तरीकों से कामनापूर्ति के लिए मंत्र जप रुद्राक्ष माला से और तंत्र मार्ग से लक्ष्य
पूरा करने के लिए मूंगे की माला से मंत्र जप बड़े ही असरदार होते हैं.
मनचाही मुराद पूरी करने के लिए सिंदूर लगे एक नारियल पर मौली या कलेवा लपेटकर हनुमानजी के चरणों में अर्पित करें।
हनुमानजी को नैवेद्य चढ़ाने के लिए भी शास्त्रों में अलग- अलग वक्त पर विशेष नियम उजागर हैं। इनके मुताबिक सवेरे हनुमानजी को नारियल का गोला या गुड़ या गुड़ से बने लड्डू का भोग लगाना चाहिए। इसी तरह दोपहर में हनुमान की पूजा में घी और गुड़ या फिर गेहूं की मोटी रोटी बनाकर उसमें ये दोनों चीजें मिलाकर बनाया चूरमा अर्पित करना चाहिए। वहीं, शाम या रात के वक्त हनुमानजी को विशेष तौर पर फल का नैवेद्य चढ़ाना चाहिए। हनुमानजी को जामफल, केले, अनार या आम के फल बहुत प्रिय बताए गए हैं। इस तरह हनुमानजी को मीठे फल व नैवेद्य अर्पित करने वाले की दु:ख व असफलताओं की कड़वाहट दूर होती है और वह सुख व सफलता का स्वाद चखता है।
शाम के वक्त हनुमानजी को लाल फूलों के साथ जनेऊ, सुपारी अर्पित करें और उनके सामने चमेली के तेल का पांच बत्तियों का दीपक नीचे लिखे मंत्र के साथ लगाएं
- साज्यं च वर्तिसं युक्त वह्निनां योजितं मया।
दीपं गृहाण देवेश प्रसीद परमेश्वर।
यह उपाय किसी भी विघ्र-बाधा को फौरन दूर करने वाला माना जाता है
पूर्णिमा पर पूर्ण कलाओं के साथ उदय होने वाले चंद्रमा की रोशनी नई उमंग, उत्साह, ऊर्जा व आशाओं के साथ असफलताओं व निराशा के अंधेरों से निकल नए लक्ष्यों और सफलता की ओर बढऩे की प्रेरणा देती है।
लक्ष्यों को भेदने के लिये इस दिन अगर शास्त्रों में बताए श्रीहनुमान चरित्र के अलग-अलग 12 स्वरूपों का ध्यान एक खास मंत्र स्तुति से किया जाए तो आने वाला वक्त बहुत ही शुभ व मंगलकारी साबित हो सकता है। इसे हर रोज भी सुबह या रात को सोने से पहले स्मरण करना न चूकें –
हनुमानञ्जनी सूनुर्वायुपुत्रो महाबल:।
रामेष्ट: फाल्गुनसख:पिङ्गाक्षोमितविक्रम:।।
उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशन:।
लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा।।
एवं द्वादश नामानि कपीन्द्रस्य महात्मन:।
स्वापकाले प्रबोधे च यात्राकाले च य: पठेत्।।
तस्य सर्वभयंनास्ति रणे च विजयी भवेत्।।
इस खास मंत्र स्तुति में श्री हनुमान के 12 नाम उनके गुण व शक्तियों को भी उजागर करते हैं ।
जीवन के हर क्षेत्र में हनुमान जी की कृपा प्राप्ति के लिए निम्न श्लोकों का पाठ करना चाहिए।
जयत्यतिबलो रामो लक्ष्मणश्च महाबलः।
राजा जयति सुग्रीवो राघवेणाभिपालितः।।
दासोऽहं कोसलेन्द्रस्य रामस्याक्लिष्ट कर्मणः।
हनूमान शत्रुसैन्यानां निहन्ता मारुतात्मजः।।
न रावणसहस्रं मे युद्धे प्रतिबलं भवेत्।
शिलाभिश्च प्रहरतः पादपैश्च सहस्रशः।।
अर्दयित्वा पुरीं लंकामभिवाद्य च मैथिलीम्।
समृद्धार्थो गमिष्यामि मिषतां सर्वरक्षसाम्।। (वा.रा. 5/42/33-36)
