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#धमाका खास खबर: नया वित्त वर्ष एक अप्रैल 2025 से शुरू, बदले ये 6 नियम

मंगलवार, 1 अप्रैल 2025

/ by Vipin Shukla Mama
Delhi दिल्ली। नया वित्त वर्ष आज मंगलवार यानी एक अप्रैल 2025 से शुरू हो गया है. यह दिन फ़ाइनेंस, बैंकिंग और पेंशन सहित अन्य मामलों के लिए ख़ास है, क्योंकि पहले दिन से ही इनमें महत्वपूर्ण बदलाव लागू हो रहे हैं.
नए वित्त वर्ष में आयकर स्लैब में बदलाव होगा, जिससे एक निश्चित सीमा के भीतर आय वाले लोगों को कम टैक्स देना होगा, मोबाइल से यूपीआई भुगतान में सुरक्षा बढ़ेगी और पेंशन योजनाओं में भी बदलाव होंगे. ये बदलाव लाखों करदाताओं, वरिष्ठ नागरिकों, बैंक ग्राहकों और यूपीआई के माध्यम से भुगतान करने वाले लोगों पर लागू होंगे.
जानते हैं उन छह चीजों के बारे में जिनसे जुड़े नियम मंगलवार एक अप्रैल से बदल रहे हैं.
यूपीआई भुगतान होगा सुरक्षित 
भारत में यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) भुगतान लोकप्रिय हो गया है और इससे रोजाना होने वाले लेन-देन की संख्या करोड़ों में है.
लेकिन कई लोग यूपीआई से लिंक करने के बाद अपना मोबाइल नंबर अपडेट नहीं कराते, जिससे वह निष्क्रिय हो जाता है. इससे सुरक्षा संबंधी बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है. भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं, जो एक अप्रैल से लागू होंगी. इसके अनुसार, यदि आपका मोबाइल नंबर लंबे समय से निष्क्रिय है या इस्तेमाल में नहीं है, और यह नंबर यूपीआई से जुड़ा हुआ है, तो अपने बैंक से एक अप्रैल से पहले यह जानकारी अपडेट करवा लें. ऐसा न करने पर यूपीआई भुगतान तक पहुंच रोक दी जाएगी.
संक्षेप में, एक अप्रैल 2025 से बैंकों और थर्ड पार्टी यूपीआई प्रदाताओं जैसे फोनपे, गूगलपे आदि को निष्क्रिय मोबाइल नंबरों को हटाने के लिए कुछ नियमों का पालन करना होगा.
दूरसंचार विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, यदि किसी मोबाइल नंबर का लंबे समय से उपयोग नहीं किया गया है, तो वह नंबर 90 दिनों के बाद किसी नए उपयोगकर्ता को दिया जा सकता है. इसका मतलब यह है कि जिस नंबर पर तीन महीने के लिए कोई कॉल, संदेश या डेटा सेवा निलंबित कर दी गई है, उसे किसी और को आवंटित किया जा सकता है. यदि इस तरह के नंबर को यूपीआई भुगतानों से जोड़ा जाता है, तो इससे सुरक्षा जोखिम और वित्तीय संकट पैदा हो सकता है. इसलिए इसे लेकर एक नया नियम लागू किया गया है.
टैक्स स्लैब में बदलाव
इस वर्ष के केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए इनकम टैक्स स्लैब की घोषणा की थी.
नया इनकम टैक्स स्लैब एक अप्रैल से लागू हो रहा है, जिसके तहत 12 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले लोगों को कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा.
इसके अलावा नौकरीपेशा लोगों को 75 हज़ार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ भी मिलेगा. इसलिए सैलरी क्लास लोगों को 12.75 लाख रुपये तक की सालाना आय पर टैक्स नहीं देना होगा.
इसमें 4 से 8 लाख तक 5%, 8 से 12 तक 10%, 12 से 16 तक 15%, 16 से 20 तक 20%, 20 से 24 तक 25%, 24 लाख से अधिक पर 30% टैक्स देना होगा। 
बैंक में न्यूनतम बेलेंस के बदले नियम
एक अप्रैल से बैंकों में न्यूनतम बैलेंस कितना रखना है, इससे जुड़े नियम बदल गए हैं.
एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक), पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक समेत कई बैंक यह बदलाव करने जा रहे हैं.अब आप किसी अन्य बैंक के एटीएम से हर महीने केवल तीन बार ही पैसा निकाल सकेंगे. इसके बाद हर दिन लेनदेन पर 20 से 25 रुपये का शुल्क देना होगा. साथ ही जो खाताधारक अपने खातों में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने में विफल रहेंगे, उन्हें दंडित किया जाएगा.
न्यूनतम शेष राशि का निर्धारण इस आधार पर किया जाएगा कि बैंक खाता शहरी, अर्ध-शहरी या ग्रामीण इलाक़े में स्थित है. इसके अलावा एक महीने बाद यानी एक मई से एटीएम से पैसे निकालना भी महंगा हो जाएगा. रिजर्व बैंक ने बैंकों को एटीएम इंटरचेंज शुल्क बढ़ाने की अनुमति दे दी है. अब हर महीने एटीएम से निःशुल्क निकासी की संख्या कम कर दी गई है. इससे ग्राहकों की लागत बढ़ जाएगी, ख़ासकर किसी अन्य बैंक के एटीएम का इस्तेमाल करना महंगा हो जाएगा.
GST के नियम भी बदले
एक अप्रैल से जीएसटी में भी नए नियम लागू होने जा रहे हैं. अब से जीएसटी पोर्टल पर मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (एमएफए) उपलब्ध होगा, जिससे करदाताओं की सुरक्षा बढ़ जाएगी.
जीएसटी में ई-वे बिल केवल उन मूल दस्तावेजों के लिए तैयार किया जा सकता है जो 180 दिनों से अधिक पुराने न हों.
जो लोग टीडीएस के लिए जीएसटीआर-7 दाखिल कर रहे हैं, वे महीनों को छोड़कर इसे क्रम से दाखिल नहीं कर सकेंगे. इसके अलावा प्रमोटरों और निदेशकों को बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के लिए जीएसटी सुविधा केंद्र पर जाना होगा.
एकीकृत पेंशन लागू
केंद्र सरकार ने अगस्त 2024 में एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) शुरू करने की घोषणा की थी, लेकिन इसे एक अप्रैल 2025 से लागू किया जाना है. इससे केंद्र सरकार के करीब 23 लाख कर्मचारियों को फायदा पहुंचने की संभावना है.
जिन लोगों ने केंद्र सरकार में कम से कम 25 साल की सेवा पूरी कर ली है, उन्हें पिछले 12 महीनों के औसत मूल वेतन के 50 प्रतिशत के बराबर पेंशन मिलेगी.
इससे उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद भी वित्तीय सुरक्षा बनाए रखने में मदद मिलेगी.
सेबी ने भी बदले नियम 
एक अप्रैल से सेबी विशेष निवेश कोष (एसआईएफ) लॉन्च करने जा रहा है, जो म्यूचुअल फंड और पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं (पीएमएस) के बीच होगा इसमें न्यूनतम 10 लाख रुपए का निवेश करना होगा. इसके अलावा, विभिन्न क्रेडिट कार्ड कंपनियों के रिवॉर्ड पॉइंट स्ट्रक्चर में भी बदलाव होने जा रहा है.


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