हनुमान बाहुक के पाठ से सभी रोग एवं पीड़ाएं दूर हो जाती हैं। एक बार जब तुलसी दास जी स्वयं गंभीर रोग से पीड़ित हुए और कोई दवा वैद्य पूजा उनके कम न आई तो उन्होंने उसी असहय पीड़ा में हनुमान बाहुक नामक स्तोत्र की रचना की और स्तवन किया। हनुमान जी की कृपा से वे शीघ्र ही स्वस्थ हो गए।
हनुमान जी की भक्ति स्त्री, पुरुष, बालक, वृद्ध सभी समान रूप से कर सकते हैं। भक्त की भक्तवत्सलता, श्रद्धा भाव, संबंध, समर्पण ही श्री हनुमान जी की कृपा का मूल का मंत्र है।
ॐ हं हनुमते रुद्रत्मकाये हुम् फट।
मंगल शांति:--
अग्नि तत्व वाले मंगल ग्रह का वक्री होना उन सभी लोगों के लिये कष्टकर हो सकता है जो की जन्मकुंडली अनुसार मंगली हैं, या उच्च नीच या पाप / कष्ट भावस्थ होने से परेशान हैं।
ऐसे में मंगल देव की शांति के लिये हनुमान जी की पूजा अर्चना और जप विशेष लाभदायी हैं।
जिनके घर में सदा क्लेश हो, क़र्ज़ बढ़ गए हों, तरक्की न होती हो या संतान गलत दिशा में भटक गयी हो अथवा रोज कोई न कोई अपशकुन होता हो उन्हें ताम्बे में बना मंगल यन्त्र विधि पूर्वक प्रतिष्ठित करवा कर अपने घर मे स्थापित करना चाहिए व् इसका नित्य पूजन करना चाहिए।
**14. इनके अतिरिक्त
सुंदरकांड
हनुमान चालीसा
हनुमानाष्टक
बजरंग बाण
हनुमान बाहुक अथवा
शाबर मंत्रादि के यथाशक्ति पाठ और हवन से भी हनुमानजी की कृपा प्राप्त की जा सकती है।
*हनुमान जयन्ती पर श्री बाकडे मंदिर पर यातायात एवं पार्किंग व्यवस्था रूट चार्ट*
दिनांक 12/04/2025 को हनुमान जयन्ती के अवसर पर श्री बाकडे हनुमान जी मंदिर पर काफी संख्या में श्रध्दालुओं का आवागमन रहेगा । इस दौरान यातायात एवं पार्किग व्यवस्था निम्न प्रकार रहेगी।
01. हनुमान जयंती पर श्री वाकडे हनुमान मंदिर पर काफी श्रदालु दर्शन करने जायेगे जिसके कारण इस मार्ग पर काफी भीड भाड रहेगी इस मार्ग पर भारी वाहन (ट्रक/बसे) सुरवाया फोर लाइन एवं गुना नाका से पडोरा होकर डायवर्ट किया जायेगा बस एवं ट्रकों का बाकडे मंदिर रोड पर प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
02- आँटो से जाने वाले श्रध्दालुओं के ऑटों बाकडे मंदिर रोड के सामने झाँसी रोड पर रोड के किनारे पार्क किये जायेगें।
03. दो पहिया व चार पहिया वाहनों की पार्किग बाकडे मंदिर के सामने पार्किग स्थल पर रहेंगी यहाँ से श्रध्दालु दर्शन करने के बाद कोटा गाँव होते हुए झाँसी रोड पर आयेगे।
04. बाकडे मंदिर जाने वाला मार्ग वनवे रहेगा वापसी में श्रध्दालु कोटा गाँव होते हुए झाँसी रोड पर आयेगें।
05 थीम रोड पर मशापूर्ण मंदिर, लेटे हनुमान मंदिर एवं बालाजी हनुमान मंदिर पर काफी श्रदालु दर्शन करने जायेगे जिसके कारण कठमई तिराहा से सुवह 07.00 बजे से भारी वाहन प्रतिवंधित रहेगे आवश्कता पडने पर यात्री बसो को भी डायवर्ट किया जायेगा। श्री बाकडे मंदिर जाने वाले सभी श्रध्तालुओ से यातायात पुलिस अनुरोध करती है कि अपने वाहनों को निर्धारित पार्किग स्थल पर ही खडा करें। एवं यातायात पुलिस का सहयोग करें।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें